Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    लक्ष्‍मणगढ़: मोदी विवि में नारी शक्ति एवं परमाणु शक्ति का समागम

    By Monika minalEdited By:
    Updated: Mon, 27 Mar 2017 05:29 PM (IST)

    मोदी विश्वविद्यालय के अभियांत्रिकी महाविद्यालय ने परमाणु उर्जा के क्षेत्र में हो रहे नवीन अनुसंधानों के बारे में छात्राओं को शिक्षित करने के लिए एकदिव ...और पढ़ें

    Hero Image
    लक्ष्‍मणगढ़: मोदी विवि में नारी शक्ति एवं परमाणु शक्ति का समागम

    नई दिल्‍ली (जेएनएन)। नारी शिक्षा एवम् महिला सशक्तिकरण, जिसमें संपूर्ण भारतवर्ष उत्साह के साथ जुड़ा हुआ है इसी में सदैव की भांति मोदी विश्वविद्यालय के अभियांत्रिकी महाविद्यालय ने परमाणु उर्जा के क्षेत्र में हो रहे नवीन अनुसंधानों के बारे में छात्राओं को शिक्षित करने के लिए एकदिवसीय विचार गोष्ठी का आयोजन किया।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    इस संगोष्ठी की महत्वपूर्ण बात यह रही की परमाणु उर्जा क्षेत्र से जुड़ी हुयी महिला वैज्ञानिकों को आमंत्रित किया गया। जिसके अंतर्गत मुख्य अतिथि डॉ. एस.बी. रॉय, पूर्व निदेशक, केमिकल इंजीनियरिंग ग्रुप, बीएआरसी, मुंबई एवम् सम्माननीय अति डॉ. सरोज साईबाबा, अध्यक्ष, भौतिक धातु विज्ञान विभाग, आईजीसीएआर, कलपक्कम रहे। संगोष्ठी का उद्घाटन अनुष्ठान विश्‍वविद्यालय के संगीत सम्राट तानसेन सभागार में दीप प्रज्ज्वलन, सरस्वती वंदना एवम् विश्वविद्यालय के कुलगीत के साथ हुआ। जिसके अंतर्गत विश्वविद्यालय प्रेसीडेंट प्रो. सुरेश आडवाणी ने अपने स्वागत भाषण में सभी अतिथियों एवम् उपस्थित श्रोताओं का स्वागत करते हुये बताया कि परमाणु उर्जा किस प्रकार से उपयोगी हैं एवम् इसके बारे में फैली हुयी भ्रांतियों को दूर किया जाये जिससे कि छात्राओं के मन में उर्जा क्षेत्र में आगे बढ़ने की ललक पैदा हो।

    उद्घाटन संगोष्ठी के अंत में संगोष्ठी के संयोजक प्रो. एन.के. जोशी, अध्यक्ष, परमाणु अभियांत्रिकी विभाग, मोदी विश्वविद्यालय ने सभी का धन्यवाद व्यक्त किया तथा अपने विभाग द्वारा संचालित एम.टेक. एवम् बी.टेक. के विशिष्ट कार्यक्रमों जो कि देश में दो ही विश्वविद्यालयों के पाठ्यक्रम में शामिल हैं के बारे में अवगत कराया।

    संगोष्ठी के दूसरे चरण में अभिभाषण रखे गये जिसमें डॉ. एस.बी. रॉय ने परमाणु ईधन चक्र एवम् रेडियोधर्मी अपशिष्ट एवं संसाधन तथा डॉ. सरोजा साईबाबा ने परमाणु उर्जा विभाग द्वारा की जाने वाली गतिविधियों और भारतीय परमाणु उर्जा कार्यक्रमों पर अभिभाषण दिये। इनके अतिरिक्त अन्य आमंत्रित वैज्ञानिकों ने परमाणु विज्ञान और प्रौद्योगिकी के माध्यम से स्वास्थ्य देखभाल, कृषि एवम् खाद्य प्रसंस्करण एवम् परमाणु क्षेत्र में किस प्रकार करियर बनाया जाये आदि विषयों पर अभिभाषण दिये।

    संगोष्ठी के अंतर्गत अत्यधिक रूचि वाले पोस्टर प्रदर्शनी सत्र भी रखा गया जिसमें छात्राओं ने बढ़-चढ़कर सवाल-जवाब में भाग लिया। फतेहपुर के कृषि महाविद्यालय एवम् शेखावटी क्षेत्र के अभियांत्रिकी महाविद्यालयों की छात्राओं ने भी इस संगोष्ठी में भाग लिया। इस संगोष्ठी के दौरान 300 छात्राएं एवम् शिक्षक गण तथा विश्वविद्यालय के अनेक सदस्य उपस्थित रहे।

     

    संगोष्ठी का समापन छात्राओं एवम् शिक्षकों तथा आमंत्रित वैज्ञानिकों के साथ बातचीत सत्र के पश्चात हुआ। संयोजक ने प्रो. वी.के. जैन, डीन अभियांत्रिकी महाविद्यालय एवं प्रो. पी.के. घोष, अध्यक्ष ईसीई संकाय के अभूतपूर्व सहयोग के लिये धन्यवाद ज्ञापित किया। प्रेसीडेण्ट प्रो. सुरेश आडवाणी ने सभी को संगोष्ठी की बधाई देते हुये भविष्य में ऐसे ही कार्यक्रमों को करते रहने के लिये प्रोत्साहित किया एवम् शुभकामनायें दीं।