आदिवासी सरना धर्म की रक्षा के लिए हो युवा महासभा लेगी सख्त निर्णय : केन्द्रीय अध्यक्ष
मझगांव के गढ़केशना गांव में ईसाई धर्म प्रचारक पास्टर के द्वारा गांव में ईसाई धर्म का प्रचार करने के मामले को लेकर आदिवासी हो समाज महासभा भी सक्रिय हो गया है।
जागरण संवाददाता, चाईबासा : मझगांव के गढ़केशना गांव में ईसाई धर्म प्रचारक पास्टर के द्वारा गांव में ईसाई धर्म का प्रचार करने के मामले को लेकर आदिवासी हो समाज महासभा भी सक्रिय हो गया है। समाज की ओर से ईसाई समुदाय के धर्म प्रचारकों को आदिवासी बहुत क्षेत्रों में पहले से ही जाने पर विरोध किया जा रहा है। लेकिन अब हो महासभा सक्रिय होकर इस पर निर्णय लेने जा रही है। इस संबंध में जानकारी देते हुए आदिवासी हो युवा महासभा के केन्द्रीय अध्यक्ष भूषण पाट पिगुवा ने कहा कि हो महासभा अपने समाज की रक्षा के लिए काफी सक्रिय है। मझगांव की घटना आपसी मामला था, इसमें किसी प्रकार आदिवासी हो समाज महासभा हस्तक्षेप नहीं किया। जिला प्रशासन ने अपनी सक्रियता के साथ इस मामले को लेकर दोनों पक्षों के साथ बैठक कर सुलझा लिया है। जिसमें दो ईसाई धर्म प्रचारक पास्टर को गांव में प्रवेश पर रोक लगा दिया गया है। प्रशासन ने यह सराहनीय कदम उठाया है। जिसमें पास्टर के द्वारा गांव के नाबालिग बच्चों को वीडियो दिखाकर दिगभ्रमित कर धर्मांतरण का कार्य किया जाता था। झारखंड सरकार ने भी इस पर कानून बना दिया है, जिसमें किसी को मजबूर करके और प्रलोभन देकर किसी प्रकार धर्म परिवर्तन नहीं करा सकते हैं। दोनों ईसाई धर्म प्रचारक पास्टर को पुलिस चिन्हित करे और दोषी पाए जाने पर जेल भेजे। जिससे दूसरा कोई इस प्रकार नाबालिगों को प्रलोभन देकर आदिवासियों को बहला-फुसला नहीं सके। उन्होंने कहा कि आदिवासी हो समाज महासभा व युवा महासभा पहले से ईसाई धर्म प्रचारकों का गांव में बिना वजह के प्रवेश करने पर विरोध कर रहा है। ईसाई धर्म प्रचारक एक एजेंडे के तहत भोले-भाले आदिवासी सरना धर्म के लोगों को अपना निशाना बनाते हैं। क्योंकि आदिवासी सरना धर्म के मानने वाले काफी सीधे और सच्चे होते हैं। वह धर्म के मामले में ज्यादा सख्त भी नहीं हैं, जिससे आदिवासी परिवार दूसरे के बहकावे में आकर ठगे जाते हैं। इसके उलट आज तक यह नहीं सुना गया कि कोई हिदू, मुस्लिम या सिख परिवार अपना धर्म परिवर्तन कर दूसरो धर्म अपना लिया है। जबकि आए दिन आदिवासी परिवार को धर्म परिवर्तन करते देखा जाता है। इस पर हो महासभा जल्द की कुछ सख्त निर्णय लेने जा रही है, जिससे आदिवासी के सरना धर्म की रक्षा किया जा सके।
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