Jharkhand Rain: लगातार हो रही बारिश से उफान पर नदी, रात के अंधेरे में भरभराकर गिरा घर
लगातार तीन दिनों से हो रही बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। कृषि विभाग के अनुसार 112 एमएम बारिश रिकॉर्ड की गई है। चाईबासा शहर में सन्नाटा पसरा रहा और ग्रामीण क्षेत्रों में नदी-नाले उफान पर हैं जिससे कई गांवों का संपर्क टूट गया है। बारिश के कारण कई कच्चे मकान भी धंस गए हैं जिससे लोगों को काफ़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।
संवाद सहयोगी, चाईबासा। पश्चिम सिंहभूम जिला में तीन दिन से लगातार हो रही बारिश से जनजीवन पूरी तरह अस्त व्यस्त हो गया। कृषि विभाग के अनुसार पिछले तीन दिन में 112 एमएम बारिश रिकॉर्ड की गई। बारिश के कारण रविवार सुबह पूरा चाईबासा शहर सन्नाटा नजर आया, लोग अपने घरों में ही दुबके रहे। बारिश का सबसे ज्यादा असर ग्रामीण क्षेत्र में देखने को मिला।
ग्रामीण क्षेत्र के नदी नाले पूरे उफान पर आ गए। कई गांव का संपर्क मुख्यालय से कट गया है। इसमें टोंटो, खूंटपानी, कुमारदूंगी, मंझारी, तांतनगर आदि प्रखंड के गांव शामिल हैं। बारिश से ग्रामीण क्षेत्र के कई कच्चे मकान धंस गए हैं।
खूंटपानी प्रखंड के पूर्णिया गांव निवासी प्रधान पारु होनहागा का मकान बारिश के कारण देर रात धंस गया। जिससे पूरा परिवार बगल के घर में बैठ कर रात गुजारे । इसकी जानकारी देते हुए प्रधान ने कहा कि 2 दिन से लगातार बारिश हो रही थी, जिसे कच्चा मकान का एक साइड का दीवार धीरे-धीरे धसने लगा था। रात में अचानक सोए हुए थे लगभग 2 बजे रात घर का दीवार पूरी तरह गिर गया। गनीमत रहा कि हम लोग दूसरे कमरे में थे, उसके बाद रात में ही घर छोड़कर दूसरे के घर के बरामदे में रात गुजारे ।
इसकी जानकारी होते ही सुबह में कुछ ग्रामीण प्लास्टिक, तिरपाल, भोजन लेकर आए और मदद किया। कुमारदूंगी प्रखंड के छोटारायकमन गांव निवासी बबलु गोप का घर बारिश में शनिवार देर रात धंस गया। बबलू गोप ने कहा कि शनिवार देर रात सभी खाना खाकर सो रहे थे। लगातार हो रही वर्षा के कारण घर का पिछला दीवार अचानक गिर गया। हम सभी दौड़कर घर से बाहर निकले और अपने जान बचाए। प्रशासन से मांग करते हैं कि जल्द से जल्द हमें राहत प्रदान करें।
वहीं संबंध में जानकारी देते हुए जिला कृषि पदाधिकारी अमरजीत कुजूर ने कहा कि मौसम विभाग ने तीन दिन का पूर्वानुमान लगाया था, इसी के तहत शुक्रवार सुबह से वर्षा हो रही है। जिससे धान की खेती को नुकसान तो नहीं होगा लेकिन मक्का, जो , मोटे अनाज के खेत में पानी जमा रहने के कारण नुकसान हो सकता है । वहीं सब्जी की खेती को भी इससे नुकसान होगा। रविवार सुबह तक 112 मिलीमीटर वर्षा रिकॉर्ड किया गया था।
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