पनडुब्बी की कहानी
भारतीय नौसेना मानसून खत्म होने का इंतजार कर रही है, क्योंकि अगले महीने उसे समुद्र में 'अरिहंत' को उतारना है। यह देश में निर्मित पहली परमाणु पनडुब्बी है। इसे विशाखापत्तनम (आंध्रप्रदेश) में तैयार किया गया है। भारत परमाणु पनडुब्बी बनाने वाला दुनिया का छठा दे

भारतीय नौसेना मानसून खत्म होने का इंतजार कर रही है, क्योंकि अगले महीने उसे समुद्र में 'अरिहंत' को उतारना है। यह देश में निर्मित पहली परमाणु पनडुब्बी है। इसे विशाखापत्तनम (आंध्रप्रदेश) में तैयार किया गया है। भारत परमाणु पनडुब्बी बनाने वाला दुनिया का छठा देश होगा। इससे पहले अमेरिका, रूस, ब्रिटेन, फ्रांस और चीन भी परमाणु पनडुब्बी बना चुके हैं। अरिहंत को देश में ही बनी समुद्र से छोड़ी जाने वाली परमाणु मिसाइल (एसएलबीएम) से लैस किया गया है। इससे भारत समुद्र से अपना परमाणु मिसाइल छोड़ने की क्षमता हासिल करने वाला दुनिया का पांचवां देश बन जाएगा। स्वदेशी परमाणु मिसाइलों से अब तक अमेरिका, रूस, फ्रांस और चीन ही लैस थे। जानते हैं सामान्य पनडुब्बी और परमाणु पनडुब्बी से जुड़ी कुछ और रोचक बातें..
-अरिहंत की मदद से भारतीय नौसेना हिंद महासागर के पार प्रशांत महासागर तक समुद्री गश्ती करने की क्षमता हासिल कर लेगी। देश में 2015 तक 4 और परमाणु पनडुब्बियों का विकास किया जाएगा।
-यह परमाणु ऊर्जा से चलने वाली पनडुब्बी है, जो समुद्र के अंदर असीमित समय तक छुपी रह सकती है। परंपरागत पनडुब्बियों (डीजल और इलेक्ट्रिक से चलने वाली) को अपनी बैटरियां चार्ज करने और हवा लेने के लिए सतह पर आना पड़ता है, लेकिन परमाणु ऊर्जा से चलने वाली पनडुब्बी को ऐसी कोई जरूरत नहीं पड़ती है।
-यह पनडुब्बी दुश्मन देश को बिना पता लगे उस पर मिसाइलें दागने में सक्षम होती है। अरिहंत के जरिये 'सागरिका' मिसाइल छोड़ी जा सकेगी, जिसकी रेंज 500 से 700 किलोमीटर होगी। इसे अग्नि-3 से भी लैस किया जा सकेगा। इस परियोजना के पूरे होने पर भारत को आकाश, जमीन और पानी के भीतर से परमाणु हथियारों का इस्तेमाल करने की ताकत हासिल हो जाएगी।
-भारत के पास अब तक 14 सामान्य पनडुब्बी और एक परमाणु पनडुब्बी अकुला (आईएनएस चक्र) है, जिसे रूस से 10 साल की लीज पर लिया गया था। भारत की ज्यादातर पनडुब्बियां रूस और जर्मनी में बनी होती हैं।
इतिहास के आईने में पनडुब्बी :
-पनडुब्बी एक प्रकार का जलयान है, जो पानी के अंदर रहकर काम करता है। आमतौर पर इसका उपयोग सेना द्वारा किया जाता रहा है। सबसे पहले प्रथम विश्वयुद्ध में इनका जमकर प्रयोग हुआ।
-जॉन हॉलैंड को पनडुब्बी का आविष्कारक माना जाता है। पहली सैनिक पनडुब्बी 'टर्टल' है, जो 1775 में बनाई गई। 1950 में पहली बार परमाणु ऊर्जा से इसे चलाया जाने लगा, जिससे यह समुद्री पानी से ऑक्सीजन ग्रहण करने और कई महीनों तक पानी में रहने में सक्षम हो गई।
-द्वितीय विश्वयुद्ध के समय पनडुब्बियों का उपयोग परिवहन के लिए सामान को एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाने के लिए किया जाता था। आजकल इनका प्रयोग पर्यटन के लिए भी किया जाने लगा है।
-पनडुब्बियों पर कई लेखकों ने किताबें लिखी हैं और हॉलीवुड की फिल्में भी बनी हैं।
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