Valentine's Day 2023: हाथ से लिखे ख़तों से लेकर चॉकलेट्स तक, वक्त के साथ कैसे बदलता गया वैलेंटाइन्स डे...!
Valentines Day 2023 चॉकलेट्स फूल दिल के आकार के कार्ड्स और क्या कुछ नहीं... ये सभी चीज़ें वैलेंटाइन डे पर आपको हर जगह नज़र आ जाएंगी। प्यार करने वालों का यह दिन हर साल 14 फरवरी को मनाया जाता है। यह दिन सिर्फ प्यार बांटने के लिए है।
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Valentine's Day 2023: पूरी दुनिया में वैलेंटाइन डे का त्योहार काफी धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन का नाम सेंट वैलेंटाइन के नाम पर पड़ा है। हालांकि, वैलेंटाइन से जुड़ी कई कहानियां आपने सुनी होंगी, लेकिन ज़्यादातर लोगों का मानना है कि सेंट वैलेंटाइन को इसलिए माना जाता है, क्योंकि वे एक रोमन प्रीस्ट थे और उन्होंने लोगों की छिपकर शादी करने में मदद की थी।
कहानी कुछ इस तरह है, रोम के सम्राट क्लॉडियस II, जिन्होंने 268 AD से लेकर 270 AD तक राज किया, ने शादियों पर बैन लगा दिया था। उनका मानना था कि जो पुरुष शादिशुदा नहीं होते, वे बेहतर सैनिक बनते हैं। सेंट वैलेंटाइन को लगा कि इस तरह बैन लगाना सही नहीं है और उन्होंने नियम तोड़कर लोगों की छिपकर शादी करवाई। शादी का कभी भी जश्न नहीं मनाया गया, लेकिन एक दिन को पकड़े गए और बादशाग का हुक्म न मानने के लिए 14 फरवरी के दिन उन्हें मार दिया गया।
यह भी कहा जाता है कि मरने से पहले उन्होंने जेलर की बेटी के लिए पहला 'वैलेंटाइन' ख़त लिखा, जिससे वह प्यार कर बैठे थे। वर्षों बाद 5वीं सदी में पोप गेलासियस ने ऐलान किया कि 14 फरवरी का दिन सेंट वैलेंटाइन डे के रूप में मनाया जाएगा।
सदियो पुरानी है मैचमेकिंग की प्रथा
असल में कपल्स को लेकर इस तरह का जश्न सेंट वैलेंटाइन से सदियों पहले से मनाया जा रहा था। प्राचीन बुतपरस्त त्योहार हर साल फरवरी के महीने में रोम में होता है, जहां फोकस होता है नए कपल्स को साथ में लाने पर।
इस त्योहार के दौरान, ऐसा कहा जाता है कि लड़के एक कटोरे में से लड़की के नाम की चिट निकालते थे। फिर वह जोड़ा त्योहार के दौरान साथ समय बिताता था, कुछ आगे चलकर शादी भी कर लेते थे। जब पोप गेलासियस ने सेंट वैलेंटाइन डे मनाने की घोषणा की, तो तब से यह एक ईसाई त्योहार बन गया और फोकस सेंट पर चला गया। हालांकि, कैथोलिक चर्च सेंट वैलेंटाइन्स डे को अपने कैलेंडर का हिस्सा अब नहीं मानते हैं, लेकिन फिर भी दुनियाभर में इसे मनाया जाता है।
समय के साथ जश्न का तरीका बदला
वैलेंटाइन्स डे मनाने की परंपरा वक्त के साथ काफी बदली है। उदाहरण के तौर पर, मध्य युग में - जो यूरोप में 5वीं से 15वीं शताब्दी तक चला, उस दौरान लोग हाथ से बने कार्ड्स एक दूसरे को देते थे, जिसमें अंदर एक प्रेम पत्र भी छिपा होता था। आज के ज़माने में वैलेंटाइन्स डे के लिए कार्ड से लेकर तोहफे सब बाज़ारों में उपलब्ध हैं और दुनियाभर के लोग इन पर लाखों रुपए खर्च भी करते हैं।
दक्षिण अफ्रीका में महिलाएं अपने कपड़ों की बाज़ू पर दिल का आकार लगाती थीं। कई लड़कियां अपने क्रश के नाम शर्ट की आस्तीन पर लगाती थीं। वहीं, भारत में जोड़े इस दिन को धूमधाम से मनाने हैं। कोई डेट पर जाता है, तो कोई खास तोहफों से दिन को खास बनाता है। वहीं, कई लोग इस दौरान ट्रिप भी प्लान करते हैं।
वैसे आप चाहें वैलेंटाइन डे को किसी भी तरह क्यों न मनाते हों, एक बात तो पक्की है, यह दिन प्यार करने वालों के लिए बेहद खास होता है!
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