रोड सेफ्टी टिप्स: इनका करें पालन और हमेशा रहें सुरक्षित
आबादी और वाहनों की संख्या लगातार बढ़ने से देश की सड़कों पर भी दबाव बढ़ता जा रहा है, लेकिन अगर ट्रैफिक के नियमों का पूरी तरह पालन किया जाए, तो सड़क पर चलना तो आसान होगा ही, हर कोई सुरक्षित भी रहेगा। 'द वर्ल्ड डे ऑफ रिमेम्बरेंस फॉर रोड ट्रैफिक विक्टिम्स' (17 नवंबर

आबादी और वाहनों की संख्या लगातार बढ़ने से देश की सड़कों पर भी दबाव बढ़ता जा रहा है, लेकिन अगर ट्रैफिक के नियमों का पूरी तरह पालन किया जाए, तो सड़क पर चलना तो आसान होगा ही, हर कोई सुरक्षित भी रहेगा। 'द वर्ल्ड डे ऑफ रिमेम्बरेंस फॉर रोड ट्रैफिक विक्टिम्स' (17 नवंबर) पर जानते हैं रोड सेफ्टी के जरूरी तरीके..
रोहन तेज गति से बाइक चला रहा था। साथ ही, वह मोबाइल पर किसी दोस्त से बात भी कर रहा था। उसने रॉन्ग साइड में अपनी बाइक को जैसे ही मोड़ा, वह दूसरी तरफ से आ रही फोर व्हीलर से टकरा गई। रोहन का ध्यान न तो लाइट सिग्नल्स पर था और न ही वह रोड क्रॉसिंग के लिए बने निशान ही देख पाया। परिणामस्वरूप उसके पैर में फ्रैक्चर हो गया। उसे पूरे छह महीने अस्पताल में रहना पड़ा। अच्छा यह रहा कि कार ड्राइवर की होशियारी से उसकी जान बच गई। पर दोस्तो, ट्रैफिक रूल्स को फॉलो नहीं करने वाले सभी लोग रोहन की तरह भाग्यशाली नहीं होते। कभी-कभी तो लोगों को अपनी जान भी गंवानी पड़ती है। क्या तुम जानते हो कि हर साल भारत में सड़क दुर्घटनाओं में डेढ़ लाख से अधिक लोगों की मौत हो जाती है। अकेले दिल्ली में लापरवाही से वाहन चलाने के कारण हर साल करीब 2 हजार लोग अपनी जान गंवाते हैं और 7 हजार लोग घायल होते हैं। दरअसल, देश में आबादी और वाहनों की संख्या निरंतर बढ़ने के कारण सड़कों पर दबाव भी बढ़ता जा रहा है। ऐसे में हम सभी दुर्घटना से बच कर रहें, इसके लिए हम सबको सड़क पर चलते हुए सचेत रहना होगा और ट्रैफिक के नियमों का कड़ाई से पालन करना होगा।
फॉलो करो ट्रैफिक रूल्स
तुम अगर सड़क पर पैदल या साइकिल से चल रहे हो या गाड़ी ड्राइव कर रहे हो या फिर स्कूल जाने के लिए तुम्हें बस पकड़नी है, तो तुम्हें ट्रैफिक केनियमों का भी हमेशा ध्यान रखना होगा।
पैदल चलते समय
-यदि तुम पैदल स्कूल जा रहे हो, तो हमेशा सड़कों पर बने फुटपाथ पर चलो। यदि फुटपाथ नहीं बना है, तो सड़क के बिल्कुल बाएं तरफ चलो।
-यदि सड़क पर वाहन लगातार आ-जा रहे हों, तो कभी भी रोड क्र ॉस न करो। अपने दाएं-बाएं, आगे-पीछे देखकर ही सड़क पार करो।
-सड़कों पर बनी सफेद धारियां जेब्रा-क्रॉसिंग हैं, जो पैदल यात्रियों की सुविधा के लिए बनाई जाती हैं। रोड़ क्रॉस करते समय इनका ही इस्तेमाल करो। पैदल यात्रियों के लिए बने सबवे, फुट-ओवर ब्रिज का प्रयोग करो।
-कभी भी सड़क के कोने या कर्व से रोड क्रॉस करने का आइडिया मन में मत लाओ। तेज गति से आते हुए वाहन चालक तुम्हें देख नहीं पाएंगे।
-कभी-भी मोबाइल पर बात करते हुए या ईयर फोन से म्यूजिक सुनते हुए सड़क पार न करो।
-अक्सर चौराहों या भीड़ भरी
सड़कों पर ट्रैफिक पुलिस हाथ से वाहन चालकों और पैदल चलने वाले यात्रियों को संकेत देते हुए दिखाई देती है। इन संकेतों के कुछ गूढ़ अर्थ हैं। तुम्हें उनके अलग-अलग संकेतों को समझते हुए उन्हें फॉलो करना चाहिए।
-टै्रफिक सिग्नल, जैसे-ट्राइकलर (हरी, पीली और लाल बत्तियों) को फॉलो करो। जहां लाल बत्ती रुकने का संदेश देती है, वहीं हरी बत्ती चलने का और पीली बत्ती रोड क्लियर होने का संकेत देती है।
जब जाना हो स्कूल बस से
-क्या तुम स्कूल बस पकड़ने के लिए रोज लेट हो जाते हो और दौड़कर उसे पकड़ते हो? यदि ऐसा है, तो आज से यह आदत छोड़ दो। तुम पांच मिनट पहले तैयार होकर बस पकड़ने के लिए घर से निकल जाओ। आखिर लाइफ का मामला है, दोस्तो!
