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    Special Education लाए तारे जमीं पर..

    By Edited By:
    Updated: Wed, 21 Aug 2013 12:00 AM (IST)

    एक स्पेशल टीचर, जो ऑटिस्टिक चिल्ड्रन की लाइफ में भरता है कलर। उसे सिखाता है रियल लाइफ से फाइट करना ..

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    टीचर हर बच्चे के लिए स्पेशल होता है। वह उसके सपने को आकार देता है, उसमें रंग भरता है। बच्चे की शॉर्टकमिंग्स को समझने की कोशिश करते हुए, उसे तराशता है। डिफिकल्ट सिचुएशंस में हौसला बढाता है। वह टीचर ही है, जो बच्चे को बताता है कि इंपॉसिबल में छिपा है पॉसिबल। लेकिन वे बच्चे जो ठीक से पढ नहीं सकते, अच्छे मा‌र्क्स नहीं ला सकते, नॉर्मल बच्चों की तरह हंस या बोल नहींसकते, लेकिन सही गाइडेंस मिले, तो मुमकिन है कि अच्छा पेंटर, अच्छा स्पो‌र्ट्सपर्सन या अच्छे आर्टिस्ट बन सकते हैं। हम बात कर रहे हैं उन स्पेशल बच्चों की, जो मेनस्ट्रीम में सर्वाइव कर सकते हैं, बशर्ते एक ऐसा गाइड मिले जो उन्हें समझ सके। और वह कोई नहीं, स्पेशल एजुकेटर है। जाहिर है, जब गाइड करने वाला इतना स्पेशल होगा, तो बच्चे भी क्यों नहींकहेंगे कि वे भी ला सकते हैं तारे जमीं पर।

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    क्या है स्पेशल एजुकेटर

    हर बच्चा एक जैसा नहीं होता। कुछ फिजिकली या मेंटली हैंडीकैप्ड होते हैं या कहें कि उनमें लर्निग डिसएबिलिटीज, इमोशनल डिस्टर्बेस की समस्या होती है या फिर वे ऑटिज्म के शिकार हो सकते हैं। इससे वे नॉर्मल बच्चों से कुछ हटके बिहैव करते हैं। माइंड पूरी तरह से डेवलप न होने के कारण मुमकिन हो कि वे आम बच्चों की तरह स्टडीज न कर सकें, लेकिन स्पेशल ध्यान देने पर उनकी काबिलियत की परख हो सकती है। इस हुनर को ही पहचानता है एक स्पेशल एजुकेटर। स्पेशल एजुकेटर बच्चों का दोस्त बनकर उनके मेंटल लेवल को समझता है, उनका कॉन्फिडेंस बढाता है और आगे बढने के लिए इंस्पायर करता है।

    कैसे करें एंट्री

    अगर आपका एक सब्जेक्ट साइकोलॉजी है, तो इस फील्ड में एंट्री कर सकते हैं। डिग्री कोर्स या बीएससी इन स्पेशल एजुकेशन के साथ-साथ इस क्षेत्र में डिप्लोमा लेवल के कई कोर्सेज ऑफर किए जाते हैं। इसके अलावा एमएससी, एमफिल, पीएचडी सभी लेवल पर कोर्सेज हैं। प्रोफेशनल कोर्स भी उपलब्ध हैं। ये कोर्सेज रिहैबिलिटेशन काउंसिल ऑफ इंडिया से रिकग्नाइज्ड होने चाहिए। इनमें डिग्री, डिप्लोमा दोनों तरह के कोर्सेज होते हैं। आप स्पेशल एजुकेशन में बीएड भी कर सकते हैं। रिकग्नाइज्ड?यूनिवर्सिटी से स्पेशल बीएड करेस्पॉन्डेंस के साथ-साथ रेगुलर भी किया जा सकता है। इग्नू और डीयू के अलावा सभी शहरों में इससे रिलेटेड कोर्स उपलब्ध हैं।

    रिक्वॉयर्ड स्किल्स

    -पेशेंस

    -गुड लिस्निंग कैपिसिटी

    -ओपन टु लर्निग

    -मोर फोकस्ड ऑन वर्क

    -फुल ऑफ एनर्जी

    -गुड कम्युनिकेशन स्किल्स

    अपॉच्र्युनिटीज

    ग्लोबल लेवल पर बढता दायरा और बदलते माहौल ने हर फील्ड को स्पेशल बना दिया है। स्पेशल एजुकेटर का प्रोफेशन भी उनमें से एक है। समय के साथ इस क्षेत्र में संभावनाएं खुली हैं। गवर्नमेंट के एजुकेशन प्रोग्राम्स में इसे शामिल किया जा रहा है। कई स्टेट्स में इनका इंप्लीमेंटेशन किया जा रहा है। इस तरह स्पेशल एजुकेटर के लिए कई तरह के अवसर बनने लगे हैं। एक स्पेशल एजुकेशन टीचर, स्कूल-कॉलेज के अलावा, एनजीओ, प्राइवेट और सरकारी हॉस्पिटल्स, क्लिनिक्स में जॉब तलाश सकते हैं। केवल यही नहीं, स्पेशल एजुकेशन टीचर अब्रॉड में भी बेहतरीन अवसर तलाश सकते हैं। यदि आप स्पीच एंड लैंग्वेज पैथोलॉजी में ग्रेजुएट होने के साथ इस क्षेत्र में अनुभवी हैं, तो ऑस्ट्रेलिया, यूके व अन्य यूरोपियन कंट्रीज में काफी जॉब हैं। स्पेशल एजुकेशन में ट्रेंड होने के बाद आप सेल्फ बिजनेस भी शुरू कर सकते हैं। इनमें से कोई एक स्पेशलाइज्ड जॉब कर सकते हैं-

    -ऑक्युपेशनल थेरेपिस्ट

    -स्पेशल एजुकेटर

    -स्पीच एंड लैंग्वेज थेरेपिस्ट

    -साइकोलॉजिस्ट

    -स्कूल काउंसलर्स

    -सोशल वर्कर्स

    -एजुकेशनल डाइग्नोस्टिशियन

    -म्यूजिक थेरेपिस्ट

    -रिक्रिएशनल थेरेपिस्ट

    इंटरैक्शन : विजय झा

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