राहुल गांधी चाईबासा एमपी-एमएलए कोर्ट में होंगे सशरीर हाजिर? 15 सितंबर को होगी अगली सुनवाई
चाईबासा कोर्ट में राहुल गांधी की सशरीर पेशी से छूट के आवेदन पर विवाद हुआ। अधिवक्ता केशव प्रसाद ने आवेदन में हस्ताक्षर और शपथ पत्र न होने का विरोध किया। राहुल गांधी के अधिवक्ता ने जवाब के लिए समय मांगा जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया। अगली सुनवाई 15 सितंबर 2025 को होगी। यह मामला 2018 में अमित शाह पर की गई टिप्पणी से जुड़ा है।

जागरण संवाददाता, चाईबासा। कांग्रेस नेता राहुल गांधी को सशरीर न्यायालय में उपस्थित होने से छूट देने को लेकर जारी विवाद शनिवार को चाईबासा के एमपी-एमएलए कोर्ट में चर्चा का विषय बना।
25 अगस्त 2025 को राहुल गांधी की ओर से न्यायालय में सशरीर उपस्थिति से छूट हेतु आवेदन प्रस्तुत किया गया था, लेकिन इस आवेदन के साथ उनकी ओर से हस्ताक्षर और शपथ पत्र नहीं था।
इसी को लेकर प्रतिवादी प्रताप कटियार के अधिवक्ता केशव प्रसाद ने शनिवार को कोर्ट में प्रत्युत्तर दाखिल किया। केशव प्रसाद ने कहा कि उनके प्रत्युत्तर में स्पष्ट किया गया है कि राहुल गांधी को सशरीर उपस्थित होने से छूट नहीं दी जानी चाहिए।
उन्होंने यह भी कहा कि जो आवेदन 25 अगस्त को दिया गया है, उसमें राहुल गांधी के हस्ताक्षर नहीं हैं, न ही शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है। इस वजह से छूट का लाभ राहुल गांधी को नहीं दिया जाना चाहिए। उनका तर्क था कि बिना उचित दस्तावेजों के छूट मंजूर करना न्यायालय की प्रक्रिया के खिलाफ होगा।
दूसरी ओर राहुल गांधी के अधिवक्ता सुभाष चंद्र मिश्रा ने कोर्ट से प्रत्युत्तर देने के लिए और समय मांगा। उन्होंने कहा कि इस मामले में उचित जवाब देने के लिए अतिरिक्त समय की आवश्यकता है ताकि सभी कानूनी पहलुओं को समुचित रूप से प्रस्तुत किया जा सके।
15 सितंबर को होगी सुनवाई
न्यायालय ने इस मांग को स्वीकार करते हुए मामले की अगली सुनवाई 15 सितंबर 2025 के लिए निर्धारित कर दी। बता दें कि वर्ष 2018 में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने कांग्रेस अधिवेशन के दौरान भाजपा के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के खिलाफ कथित अपमानजनक टिप्पणी की थी।
इस संबंध में चाईबासा निवासी भाजपा नेता प्रताप कटियार ने 9 जुलाई 2018 को शिकायत दर्ज कराई थी। इस मामले में चाईबासा कोर्ट ने अप्रैल 2022 में राहुल गांधी के खिलाफ जमानती वारंट जारी किया था, जिस पर संज्ञान नहीं लिया गया।
इसके बाद फरवरी 2024 में गैर-जमानती वारंट जारी हुआ। इसके चलते 6 अगस्त 2025 को राहुल गांधी को व्यक्तिगत रूप से चाईबासा कोर्ट आना पड़ा था। उसके उपरांत उन्होंने व्यक्तिगत उपस्थिति से छूट देने के लिए न्यायालय से प्रार्थना की है।
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