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    पैरामेडिकल विज्ञान नाम एक कोर्स अनेक

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    Updated: Wed, 21 Mar 2012 12:00 AM (IST)

    पैरामेडिकल स्टूडेंट्स को नौकरी के अवसर अधिक होते हैं। यही कारण है कि इस विषय को काफी स्टूडेंट्स लेते हैं। इन कोसरें में प्रवेश के लिए किस तरह की स्ट्रेटेजी है जरूरी..

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    पैरामेडिकल विज्ञान चिकित्सा विज्ञान की महत्वपूर्ण शाखा बनकर उभरा है। कहा जाता है कि यदि पैरामेडिक्स न हों तो चिकित्सा का पेशा शक्तिहीन हो जाएगा। पैरामेडिक्स का प्राथमिक लक्ष्य होता है कि त्वरित चिकित्सा आवश्यकताओं को पूरा करना। वर्तमान में यह शाखा संक्रामक एवं गैर संक्रामक रोगों के उपचार में महत्वपूर्ण साबित हुई है।

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    क्या है पैरा मेडिकल

    पैरामेडिकल की कार्यशली एवं स्वरूप को देखते हुए इसे मेडिकल साइंस क्षेत्र में परिभाषित किया जा सकता है। पैरामेडिकल का कोर्स कर चुके प्रोफेशनल्स का कार्य चिकित्सक से मिलता जुलता है। यह प्रोफेशनल्स डायग्नोसिस, फिजियोथेरेपी, एक्स-रे, अल्ट्रासाउंड, मेडिकल लैब टेक्नोलोजी आदि का कार्य करते हैं। पैरामेडिकल प्रोफेशनल्स उपचार के दौरान मेडिकल टीम का सपोर्ट करते हैं।

    जरूरी स्किल्स

    कूल माइंड

    सौम्य स्वभाव

    गुड कम्यूनिकेशन स्किल्स

    हौसला बढाने की क्षमता

    टाइम मैनेजमेंट पर पकड

    सीखने की ललक

    नए प्रयोगों के प्रति सकारात्मक नजरिया

    कौन से हैं कोर्स

    B.Sc. MLT (B.Sc in Medical Laboratory Technology) n Bachelor of Physio-Therapy (BPT)

    Bachelor of Occupational Therapy(BOT)

    B.Sc. Medical Radiation Technology (B.Sc.MRT)

    B.Sc. (Medical Imaging Technology)

    B.Sc. (Medical Radiography Technology)

    M.Sc. Medical Laboratory Technology

    Diploma in Physio-Therapy (DPT)

    Diploma in Medical Lab Technology (DMLT)

    Diploma in X-ray Tehnology

    Certified Course in Radiographic Assistantship (CRA)

    एजूकेशनल क्वालिफिकेशन

    पैरामेडिकल से रिलेटेड विश्वविद्यालयों एवं संस्थानों में सर्टिफिकेट, डिप्लोमा एवं डिग्री कोर्स संचालित किए जाते हैं। अधिकतर कोर्स के लिए अलग-अलग क्वालिफिकेशन निर्धारित हैं। कुछ संस्थान मेरिट तो कुछ संस्थान इंट्रेंस एग्जामिनेशन आयोजित करते हैं। अधिक जानकारी के लिए पैरामेडिकल से रिलेटेड संस्थान की वेबसाइट का अवलोकन किया जा सकता है।

    प्रमुख संस्थान

    * आखिल भारतीय आर्युविज्ञान संस्थान, अंसारी नगर, नई दिल्ली

    * बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी, वाराणसी

    * राजीव गांधी यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ सेंटर, बेंगलुरू

    * जीएसवीएम मेडिकल कालेज, कानपुर

    * सीएसजेएम यूनिवर्सिटी, कानपुर

    पैरामेडिकल के हॉट सेक्टर

    पैरामेडिकल शिक्षा में फिजियोथेरेपी, रेडियोग्राफी, मेडिकल लैब टेक्नोलोजी, ऑपरेशन थिएटर असिस्टेंट, फार्मेसी, ऑक्यूपेशनल थेरेपी तथा नर्सिग आदि ऐसे हॉट सेक्टर हैं, जिनकी डिमांड देश ही नहीं विदेशी में भी खूब है।

