फैशन आइकन नहीं डॉक्टर बनना चाहते थे Giorgio Armani: मेडिकल से लेकर सेना तक, पढ़ें कैसे तय किया शौहरत का सफर
मशहूर इटैलियन लग्जरी ब्रांड अरमानी के फाउंडर जॉर्जियो अरमानी का 91 साल की उम्र में निधन हो गया। उन्होंने फैशन जगत में एक बड़ा नाम कमाया। जॉर्जियो ने कभी डॉक्टर बनने का लक्ष्य तय किया था लेकिन बाद में फैशन की दुनिया में कदम रखा। उन्होंने 1975 में जॉर्जियो अरमानी एस.पी.ए. की शुरुआत की। उनके डिजाइन किए गए आउटफिट ने लोगों को भीड़ से अलग दिखने का मौका दिया।

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। गुरुवार, 4 सितंबर शाम फैशन जगत से एक दुखद खबर सामने आई है। मशहूर इटेलियन लक्जरी ब्रैंड अरमानी के फाउंडर जॉर्जियो अरमानी का निधन हो गया है। उन्होंने 91 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कह दिया। उनका जन्म 11 जुलाई, 1934 को इटली के शांत शहर पियासेंजा में हुआ था।
उन्होंने अपने फैशन सेंस से आधुनिक पहनावे को एक नया रूप दिया था। वह एक फैशन आइकन थे, जिन्होंने पूरी दुनिया को फैशन की एक नई परिभाषा दी थी। यही वजह है कि उनका जाना फैशन की दुनिया के लिए एक बड़ा नुकसान माना जा रहा है। उन्होंने एक ग्लोबल लाइफस्टाइल खड़ा किया, जो सिर्फ डिजाइनर आउटफिट्स तक ही सीमित नहीं रहा, बल्कि परफ्यूम से लेकर होटलों और यहां तक कि होम इंटीरियर तक फैला था। वर्तमान मेंल उनका यह एम्पायर लगभग 10 अरब डॉलर का है।
कैसा था अरमानी की बचपन?
फैशन जगत में अपना बड़ा नाम कमाने वाले जॉर्जियो अरमानी ने कभी सोचा नहीं था कि वह फैशन की दुनिया में ऐसा कुछ कमाल करेंगे। दरअसल, उन्होंने बचपन में सबसे पहले डॉक्टर बनने का लक्ष्य तय किया था। इसके बाद दो साल तक मेडिकल की पढ़ाई करने के बाद उन्हें यह एहसास हुआ कि उनका दिल इसमें नहीं है। फिर सेना में कुछ समय बिताने के बाद, उन्होंने अपने जीवन के लिए एक उद्देश्य की तलाश करनी शुरू की।
डिजाइनर बनने की तरफ पहला कदम
इसके बाद तकदीर उन्हें मिलान के एक मशहूर डिपार्टमेंटल स्टोर ला रिनासेंटे (La Rinascente) ले आई, जहां उन्होंने विंडो ड्रेसर के रूप में काम शुरू किया। अभी तक भले ही उन्होंने डिजाइनर बनने का मन नहीं बनाया था, लेकिन वह उनका इस तरफ पहला कदम था। इस काम को करते हुए उन्हें प्रेजेंटेशन और स्टाइल से जुड़ी जरूरी बातें सीखी। इस दौरान उन्होंने यह भी सीखा कि लोग कपड़ों के साथ कैसे व्यवहार करते हैं, न केवल रनवे पर, बल्कि वास्तविक जीवन में भी।
1960 के दशक में शुरू की डिजाइनिंग
अरमानी ने 1960 के दशक के एक प्रतिष्ठित मेन्सवियर ब्रांड, नीनो सेरुती के लिए डिजाइनिंग शुरू की और इसे करते हुए सफलता भी पाई। हालांकि, वह दूसरों से अलग थे और ट्रेंड के पीछे भागने वाले बिल्कुल नहीं थे। इसलिए उन्होंने फैशन की दुनिया को अपने नजरिए से देखा और उसमें कई सारे बदलाव किए।
1975 तक, अपने बिजनेस पार्टनर और करीबी दोस्त सर्जियो गेलोटी के साथ, उन्होंने जॉर्जियो अरमानी एस.पी.ए. की शुरुआत की। यह एक फैशन हाउस था, जिसका मिशन सरल और एलिगेंट फैशन को वापस लाना था।
फैशन वर्ल्ड में की नई शुरुआत
इस नई शुरुआत के साथ ही उन्होंने पारंपरिक सूट्स के विपरीत सॉफ्ट शोल्डर वाले न्यूट्रल कलर और आकर्षक सिलाई वाले सूट्स की शुरुआत की, जो न सिर्फ दिखने में शानदार थे, बल्कि पहनने पर भी अच्छा लुक देते थे। उनके डिजाइन किए गए आउटफिट व्यक्ति को एक लेबल नहीं देते थे, बल्कि उन्हें भीड़ से अलग दिखने का मौका देते थे। यह केवल फैशन नहीं था; यह एक नई क्रांति थी।
इसके बाद साल 1980 में, अरमानी के डिजाइनर कपड़ों ने शोरूम से सिल्वर स्क्रीन तक की छलांग लगाई। उनके बनाए सूट को एक्टर रिचर्ड गेयर ने अमेरिकी फिल्म अमेरिकन जिगोलो में पहने थे, जिससे उन्हें शार्प, आत्मविश्वास से भरा और बेहद कूल लुक मिला।
घर-घर मिली शोहरत
उस एक फिल्म ने अरमानी को घर-घर में मशहूर कर दिया। उनके पावर सूट फैशन जगत में एक मिसाल बन गए, जिन्हें वॉल स्ट्रीट के अधिकारियों से लेकर रेड कार्पेट के शाही परिवार तक, हर कोई पहनने लगा। मिशेल ओबामा, लियोनार्डो डिकैप्रियो और जूलिया रॉबर्ट्स यह सभी अरमानी की डिजाइन के कायल थे।
उन्होंने हमेशा से अपनी कंपनी को स्वतंत्र रखा और इसकी फैसले ने उन्हें फैशन वर्ल्ड में आगे बढ़ने की आजादी दी। कपड़ों के अलावा दशकों से अरमानी परफ्यूम, घड़ियां, चश्मे, कॉस्मेटिक्स, होटल, रेस्टोरेंट्स, होम डेकोर हर क्षेत्र ट्रेडमार्क साबित हो रहे हैं।
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