Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    पैथोलॉजिस्ट: कॅरियर के साथ मिशन

    By Edited By:
    Updated: Wed, 18 Jul 2012 12:00 AM (IST)

    पैथोलॉजिस्ट रोगी के अंगों, कोशिकाओं और शरीर में मौजूद तरल पदार्थो का परीक्षण कर उनके निदान की विधि सुझाता है। कैसे हैं कोर्स और सफलता के लिए कैसी होनी चाहिए स्ट्रेटेजी..

    Hero Image

    पैथोलॉजी मेडिकल साइंस की एक शाखा है। इसके अन्तर्गत रोग विशेषकर कारणों, विकास और उसके प्रभावों का आकलन किया जाता है। इसकी दो प्रमुख शाखाएं हैं- क्लीनिकल पैथोलॉजी और एनाटॉमिकल पैथोलॉजी। पैथोलॉजिस्ट रोगी के अंगों, कोशिकाओं और शरीर में मौजूद तरल पदार्थो का परीक्षण कर उसके निदान की विधि सुझाता है। पैथोलॉजिस्ट एक फिजिशियन और साइंटिस्ट दोनों का कार्य करता है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    पर्सनल स्किल्स

    - डिटेक्टिव परख

    - साइंटिफिक सोच

    - ह्यूमन एनाटॉमी तथा फिजियोलॉजी का उत्तम ज्ञान

    - माइक्रोस्कोप के पीछे कार्य करने की ललक

    एजुकेशनल क्वालिफिकेशन

    देश में कई मेडिकल कॉलेज तथा विश्वविद्यालय पैथोलॉजी में कोर्स करवाती हैं। यदि आप फिजिक्स, केमिस्ट्री और बायोलॉजी से बारहवीं उत्तीर्ण हैं तो एमबीबीएस करने के लिए प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण करनी पडेगी। एमबीबीएस कोर्स करने के बाद पैथोलॉजिस्ट बनने के लिए आपको पैथोलॉजी, बायोकेमिस्ट्री, क्लीनिकल बायोकेमिस्ट्री या माइक्रोबायोलॉजी में एमडी या बायोकेमिस्ट्री में डीएनबी करनी होगी।

    कौन से हैं कोर्स

    -M.D. Pathology

    - M.sc. Med. Tech.(Pathology)

    - Ph-D (Pathology)

    - Ph-D(Speeh pathology)

    - Diploma in Clinical Pathology (DCP)

    - M.D. Certificate cytopathology

    प्रमुख संस्थान

    - एम्स, नई, दिल्ली

    - इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस, बीएचयू

    - छत्रपति साहू जी मेडिकल कॉलेज, लखनऊ

    - मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज, इलाहाबाद

    - एसजीपीजीआई, लखनऊ

    - इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज, शिमला

    - राजकीय मेडिकल कॉलेज, जम्मू

    - पटना मेडिकल कॉलेज, पटना

    - राजकीय मेडिकल कॉलेज, चंडीगढ

    सेल्फ एसेसमेंट फिर करें कोर्स

    पहले सेल्फ एसेसमेंट कर लें कि आपमें पैथोलॉजिस्ट बनने के स्किल्स हैं कि नहीं। यदि नहीं तो पैथलॉजिस्ट बनने क सोच को विराम दें, क्योंकि यह ऐसा चेलेंजिंग जॉब है जहां थोडी सी लापरवाही किसी का जीवन ले सकती है। हालांकि यह काफी मोटा पैकेज दिलाने वाला प्रोफेशन है। इस लाइन में फ्रेशर को भी अच्छा पैकेज मिलता है। काम के घंटे तय हैं, अन्य मेडिकल प्रोफेशन के मुकाबले काफी खाली वक्त मिल सकता है। गलत डायग्नोज पर आप खतरे में भी पड सकते हैं।

    डॉ. चयनिका पंतोला, असिस्टेंट प्रोफेसर,

    डिपार्टमेंट ऑफ पैथोलॉजी, जीएसवीएम कॉलेज, कानपुर।

    एक बोतल ब्लड से बचें तीन जिंदगियां

    पैथोलॉजिस्ट ब्लड से प्लाज्मा, प्लेटलेट्स, पैक सेल सहित अन्य अवयव अलग कर लेते हैं। इससे मरीजों को इंफेक्शन का खतरा बहुत कम होने के साथ एक बोतल ब्लड से तीन मरीजों का जीवन बच सकता है। कॅरियर और ह्यूमन सर्विस के लिए यह बेस्ट ऑप्शन है। रक्तदान को लेकर भ्रांतियां भी दूर हो रही हैं। पैथोलॉजिस्ट कोर्स करने का निर्णय आपको भविष्य में शिखर का सम्मान अर्जित कराएगा।

    डॉ. एससी वर्मा, प्रभारी रक्तकोष, यूएचएम हॉस्पिटल, कानपुर

    डॉ. योगेश