-बस स्टैंड पर हमेशा क्यू में खड़े रहो। जब बस पूरी तरह रुक जाए, तभी बिना धक्का-मुक्की किए हुए चढ़ो।
-तेज आवाज में गाना गाने या सुनने की आदत को खत्म करो। इससे बस ड्राइवर डिस्ट्रैक्ट हो सकता है।
-कभी भी रेडलाइट पर बस में चढ़ने की कोशिश न करो।
-चलती हुई बस से सिर निकालकर हवा खाने की तुम्हारी आदत जानलेवा साबित हो सकती है।
यदि तुम पापा-मम्मी के साथ कहीं जा रहे हो, तो उन्हें भी ट्रैफिक रूल्स पूरी तरह फॉलो करने को कहो।
-यदि वे गाड़ी ड्राइव करते हुए मोबाइल पर बातें कर रहे हैं, तो उन्हें चेताओ कि वे ऐसा न करें।
-अपने बस चालक से तुम यह कह सकते हो कि बहुत तेज गति से बस न चलाए, क्योंकि इससे दुर्घटना होने की आशंका बढ़ जाती है।
-उनसे तुम यह निवेदन कर सकते हो कि वह बस चलाते समय किसी यात्री से या मोबाइल पर बातें न करे।
रोड सेफ्टी टिप्स
हर शहर, हर कस्बे में ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट में ट्रैफिक रूल्स के बारे में जानकारी उपलब्ध रहती है। वेबसाइट पर भी इसके बारे में विस्तार से बताया गया है। अगर तुम चाहो, तो इसका फायदा उठा सकते हो। अब तो स्कूलों में भी इसके बारे में बताया जाने लगा है।
ड्राइविंग लाइसेंस : अगर तुम 18 साल के हो गए हो और कार या बाइक ड्राइव करना चाहते हो, तो सबसे पहले तुम्हें अपना ड्राइविंग लाइसेंस बनवाना होगा। ड्राइव करते समय यह हमेशा तुम्हारे पास होना चाहिए। अगर तुम बैटरी से चलने वाला कोई टू व्हीलर जैसे- स्कूटी आदि चलाते हो, तो तुम 16 साल में भी यह हासिल कर सकते हो। क्योंकि बैटरी से चलने वाले टू व्हीलर्स की स्पीड कम होती है। अगर तुम किसी एक लेन पर चल रहे हो और तुम्हें दूसरी लेन में गाड़ी चलानी है, तो जहां से मुड़ने का दिशा-निर्देश दिया गया हो, वहीं से मुड़ो। अगर तुम फोर व्हीलर चलाना चाहते हो, तो उसमें स्पीड गवर्नर लगाओ।
हेल्मेट : बिना हेल्मेट लगाए टू व्हीलर चलाना बहुत जोखिम भरा है। लाइट वेट, पर मजबूत हेल्मेट लगाओ, जो सुनने में कोई रुकावट नहीं पैदा करता हो और तुम्हारे पूरे फेस को भी कवर करता हो। पैरेंट्स भी इंश्योर करें कि उनके बच्चे हेल्मेट पहनकर ही टू व्हीलर चलाएं।
स्पीड लिमिट : अगर तुम सड़क पर कलाबाजियां दिखाते हुए फास्ट स्पीड में बाइक चलाते हो, तो यह तुम्हारी लाइफ के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। तुमने देखा होगा कि हर शहर में सड़कों पर साइन बोर्ड पर अलग-अलग वाहनों, जैसे- कार, ट्रक, बाइक आदि की स्पीड लिमिट लिखी होती है। अगर तुम कोई वाहन चला रहे हो, तो स्पीड लिमिट चार्ट को फॉलो करो।
नंबर प्लेट्स : टू, थ्री या फोर व्हीलर्स का अपना रजिस्ट्रेशन नंबर होता है। ट्रैफिक रूल्स को फॉलो करने के लिए गाडि़यों पर यह नंबर दर्ज होना बेहद जरूरी है।
रोड साइन: तुम जब ड्राइव कर रहे होगे या पैदल सड़क पार कर रहे होगे, तो तुमने सड़कों पर कुछ निशान बने देखे होंगे। अगर सफेद धारियां हों, तो इसका मतलब आगे बढ़ना है। सेंटर लाइन मार्किग है, तो वह टू लेन रोड का इशारा करती है। किसी गोले में सीधे तीर के निशान को काटा गया है, तो इसका मतलब है कि आगे वाहन ले जाना मना है। इसी तरह रोड पर और भी कई संकेत बने होते हैं, जिन्हें फॉलो करना बेहद जरूरी है।
(स्मिता)
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