कोल्हान विश्वविद्यालय में छह घंटे तक बंद रहीं कुलपति और पदाधिकारी, विभिन्न मांगों को लेकर हुई नारेबाजी
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने कोल्हान विश्वविद्यालय में विभिन्न मांगों को लेकर छह घंटे तक तालाबंदी की। कुलपति समेत कई अधिकारी अंदर ही रहे। छात्रों ने 20 सूत्री मांग पत्र सौंपा जिसमें शैक्षणिक सत्र को दुरुस्त करने पेयजल की सुविधा पुस्तकालय और परीक्षा केंद्र को 10 किलोमीटर के दायरे में रखने जैसी मांगें शामिल थीं।

संवाद सहयोगी, चाईबासा। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) की ओर से विभिन्न मांगों को लेकर मंगलवार को सैकड़ों छात्र-छात्राओं ने कोल्हान विश्वविद्यालय के मुख्य गेट पर करीब छह घंटे तक तालाबंदी कर दी। इस दौरान कुलपति अंजिला गुप्ता समेत सभी पदाधिकारी अंदर ही बंद रहे। गेट के बाहर छात्र लगातार नारेबाजी करते रहे। दोपहर करीब एक बजे विश्वविद्यालय के पदाधिकारी नीचे आकर छात्रों से संवाद करना चाह रहे थे, लेकिन छात्र कुलपति से सीधे वार्ता की जिद पर अड़े रहे।
अंततः दोपहर दो बजे कुलपति अंजिला गुप्ता समेत अन्य पदाधिकारी छात्रों से मिले। इसके बाद छात्रों ने 20 सूत्री मांग पत्र सौंपा और तालाबंदी खत्म की। विभाग संयोजक अभिषेक तिवारी ने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन को पूर्व में ही चेतावनी दी गई थी, लेकिन गंभीरता न दिखाने के कारण मजबूरन तालाबंदी करनी पड़ी। उन्होंने कहा कि यदि एक माह में मांगों पर काम नहीं हुआ तो बड़े आंदोलन की तैयारी की जाएगी।
कुलपति का आश्वासन, एक-दो माह में अधिकांश समस्याओं का होगा समाधान
कुलपति अंजिला गुप्ता ने छात्रों की मांगों को जायज ठहराते हुए कहा कि स्थायी कुलपति न रहने के कारण कई कार्य अटके रहे हैं। उन्होंने भरोसा दिलाया कि एक-दो माह में समस्याओं का समाधान कर दिया जाएगा। कुछ मांगों पर कार्य आरंभ हो चुका है और बाकी पर सेंडिकेट व सरकार के स्तर से निर्णय लिया जाएगा।
गेट के बाहर खड़े रहे विश्वविद्यालय आये कर्मी व छात्र
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की ओर से कोल्हान विश्वविद्यालय के मुख्य गेट समेत सभी प्रवेश द्वार पर तालाबंदी कर दी गयी जिसके कारण विश्वविद्यालय के कर्मियों को भी अंदर जाने के लिए इंतजार करना पड़ा। कुछ कर्मी बैंक की ओर से प्रवेश करना चाह रहे थे लेकिन छात्रों ने वहां भी आकर ताला जड़ दिया। इस कारण दूर-दराज से आने वाले छात्राओं व अभिभावकों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। मुफस्सिल थाना की पुलिस भी विश्वविद्यालय पहुंची थी, लेकिन वह भी छात्रों के आगे सिर्फ मूकदर्शक ही बनी रही।
ये हैं छात्र-छात्राओं की प्रमुख मांगें
- शैक्षणिक सत्र को दुरुस्त कर समय पर डिग्री पूरी हो।
- विश्वविद्यालय व कालेजों में पेयजल, स्वच्छ शौचालय, पुस्तकालय व लैब की सुविधा।
-जब तक शिक्षक नियोजन न हो, तब तक गेस्ट फैकल्टी की व्यवस्था।
- सभी कॉलेजों में खेल सामग्री, गर्ल्स कामन रूम व पिंक टायलेट की सुविधा।
- परीक्षाओं का केंद्र 10 किलोमीटर के भीतर हो।
- जर्जर भवनों का शीघ्र मरम्मत और छात्रावास का निर्माण।
- विद्यार्थियों की समस्याओं के लिए वन-स्टॉप सॉल्यूशन सेंटर।
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