    रेडियोग्राफी

    रेडियोग्राफी में रेडिएशन के माध्यम से डायग्नोस्टिक टेस्ट किया जाता है। इसमें एक्स-रे, सीटी स्कैन, अल्ट्रा साउंड तथा एमआरआई आदि शामिल हैं। मेडिकल टीम के साथ एक रेडियोग्राफर कार्य करता है। एक रेडियोग्राफर की डिमांड सरकारी या प्राइवेट चिकित्सालय, नर्सिग होम तथा डायग्नोस्टिक सेंटर में हरदम रहती है।

    साइंस स्ट्रीम से बाहरवीं उत्तीर्ण स्टूडेंट बीएससी इन रेडियोग्राफी कोर्स कर सकते हैं। इसके अलावा सर्टिफिकेट तथा डिप्लोमा कोर्स का भी ऑप्सन है।

    मेडिकल लेबोरेटरी

    मेडिकल लेबोरेटरी टेक्नोलोजी को क्लीनिकल लेबोरेटरी साइंस भी कहते हैं। इसके अन्तर्गत डायग्नोसिस तथा रोगों से संबंधित टेस्ट किए जाते हैं। जिससे चिकित्सक को उपचार करने में आसानी रहती है। क्लीनिकल टेक्नोलोजी, ब्लड बैंक, माइक्र ोबायोलोजी तथा इम्यूनोलोजी प्रमुख हैं। मेडिकल टेक्निशियन टेक्नोलोजिस्ट एवं सुपरवाइजर के निर्देशन में लेबोरेटरी में रुटीन टेस्ट से संबंधित कार्य करते हैं। यह प्रोफेशनल्स सरकारी एवं प्राइवेट चिकित्सालय, ब्लड डोनेशन सेंटर, इमरजेंसी सेंटर तथा क्लीनिक में जॉब्स करते हैं।

    ऑप्टोमेट्री

    इसमें मनुष्य के आंख की संरचना तथा उसकी कार्य विधि शामिल है। इसके अन्तर्गत आंखों के प्रारंभिक लक्षण, लेंस का प्रयोग एवं अन्य परेशानियों को परखा जाता है।

    ऑप्टोमेट्रिक्स में डिग्री या डिप्लोमा कोर्स किया जा सकता है। इस कोर्स को पूरा करने के बाद नेत्र चिकित्सालय तथा क्लिनिक पर रोजगार आसानी से मिल जाता है। बैचलर ऑफ क्लीनिकल ऑप्टोमेट्री, डिप्लोमा इन ऑप्थलमिक टेक्नीक प्रमुख कोर्स हैं।

    रिहैबिलिटेशन

    मनोविज्ञान से रिलेटेड हायर एजुकेशन में रोजगार की अपार संभावनाएं हैं। दुर्घटना के बाद ठीक होने के बाद कई बार रोगी को सामान्य जीवन जीने में परेशानी होती है। ऐसे लोगों को मानसिक रूप से मजबूत बनाने क ा कार्य रिहैबिलिटेशन सेंटर में किया जाता है।

    सोचें, परखें फिर लें एडमिशन

    किसी भी पैरामेडिकल कोर्स में एडमिशन लेने से पहले स्टूडेंट स्वयं को परख ले कि उसमें सौम्य स्वभाव और सहनशीलता जैसे गुण हैं कि नहीं। यदि गुण हैं तभी वह प्रवेश लें। पैरामेडिकल से रिलेटेड कोई भी एक कोर्स पूरा करके हॉस्पिटल, नर्सिग होम, स्वास्थ्य कल्याण विभाग में रोजगार की अपार संभावनाएं हैं। कॉरपोरेट हॉस्पिटलों के बढते ट्रेंड ने पैरामेडिकल प्रोफेशनल्स की डिमांड बढा दी है।

    डॉ. प्रवीन कटियार

    कोआर्डिनेटर, यूनिवर्सिटी इंस्टीट्यूट ऑफ पैरामेडिकल साइंसेस, सीएसजेएमयू, कानपुर

    डॉ. योगेश