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    National Handloom Day 2024: रोजगार व लघु उद्योगों को बढ़ावा देना है 'राष्ट्रीय हथकरघा दिवस' मनाने का खास उद्देश्य

    Updated: Wed, 07 Aug 2024 09:27 AM (IST)

    हर साल 7 अगस्त को राष्ट्रीय हथकरघा दिस मनाया जाता है। जिसका मकसद लघु उद्योगों को बढ़ावा देना और रोजगार के अवसर प्रदान करना है। साल 2015 में पहली बार च ...और पढ़ें

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    राष्ट्रीय हथकरघा दिवस का इतिहास व महत्व (Pic credit- freepik)

    लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। हरियाली तीज के अलावा आज भारत में राष्ट्रीय हथकरघा दिवस (National Handloom Day 2024) भी मनाया जा रहा है। कृषि के बाद हथकरघा भारत का सबसे बड़ा और महत्वपूर्ण क्षेत्र है। हथकरघा कारीगर कपास, रेशम और ऊन द्वारा खूबसूरत साड़ियां और दूसरी चीजें तैयार करते हैं। भारत में हथकरघा आजीविका का प्रमुख स्त्रोत है। यह दिन हथकरघा समुदाय और आर्थिक विकास में उनके महत्वपूर्ण योगदान को सम्मानित करने के लिए मनाया जाता है।

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    हैंडलूम का इतिहास

    7 अगस्त को ‘स्वदेशी’ आंदोलन की याद में राष्ट्रीय हथकरघा दिवस मनाने की शुरुआत हुई थी। स्वदेशी आंदोलन की शुरुआत साल 1905 में हुई थी। इसका मकसद विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार था। इस आंदोलन के चलते भारत के लगभग हर घर में खादी बनाने की शुरुआत हुई थी। हथकरघा उद्योग आज से नहीं, बल्कि काफी वक्त से हाथ के कारीगरों को रोजगार प्रदान करते आया है, लेकिन फिर भी इन कारीगरों की स्थिति कुछ खास अच्छी नहीं है। 7 अगस्त, 2015 में पहली बार इस दिन को मनाया गया था। तब से हर साल इस दिन को मनाया जा रहा है। 7 अगस्त 2024 को 10वां हैंडलूम-डे मनाया जा रहा है।

    क्यों मनाया जाता है हथकरघा दिवस?

    कृषि के बाद हथकरघा क्षेत्र भारत की अर्थव्यवस्था में अहम योगदान देता है। देश के सामाजिक- आर्थिक विकास में हथकरघा के योगदान को बताने के मकसद से यह दिन मनाया जाता है। साथ ही भारतीय बुनकरों और कर्मचारियों द्वारा बनाए गए सामानों को सराहना भी इस दिवस को मनाने का उद्देश्य है। 

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    हथकरघा दिवस कैसे मनाया जाता है?

    राष्ट्रीय हथकरघा दिवस के मौके पर कई तरह के कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। फैशन शो, हैंडीक्रॉफ्ट एग्जीबिशन, सेमिनार और वर्कशॉप्स के जरिए लोगों को हथकरघा का महत्व बताने का प्रयास किया जाता है। हथकरघा प्रोडक्ट्स के डिजाइन्स और रंग उन्हें खास बनाने का काम करते हैं। हथकरघा उत्पादों की मांग भारत ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी है। 

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