चक्रधरपुर रेल मंडल में रांची-राउरकेला रेलमार्ग पर खतरे की रफ्तार: बंडामुंडा सेक्शन में दर्जनों स्लीपर टूटे, ट्रैक जर्जर
चक्रधरपुर रेल मंडल के रांची-राउरकेला रेलमार्ग पर बंडामुंडा सेक्शन में रेलवे ट्रैक की हालत जर्जर हो गई है। दर्जनों स्लीपर टूटे हुए हैं, जिससे दुर्घटना ...और पढ़ें

रांची-राउरकेला मुख्य रेल मार्ग पर क्षतिग्रस्त स्लीपर।
जागरण संवाददाता, चक्रधरपुर। चक्रधरपुर रेल मंडल में इंजीनियरिंग विभाग की लापरवाही से रांची-राउरकेला मुख्य रेल मार्ग इन दिनों गंभीर खतरे की जद में है। बंडामुंडा रेलखंड में लिंक-सी के पास अप लाइन की हालत बेहद जर्जर पाई गई है।
पटरियों पर दर्जनों स्लीपर टूटे हुए हैं, जबकि कई पुरानी अवस्था में चिपके हुए दिख रहे हैं। कई स्थानों पर स्लीपरों के अंदर की छड़ बाहर निकल चुकी है और इंसर्ट टूटने से ईआरसी भी अपनी जगह से ढीली हो चुकी है।
ऐसे में पटरी को पकड़ने वाली संरचना कमजोर हो गई है, जो किसी बड़े हादसे का कारण बन सकती है। स्थिति और भी चिंताजनक है क्योंकि लिंक-सी से लेकर करीब 40 किलोमीटर दूर कादोपानी रेलवे ब्रिज तक ट्रैक इसी बदहाली में है।
यह वही ट्रैक है जिस पर रोजाना रांची-राउरकेला के बीच दर्जनों एक्सप्रेस, पैसेंजर और भारी मालगाड़ियां तेज रफ्तार से गुजरती हैं। रेल ट्रैक पर गिट्टी की भारी कमी भी सुरक्षा मानकों का उल्लंघन है।
कर्व लाइन वाले हिस्सों पर न तो कुशनिंग है और न ही ड्रेसिंग व बॉक्सिंग का कार्य किया गया है। विशेषज्ञों के अनुसार, गिट्टी की कमी पटरी को असंतुलित कर सकती है, जिससे किसी भी समय गंभीर दुर्घटना हो सकती है।
रेलकर्मियों का कहना है कि यह स्थिति रेलवे प्रशासन की गंभीर लापरवाही को दर्शाती है। यात्रियों की सुरक्षा से इस प्रकार का खिलवाड़ अस्वीकार्य है।
आश्चर्य की बात यह है कि 28 नवंबर को दक्षिण पूर्व रेलवे के जीएम अनिल कुमार मिश्रा ने राउरकेला-हटिया सेक्शन का दौरा किया था, लेकिन इसके पहले भी टूटे स्लीपरों की मरम्मत नहीं की गई। इस पर कई कर्मचारियों ने नाराजगी जताई है।
इस संबंध में संपर्क करने पर राउरकेला के एडीईएन अशेष कुमार ने बताया कि विभाग इस समस्या से अवगत है। टूटे हुए स्लीपरों को बदला जा रहा है और कार्य प्रगति पर है।
उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में टीआरटी मशीनों से पूरी पटरी को बदला जाएगा, ताकि ट्रैक को सुरक्षित बनाया जा सके। स्थानीय रेलवे कर्मचारियों और यात्रियों ने मांग की है कि मरम्मत कार्य में तेजी लाई जाए।

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