सीजन के हॉट एंड फेवरेट ट्रेंड हैं इको-फ्रेंडली ऑर्गेनिक फ्रैबिक, ये हैं इसकी खास वजहें
लोग अब देसी ऊन जूट सिल्क खादी और कॉटन के हैंडमेड स्वेटर जैकेट जैसे आउटफिट्स की ओर रुख कर रहे हैं। आखिर इसकी बढ़ती डिमांड के पीछे क्या है वजहें जानेंगे इसके बारे में...
वो दिन लद गए जब लोग लेदर (चमड़े) की चमक और खूबसूरती के दीवाने थे या चमकीले सिंथेटिक कोट पहनने में गर्व महसूस करते थे। लोगों में हेल्थ और पर्यावरण को लेकर जागरूकता आई है जिसकी वजह से अब वो बेहतर लिविंग के लिए इकोफ्रेंडली चीज़ों को अपना रहे हैं। खानपान से लेकर पहनावे तक में लोग अब इसी तरह के सुरक्षित आइटम चाहते हैं। इस समय विंटरवेयर पर इसी लाइफस्टाइल का असर देखने को मिल रहा है। गहरे रासायनिक रंग व केमिकली ट्रीट किए हुए फैब्रिक से बने जैकेट, कोट और दूसरी चीज़ों की चमक फीकी पड़ती नजर आ रही है। अब हैंडमेड कॉटन, बांस की छाल से बने फैब्रिक, बिना अनुवांशक रूप से संशोधित किए गए बीजों से तैयार इकोफ्रेंडली कपड़ों से विंटरवेयर जैकेट, स्वेटर और सूट बनाए जा रहे हैं, जो लोगों को खासे पसंद आ रहे हैं।
हाथ से बुने आउटफिट्स की बढ़ी मांग
लोगों ने जानवरों के प्रति होने वाली हिंसा रोकने के लिए लेदर से भी गुरेज शुरू कर दी है। अब विंटर ऑर्गेनिक या हर्बल फैशन लाइन में कार्बनिक कॉटन, बैंबू फैब्रिक, ऊन और हाथ से बुनी खादी आदि का इस्तेमाल किया जा रहा है। इसमें रंग भी नैचुरल तत्वों से निकाले जाते हैं। यह कपड़े स्किन पर किसी भी प्रकार की एलर्जी नहीं करते और ठंड में यह हेल्थ के लिए भी वरदान साबित होते हैं। इस नए ट्रेंड ने हाथ से बने स्वेटर, कार्डिगन, स्कार्फ और जैकेट्स की मांग बढ़ा दी है।
डाई के रसायनों से परहेज
आर्गेनिक फैशन से प्रदूषण पर भी नियंत्रण लग रहा है। टेक्सटाइल डाइंग प्रक्रिया में ग्लोबल वॉर्मिंग का खतरा बढ़ रहा है। ऐसे में डिजाइनर्स अब इस समस्या के समाधान के तौर पर आर्गेनिक रंगों को प्रयोग में ला रहे हैं। हर्बल चीज़ों से बने गरम कपड़े शहरी लोगों के लिए नई चीज है और लोग तेजी से इसे अपना रहे हैं।