फॉरेंसिक साइंस:अपराधियों तक पहुंचने का विज्ञान
फॉरेंसिक साइंस अपराध से जुड़ा विज्ञान है। इसकेअंतगर्त अपराध का पता लगाने के लिए शरीर केतरल पदार्थो की जांच की जाती है। फॉरेंसिक रिपोर्ट को अदालत भी अहम प्रमाण मानती है। इसमें ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन करने के बाद सीबीआइ, सीआइडी, फॉरेंसिक लेबोरेटरी समेत जॉब के बेशुमार ऑप्शन हैं। इसमें सफलता के लिए किस तरह की स्ट्रेटेजी है जरूरी..
देश-विदेश में बढ रही आतंकी घटनाओं ने फॉरेंसिक विशेषज्ञों की डिमांड बढा दी है। आपराधिक वारदातों के सूत्रधारों की धर-पकड के लिए प्रशिक्षित सुरक्षा बलों की जरूरत आज समाज और समय की डिमांड है। इस साइंस का जानकार अपराध से जुडे लोगों को पकडवाने में काफी मददगार होता है। अपराधियों या आतंकवादी का स्कैच तैयार कराने में फॉरेंसिक साइंस के एक्सपर्ट काफी सहायक होते हैं। अदालत भी इस विज्ञान की मदद लेकर जांच को आगे बढाती है। आतंकवादी गुत्थियां हों या रहस्यमय मौत, इसे सुलझाने में फॉरेंसिक साइंस की अहम भूमिका होती है। फॉरेंसिक साइंटिस्ट से प्राप्त इनपुट को लेकर ही इंवेस्टिगेटिंग ऑफिसर अदालत के समक्ष हाजिर होता है। जरूरत पडने पर फॉरेंसिक एक्सपर्ट घटना स्थल का निरीक्षण करता है।
फॉरेंसिक साइंस का क्रेज
फॉरेंसिक साइंस अब विदेश में ही नहीं, देश में भी लोकप्रिय हुई है। इस क्षेत्र में बढती नौकरियों ने स्टूडेंट्स को फॉरेंसिक साइंस का कोर्स करने के लिए विवश कर दिया है। इसकी पढाई करने वालों के लिए जॉब के कई ऑप्शन हैं। इसमें डिप्लोमा कोर्स से लेकर पी-एचडी. करने वाले स्टूडेंट्स के लिए हर स्तर पर नौकरी का स्कोप है। यही कारण है कि अपराध का पता लगाने वाले इस विज्ञान का क्रेज बढता जा रहा है। इस फील्ड के लोग ब्लड सहित शरीर के अन्य तरल पदार्थो की जांच कर अपराधियों तक पहुंचने में मददगार साबित होते हैं।
जरूरी स्किल्स
- जिज्ञासु स्वभाव
- कानून व्यवस्था पर आस्था और जिज्ञासा
- सटीकता के लिए चिन्ता
- तार्किक, व्यावहारिक और व्यवस्थित दृष्टिकोण
- वैज्ञानिक विश्लेषण की क्षमता
एजूकेशनल क्वालिफिकेशन
यदि आप कला एवं विज्ञान वर्ग से बाहरवीं उत्तीर्ण हैं तो स्नातक कर सकते हैं। इसके अलावा आप परास्नातक डिग्री या डिप्लोमा क्रिमिनोलॉजी कर सकते हैं। इसके लिए आर्ट एवं साइंस से स्नातक होना जरूरी है। परास्नातक करने के बाद पी-एचडी. की जा सकती है।
कौन से हैं कोर्स
B.A. Criminology
M.A. Criminology
M.A. Criminology and Criminal Justice Administration
B.Sc. Forensic Science
M.Sc. Criminology
M.Sc. Cyber Forensics and Information Security
M.Sc. Forensic Science
Ph.D. Criminology and Criminal Justice Administration
Post Graduate Diploma in Criminology and Forensic Science
Post Graduate Diploma in Criminology and Police Science
Post Graduate Diploma in Digital and Cyber Forensics and Related Laws
Post Graduate Diploma in Forensic Science and Related Laws
Post Graduate Diploma in Forensic Speech Sciences and Technology
Post Gradute Diploma in Criminology and Penalogy
Diploma in Criminology
Diploma in Finger Print Examination
Diploma in Forensic Science and Criminology
Certificate Course in Forensic Science Expert
जॉब कहां पर
फॉरेंसिक साइंस से डिग्री, डिप्लोमा तथा सर्टिफिकेट कोर्स करने वाले स्टूडेंट्स के पास नौकरियों की कमी नहीं है। इस फील्ड के लोगों के पास सरकारी क्षेत्र में सीबीआई, सीआईडी, पुलिस विभाग, आईबी, रक्षा मंत्रालय, फॉरेंसिक लेबोरेटरी, नारकोटिक्स डिपार्टमेंट, बैंक, सेना, कोर्ट, अस्पताल, क्वालिटी कंट्रोल ब्यूरो में तथा प्राइवेट क्षेत्र में सिक्योरिटी सर्विस एजेंसी, लॉ फर्म, डिटेक्टिव एजेंसी, बैंक, इंश्योरेंस कंपनी आदि में जॉब की कमी नहीं है। फॉरेंसिक साइंस में पीएच-डी. करने के बाद केंद्रीय विश्वविद्यालय एवं स्टेट लेवॅल की यूनिवर्सिटियों एवं उनसें संबंधित डिग्री कॉलेजों में अपने कॅरियर की शुरुआत असिस्टेंट प्रोफेसर के रूप में शुरू कर सकते हैं। इसके अलावा रिसर्च का एरिया आपके कॅरियर को नयी दिशा दे सकता है।
प्रमुख पद
फॉरेंसिक साइंस में प्राप्त शिक्षा के आधार पर कैंडिडेट टीचर/प्रोफेसर, फॉरेंसिक इंजीनियर, जेनेटिक एक्सपर्ट, फॉरेंसिक साइकोलॉजिस्ट, फॉरेंसिक साइंटिस्ट, फॉरेंसिक इंवेस्टिगेटर, फॉरेंसिक एक्सपर्ट, इन्वायरन्मेंट एनालिस्ट,फॉरेंसिक मेडिकल एक्जामिनर, साइंटिफिक ऑफिसर, इंवेस्टिगेटिंग ऑफिसर, फॉरेंसिक एनालिस्ट, सिक्योरिटी एक्सपर्ट, फॉरेंसिक कंसलटेंट, डिटेक्टिव आदि महत्वपूर्ण पद पर जॉब कर सकता है।
प्रमुख संस्थान
- नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ क्रिमिनोलॉजी एंड फॉरेंसिक साइंस, नई दिल्ली
- बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी, झांसी
- लखनऊ यूनिवर्सिटी, लखनऊ
- यूनिवर्सिटी ऑफ पुणे
- डॉ. बीआर अम्बेडकर यूनिवर्सिटी, आगरा
- पटना यूनिवर्सिटी, पटना
- डॉ. हरि सिंह गौर विश्वविद्यालय सागर, मध्य प्रदेश
- इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरेंसिक साइंस, मुंबई
डॉ. योगेश
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।