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    World Multiple Sclerosis Day 2023: जानें कैसे हुई इस दिन की शुरुआत और क्या है इस साल की थीम

    By Ritu ShawEdited By: Ritu Shaw
    Updated: Tue, 30 May 2023 05:24 PM (IST)

    World Multiple Sclerosis Day 2023 हर साल 30 मई को विश्व मल्टीपल स्केलेरोसिस दिवस मनाया जाता है। चलिए जानते हैं कि इस दिन की शुरुआत कैसे हुई और इसका महत्व क्या है। साथ ही इस साल की थीम भी जानें।

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    World Multiple Sclerosis Day 2023: जानें इसका इतिहास और महत्व

    नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। World Multiple Sclerosis Day 2023: मल्टीपल स्केलेरोसिस एक ऑटोइम्यून डिजीज है,जिसके बारे में जागरुकता बढ़ाने और इस बीमारी से पीड़ित लोगों को मदद करने के लिए हर साल 30 मई को विश्व मल्टीपल स्केलेरोसिस दिवस मनाया जाता है। ये बीमारी व्यक्ति के सेंट्रल नर्वस सिस्टम को प्रभावित करती है, जिसमें थकान, मांसपेशियों की कमजोरी, शरीर के अंग का सुन्न हो जाना, सिरदर्द के साथ-साथ संतुलन बनाने में भी कठिनाई होने लगती है। चलिए जानते हैं कि इस दिन की शुरुआत कैसे हुई और इसके इस साल की थीम क्या है।

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    विश्व मल्टीपल स्केलेरोसिस दिवस का इतिहास क्या है?

    वर्ल्ड मल्टीपल स्केलेरोसिस डे की शुरुआत मल्टीपल स्केलेरोसिस इंटरनेशनल फेडरेशन (MSIF) ने साल 1967 में की थी। इस दौरान इसे राष्ट्रीय MS सोसायटी के के एक नेटवर्क के रूप में स्थापित किया गया था। लेकिन साल 2009 से, MSIF ने बीमारी के बारे में जागरुकता बढ़ाने और वैश्विक MS समुदाय के बीच एकजुटता को बढ़ावा देने के लिए 30 मई को विश्व मल्टीपल स्केलेरोसिस दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की।

    विश्व मल्टीपल स्केलेरोसिस दिवस की थीम क्या है?

    MSIF ने साल 2020-2023 तक के लिए इसका थीम 'कनेक्शन' रखा है। इस दौरान इसका ध्यान सामुदायिक संपर्क बनाना, व्यक्तिगत संबंध बनाना और हाई क्वालिटी की देखभाल से लोगों के बीच संपर्क बनाने पर होगा। इसके अलावा संगठन इस बात पर भी ध्यान केंद्रित करती है कि इस बीमारी से जूझ रहे लोग सामाज में खुद को अकेला न पाएं।

    विश्व मल्टीपल स्केलेरोसिस दिवस का महत्व क्या है?

    विश्व मल्टीपल स्केलेरोसिस दिवस का महत्व यह है कि यह इस बीमारी के बारे में जागरुकता फैलाने के साथ-साथ पीड़ित लोगों के सामने आने वाली चुनौतियों के बारे में शिक्षित करने के लिए एक मंच के रूप में काम करता है। एमएस एक गंभीर बीमारी है और इससे जूझने वाले लोग खुद को बिल्कुल असहाय महसूस करने लगते हैं। ये बीमारी दुनिया भर में लाखों लोगों को प्रभावित करती है, फिर भी इससे जूझने वाले लोगों के साथ भेदभाव किया जाता है। इसीलिए इस दिन को मनाने की शुरुआत की गई ताकि इससे पीड़ित लोगों के लिए समझ और समर्थन बढ़ाने में मदद की जा सके।

    Pic Credit: Freepik