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    Skin Care के लिए खरीद रहे हैं केसर, तो 8 आसान तरीकों से करें असली और नकली की पहचान

    Updated: Mon, 11 Nov 2024 02:54 PM (IST)

    Skin Care में केसर का इस्तेमाल सदियों से होता आ रहा है लेकिन क्या आपको मालूम है कि बाजार में नकली केसर भी धड़ल्ले से बिक रहा है? जी हां आपको बता दें कि नकली केसर के इस्तेमाल से त्वचा पर कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं। ऐसे में आइए आपको बताएं ऐसे 8 तरीके (How to Spot Fake Saffron) जिनसे केसर की शुद्धता को पहचाना जा सकता है।

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    ग्लोइंग स्किन के लिए केसर खरीदने से पहले जानिए असली और नकली का अंतर (Image Source: Freepik)

    लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। केसर अपनी अनूठी सुगंध और रंग के लिए दुनियाभर में मशहूर है। इसका इस्तेमाल खाने को स्वादिष्ट बनाने के साथ-साथ कई औषधीय गुणों (Saffron Benefits) के लिए भी किया जाता है। हालांकि, ऊंची कीमत के कारण, बाजार में नकली केसर की भी भरमार है। ऐसे में, कई बार हम महंगे दाम देकर भी नकली केसर खरीद लेते हैं और धोखाधड़ी का शिकार हो जाते हैं। अगर आप भी स्किन केयर रूटीन (Skin Care Routine) में केसर का इस्तेमाल करने की सोच रहे हैं तो इसे खरीदने से पहले इस आर्टिकल में बताए 8 आसान तरीकों (How to Spot Fake Saffron) से मिनटों में केसर की शुद्धता जांच सकते हैं। आइए जानें।

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    क्यों महंगा होता है केसर?

    केसर एक बहुत ही कीमती मसाला है। यह एक खास तरह के फूल से बनता है जिसे क्रोकस कहते हैं। ये फूल खासकर शरद ऋतु में खिलते हैं। इस फूल के अंदर से कुछ धागे निकलते हैं, इन्हीं धागों को केसर कहते हैं। एक फूल से बहुत कम धागे निकलते हैं, इसलिए बहुत सारे फूलों से मिलकर थोड़ा-सा केसर बन पाता है। इसीलिए केसर बहुत महंगा होता है।

    असली केसर कैसे पहचाने?

    क्योंकि केसर बहुत महंगा होता है, इसलिए लोग कभी-कभी नकली केसर भी बेचते हैं। असली केसर पहचानना बहुत ज़रूरी है। अगले भाग में हम आपको बताएंगे कि आप कैसे जान सकते हैं कि आपका केसर असली है या नकली।

    कोल्ड वाटर टेस्ट

    केसर के धागों को एक कटोरी ठंडे पानी में डालें और रंग बदलने का इंतजार करें। असली केसर धीरे-धीरे सुनहरा हो जाएगा, जबकि नकली केसर तुरंत लाल रंग छोड़ देगा।

    बनावट पर गौर करें

    असली केसर के धागे बहुत पतले और लंबे होते हैं। ये धागे एक-दूसरे से आसानी से अलग हो जाते हैं। अगर आप ध्यान से देखेंगे तो इन धागों के अंत में थोड़ा सा उभार सा दिखेगा, जैसे तुरही का मुंह।

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    गर्म पानी में डुबोएं

    असली और नकली केसर का फर्क समझने के लिए आप कुछ केसर के धागों को गर्म पानी में डालें। नकली केसर आर्टिफिशियल रंगों से बने होते हैं, इसलिए ये पानी को तुरंत लाल कर देंगे। वहीं, असली केसर नेचुरल रंग छोड़ता है और पानी को धीरे-धीरे रंगता है।

    स्वाद से समझें

    नकली केसर में असली केसर जैसी खुशबू नहीं होती। इसके बजाय, इसका स्वाद कड़वा और धातु जैसा होता है। यानी, इसमें वो खास स्वाद नहीं होता जो असली केसर में होता है। जबकि असली केसर में एक खास तरह की खुशबू होती है, जैसे फूलों की। इसके साथ ही, इसमें मिट्टी जैसा हल्का सा स्वाद भी होता है।

    सूंघकर देखें

    असली केसर की खुशबू बहुत खास होती है। यह शहद और सूखे घास की तरह मीठी और थोड़ी फूलों जैसी होती है, लेकिन नकली केसर की खुशबू तेज और थोड़ी-सी आर्टिफिशियल होती है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि नकली केसर बनाने में कुछ खास तरह के केमिकल मिलाए जाते हैं, जैसे कि पिकोक्रोसिन और सैफ्रानल।

    रंग से करें परख

    आपके केसर का रंग बहुत मायने रखता है। असली केसर का रंग चमकीला लाल होगा, लेकिन नकली केसर आर्टिफिशियल मैरून रंग का होगा।

    रगड़कर देखें

    केसर के धागों को अपनी उंगलियों से रगड़ें और देखें कि क्या वे पीले या नारंगी रंग का टिंट छोड़ते हैं। अगर ये ऐसा करते हैं तो आपके हाथ में नकली केसर है, अगर नहीं तो आपको असली केसर मिल गया है।

    बेकिंग सोडा टेस्ट

    असली-नकली केसर की पहचान के लिए एक कप पानी लें और उसमें दो बड़े चम्मच बेकिंग सोडा मिलाएं। मिश्रण को तब तक ब्लेंड करें जब तक कि यह एक समान न दिखने लगे और फिर कुछ केसर के धागे डालें। अगर पानी पीला हो जाता है तो आपके पास केसर की शुद्ध क्वालिटी है, लेकिन अगर यह लाल या मैरून हो जाता है, तो आप धोखाधड़ी के शिकार हो गए हैं।

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