Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Hyper-pigmentation Remedies: क्या है हाइपर-पिगमेंटेशन और क्या हैं इससे बचने उपाय?

    By Ruhee ParvezEdited By:
    Updated: Mon, 26 Jul 2021 12:58 PM (IST)

    Hyper-pigmentation Remedies कई बार उमस की वजह से पिंपल्स आ जाते हैं और फिर वे भद्दे दाग़ छोड़ जाते हैं। यानी पिगमेंटेशन (Skin Pigmentation) की समस्या से अक्सर लोग जूझते हैं। इसलिए पिगमेंटेशन के बारे में जानना बहुत ज़रूरी है।

    Hero Image
    क्या है हाइपर-पिगमेंटेशन और क्या हैं इससे बचने उपाय?

    नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Hyper-pigmentation Remedies: परफेक्ट स्किन की चाहत किसकी नहीं होती। हालांकि, किसी की भी स्किन हर वक्त बेस्ट नहीं रहती। मौसम बदलने, हार्मोनल बदलाव, खानपान में कमी, एक्सरसाइज़ की कमी, इन सभी का असर हमारी त्वचा पर पड़ता है। कई बार उमस की वजह से पिंपल्स आ जाते हैं, और फिर वे भद्दे दाग़ छोड़ जाते हैं। यानी पिगमेंटेशन (Skin Pigmentation) की समस्या से अक्सर लोग जूझते हैं। इसलिए पिगमेंटेशन के बारे में जानना बहुत ज़रूरी है। तो आइए जानते हैं कि पिगमेंटेशन क्या है, यह कितने तरह के होते हैं और इसका इलाज किस तरह संभव है?

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    क्या है पिगमेंटेशन?

    पिगमेंटेशन त्वचा पर पड़ने वाले गहरे धब्बों का कहा जाता है। इसमें कहीं-कहीं से त्वचा का रंग काला होने लगता है। इसी को हाइपर-पिगमेंटेशन भी कहा जाता है। कुछ लोगों के चेहरे पर इसके निशान छोटे होते हैं, तो किसी के ज़्यादा बड़े हो जाते हैं। हालांकि, यह सेहत को किसी तरह का नुकसान नहीं पहुंचाते, लेकिन दिखने में अच्छे नहीं लगते।

    पिगमेंटेशन कितने तरह के होते हैं

    पिगमेंटेशन दो तरह के होते हैं, हाइपर-पिगमेंटेशन और हाइपो-पिगमेंटेशन। हाइपर-पिगमेंटेशन में त्वचा के एक हिस्से का रंग बाकी हिस्सों से गहरा या काला हो जाता है। इसमें त्वचा पर धब्बे भी पड़ जाते हैं। हाइपर-पिगमेंटेशन का सबसे बड़ा कारण होता है, त्वचा में मेलानिन का स्तर बढ़ जाना। वैसे तो यह एक सामान्य समस्या है, लेकिन इसके होने पर लोगों में आत्मविश्वास की कमी आ जाती है। वे अपनी त्वचा को लेकर निराश रहत हैं। इस समस्या से दुनियाभर में कई लोग जूझ रहे हैं।

    पिगमेंटेशन किस वजह से होता है?

    - सूरज से निलने वाली यूवी किरणें त्वचा के लिए काफी हानिकारक होती हैं। इसी से हाइपर-पिगमेंटेशन की समस्या शुरू होती है।

    - कई दवाइयां भी होती हैं, जिसके रिएक्शन से हाइपर-पिगमेंटेशन हो जाता है।

    - प्रेग्नेंसी के दौरान हार्मोन स्तर में बदलाव आता है, जिसकी वजह से महिलाओं में मेलानिन के उत्पादन पर असर पड़ता है।

    - त्वचा की सूजन हाइपरपिग्मेंटेशन का एक प्रमुख कारण है।

    इससे कैसे करें बचाव

    - पिगमेंटेशन से बचने का सबसे अच्छा तरीका है कि आप डायरेक्ट सनलाइट यानी यूवी किरणों से बचकर रहें।

    - घर से बाहर निकलते वक्त या चाहे आप घर पर ही क्यों न हों, हमेशा एक अच्छी सनस्क्रीन का उपयोग करें। सनस्क्रीन कम से कम 30 एसपीएफ की होनी चाहिए।

    - चेहरे को कम से कम हाथ लगाएं। इससे त्वचा पर किसी भी तरह का इंफेक्शन होने से बचाव होगा। चेहरे की त्वचा पर हाथ लगाने से एक्ने/पिंपल्स की समस्या बढ़ जाती है।

    - स्किन केयर रुटीन में niacinamide, रेटिनॉल (retinol) और विटामिन-सी का इस्तेमाल भी करें।

    - इससे पहले समस्या ज़्यादा बढ़े एक अच्छे स्किन स्पेशलिस्ट को ज़रूर दिखाएं।

    पिगमेंटेशन दूर करने के घरेलू उपाय

    - कोको बटर त्वचा को पोषण देने के साथ नमी भी देता है। कोको बटर के इस्तेमाल से त्वचा में निखार आता है।

    - कच्चा आलू भी पिगमेंटेशन से राहत दिलाने का काम कर सकता है। इसे छीलकर स्किन पर हल्के हाथों से मसाज करे।

    - नींबू और शहद को मिलाकर त्वचा पर लगाने से ज़िद्दी दाग और धब्बों से छुटकारा मिल सकता है। नींबू में मौजूद एसिडिक गुण दाग-धब्बे हटाने का काम करतें हैं, वहीं शहद त्वचा में कसाव लाता है और प्राकृतिक तौर पर पोषण देता है।

    - गहरे दाग़ से छुटकारा पाने के लिए एक चम्मच चंदन पाउडर, आधा चम्मच ग्लिसरीन और एक चम्मच गुलाबजल लें। यह सारी सामग्री एक बाउल में डालकर पेस्ट बना लें। अब इसे चेहरे पर लगाकर सूखने दें और फिर धो लें। इसे आप रोज़ लगा सकती हैं।

    Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।