West Singhbhum News: मानकी मुण्डा संघ कोल्हान पोड़ाहाट में बढ़ा विवाद, समिति का पुनर्गठन अटका
मानकी मुण्डा संघ कोल्हान पोड़ाहाट केंद्रीय समिति के पुनर्गठन को लेकर विवाद गहरा गया है। महासचिव चंदन होनहागा ने समिति की गतिविधियों पर चिंता जताई और न्याय पंच के कार्यों पर सवाल उठाए। उन्होंने विधि सलाहकार पर हस्तक्षेप का आरोप लगाया और उनके खिलाफ आरोप पत्र भेजने पर आपत्ति जताई, जिससे पुनर्गठन प्रक्रिया बाधित हो रही है।
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महासचिव चंदन होनहागा
जागरण संवाददाता, चाईबासा। मानकी मुण्डा संघ कोल्हान पोड़ाहाट केन्द्रीय समिति (पश्चिमी सिंहभूम) के पुनर्गठन को लेकर अंदरूनी मतभेद गहराते जा रहे हैं। इसी कड़ी में महासचिव चंदन होनहागा ने पदाधिकारियों के साथ आनलाइन संवाद के दौरान समिति की गतिविधियों और व्यवस्था पर गंभीर चिंता व्यक्त की है।
महासचिव के अनुसार नवंबर माह की नियमित बैठक में उपस्थिति बेहद कम रही, जिसके चलते समिति का पुनर्गठन संभव नहीं हो पाया। उन्होंने कहा कि पिछले तीन वर्षों से केंद्रीय कोषाध्यक्ष द्वारा हिसाब–किताब प्रस्तुत न किया जाना भी एक बड़ी बाधा है।
यह केवल किसी व्यक्ति का सवाल नहीं, बल्कि पूरे मानकी मुण्डा एवं डाकुवा समुदाय की सामूहिक जिम्मेदारी का विषय है। उन्होंने कहा कि समय पर पुनर्गठन हो जाता तो कई नए चेहरे समिति में शामिल होकर संगठन को मजबूती देते, लेकिन लगातार टल रही प्रक्रिया से संगठनात्मक ढांचा कमजोर हो रहा है। ऐसी स्थिति में नवंबर माह में ही आपातकालीन बैठक बुलाने की जरूरत है।
महासचिव ने न्याय पंच को लेकर की तीखी टिप्पणी
महासचिव होनहागा ने न्याय पंच के कार्यों पर भी गंभीर सवाल उठाए। उनका कहना है कि न्याय पंच समिति का अभिन्न अंग हैं, फिर भी कुछ सदस्य स्वयं को समिति से अलग मानते हैं, जो अनुशासनहीनता है और संगठन को नुकसान पहुंचाता है।
विधि सलाहकार पर अतिक्रमण का आरोप
महासचिव ने विधि सलाहकार महेंद्र दोराईबुरू पर न्याय पंच के कार्य में अत्यधिक हस्तक्षेप करने का आरोप लगाया। उन्होंने स्पष्ट कहा कि उन्हें अपने दायरे में रहकर काम करना चाहिए। न्याय पंच में अनावश्यक दखल से कई मानकी मुण्डा एवं डाकुवा परेशान हैं।
कहा कि महेंद्र दोराईबुरू बिना अनुमति न्याय पंच कार्यालय में प्रवेश न करें।उन्हें और उनकी धर्म पत्नी को सलाहकार समिति से हटाया जाए, क्योंकि उनकी नियुक्ति समिति की स्वीकृति से नहीं हुई है।
महासचिव ने यह भी आरोप लगाया कि उनके विरुद्ध उपायुक्त पश्चिमी सिंहभूम और विधानसभा सचिवालय रांची में आरोप पत्र भेजा गया, जो समिति की गरिमा के खिलाफ है।

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