Ramdas Soren: जब रात 12 बजे धरने पर बैठ गए थे विधायक, प्रबंधन के छूट गए थे पसीने
रामदास सोरेन मजदूरों के अधिकारों के लिए हमेशा संघर्षरत रहे। टाटा स्टील सहित कई कंपनियों में उन्होंने आंदोलन किए। 2009 में घाटशिला विधानसभा से पहली बार विधायक बने। 2014 में मउभंडार में आईसीसी कंपनी के मजदूरों के आंदोलन में उन्होंने समर्थन दिया। मजदूरों के मुद्दों पर प्रबंधन को चेतावनी दी और 10 फरवरी को धरने पर बैठ गए। उन्होंने मजदूरों के टेंट को ही अपना घर बना लिया।
जागरण संवाददाता, घाटशिला। रामदास सोरेन हमेशा मजदूरों के मुद्दों को लेकर संघर्ष करते रहे है। टाटा स्टील समेत कई कम्पनी क्षेत्रों में रामदास ने कई आंदोलन किए। 2009 में पहली बार घाटशिला विधानसभा सीट से विधायक निर्वाचित होकर विधानसभा पहुंचे।
उस समय दोबारा 2014 के चुनाव के ठीक पहले मउभंडार में आईसीसी कम्पनी के नामनी मजदूरों का आंदोलन चल रहा था। मजदूरों ने विधायक से सहयोग का आग्रह किया था।
विधायक ने एचसीएल-आईसीसी प्रबंधन को चेताया था कि अगर वे मजदूरों के मुद्दों पर सकारात्मक पहल नहीं करेंगे वे खूद 10 फरवरी को धरने पर बैठ जाएंगे। विधायक ने अपने कहे अनुसार 10 फरवरी की रात्रि 12 बजकर 3 मिनट पर आईसीसी कम्पनी गेट पर मजदूरों के संग धरने पर बैठ गए।
इसकी जानकारी होते ही कम्पनी प्रबंधन व स्थानीय प्रशासन के होश उड़ गए। विधायक ने मजदूरों के टेंट को ही अपना घर बना लिया था। टेंट में रहकर ही भोजन करते थे और रात्रि विश्राम भी टेंट में ही किया। बगल में स्वर्णरेखा नदी जाकर नहाकर फिर टेंट में आकर धरने पर बैठ जाते।
झामुमो ने आंदोलन को आर्थिक नाकेबंदी कर तेज कर दिया। कम्पनी के सभी गेट पर झामुमो के कार्यकर्ता तीर धनूष लेकर खड़े हो गए थे। उस समय एचसीएल आईसीसी में काफी तनावपूर्ण स्थिति बन गए थे।
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