'खत्म करेंगे ठेकेदारी प्रथा, सभी को मिलेगी पेंशन वाली नौकरी...' चाईबासा में राहुल ने किया जनता से वादा
Rahul Gandhi in Chaibasa राहुल गांधी ने आज चाईबासा में एक चुनावी जनसभा को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने आईएनडीआईए महा गठबंधन के लोकसभा प्रत्याशी जोबा मांझी के पक्ष में उपस्थित जनता से समर्थन भी मांगा। राहुल गांधी ने इस दौरान विपक्ष में भाजपा की सरकार पर जमकर हमला भी बोला और कहा कि बीजेपी आदिवासियों का छीन रही है।
सुधीर पांडेय, चाईबासा। Rahul Gandhi : कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने मंगलवार को झारखंड के चाईबासा में चुनावी जनसभा को संबोधित किया। अपने इस संबोधन में राहुल गांधी ने गरीब परिवारों को लखपति बनाने का वादा किया। नौकरी का वादा किया। राहुल गांधी ने कहा कि हम परमानेंट नौकरी देंगे।
हम देंगे सभी को पेंशन वाली नौकरी: राहुल गांधी
पब्लिक सेक्टर यूनिट में ठेकेदारी प्रथा वाली नौकरी खत्म करेंगे और सभी को पेंशन वाली नौकरी देंगे। राहुल गांधी ने आरक्षण बढ़ाने का भी वादा किया।
कहा कि हमारी सरकार बनी तो आरक्षण पर 50 प्रतिशत की लिमिट को बढ़ाने का काम किया जायेगा। नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने 22 अरबपति बनाये। अब कांग्रेस लखपति बनायेगी।
महिलाओं के अकाउंट में डाले जाएंगे एक लाख रुपये: राहुल गांधी
इसका तरीका बताते हुए उन्होंने कहा कि सत्ता में आने के बाद कांग्रेस (Congress) सबसे पहले गरीब परिवारों की लिस्ट बनायेगी। करोड़ों परिवार हैं जो गरीबी रेखा से नीचे रहते हैं।
इसमें आदिवासी, दलित, पिछड़े ज्यादा हैं। हर गरीब परिवार में से एक महिला का नाम चुनेंगे। उस महिला के बैंक अकाउंट में दस, बीस, पच्चास या नब्बे नहीं पूरे एक लाख रुपये साल के डाल देंगे।
आगे कहा कि हमने महिलाओं के बैंक अकाउंट को इसलिए चुना है क्योंकि इस 21वीं सदी में महिलाएं 16 से 20 घंटे काम करती हैं। मैं जानता हूं कि दबाव डालकर महिलाओं से पुरुष कुछ पैसा ले लेंगे।
राहुल ने दिलाया बेराजगारी दूर करने का भरोसा
बेरोजगारी दूर करने का भरोसा दिलाते हुए राहुल गांधी ने कहा कि देश के ग्रेजुएट अथवा डिप्लोमा होल्डर को हम पहली नौकरी का अधिकार देने जा रहे हैं। कांग्रेस की सरकार आयी तो किसानों का सारा कर्ज माफ किया जायेगा। एमएसपी कानून लागू किया जायेगा। मजदूरों के लिए भी हमने सोचा है।
अभी मनरेगा मजदूर को 250 रुपये मिलते हैं। हम 400 रुपये देंगे। आंगनबाड़ी सेविका व आशाकर्मियों की आमदनी दोगुनी कर देंगे। इससे पहले राहुल गांधी ने जोहार कहकर अपना संबोधन शुरू किया।
जोहार के अभिवादन को स्पष्ट करते हुए राहुल बोले, मैंने जोहार इसलिए बोला क्योंकि यह आदिवासियों का शब्द है। इसमें आपकी आवाज अच्छी सुनाई देती है। यह चुनाव आदिवासी, दलित, पिछड़ों के लिए जरूरी चुनाव है।
राहुल बोले, संविधान की रक्षा के लिए हम जान देने को तैयार हैं
सिंहभूम लोकसभा सीट से आइएनडीआइए प्रत्याशी जोबा मांझी (Joba Manjhi) के लिए हुई इस चुनावी सभा से राहुल गांधी ने संविधान की किताब दिखाते हुए कहा कि यह देश की आवाज है। आइएनीआइए इसकी रक्षा कर रहा है। वहीं, भाजपा वाले इसे फाड़कर फेंकना चाहते हैं। आपको जो भी मिला है इसी किताब ने दिया है।
संविधान से ही आपको आरक्षण मिलता है। संविधान से नौकरी मिलती है, संविधान से शिक्षा मिलती है। यह मिट जायेगा तो आदिवासी कहीं का नहीं रहेगा। सारा का सारा 10 से 15 अरबपतियों के हाथ में चला जायेगा।
संविधान की रक्षा के लिए हम जान देने को तैयार है। आदिवासी देश की जमीन का पहला मालिक है। अडाणी की नजर आपकी जल, जंगल, जमीन पर है। मोदी उनके लिए काम कर रहा है।
भाजपा सांसदों से लेकर डिप्टी सीएम तक सबने रट लगा रखी है - संविधान बदल देंगे, संविधान बदल देंगे।
मोदी और RSS संविधान बदल कर दलितों, पिछड़ों और आदिवासियों का आरक्षण और उनके अधिकार छीन लेना चाहते हैं।
हम जान दे देंगे, लेकिन संविधान पर आंच नहीं आने देंगे। pic.twitter.com/Zyj8Fa6wH7— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) May 7, 2024
देश को 90 लोग मिलकर चला रहे, इनमें आदिवासी केवल एक
राहुल गांधी ने कहा कि आपको हम आदिवासी कहते हैं। वो आपको वनवासी बोलते हैं क्योंकि उनके लिए आप जंगल में रहने वाले लोग हैं हमारे लिए आप आदिवासी हैं। आपका इस जमीन पर हर संसाधन पर बराबरी का हिस्सा है।
आपको वनवासी कहते हैं, और सारे जंगल और जमीन अडाणी, अंबानी को दे रहे हैं। एक दिन जंगल खत्म हो जायेंगे तो आपको कहेंगे जाओ भीख मांगो। चुनावी सभा के मंच पर पहुंची कल्पना सोरेन (Kalpana Soren) की ओर जनसभा का ध्यान आकृष्ट करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि कल्पना के पति और झारखंड के आदिवासी मुख्यमंत्री को जेल में डाल दिया गया है। हेमंत सोरेन छूटेगा।
आपको बता दूं कि आज हिन्दुस्तान को 90 लोग मिलकर चला रहे हैं। ये सभी आइएएस अधिकारी हैं। 90 में से केवल एक व्यक्ति आदिवासी है। उसे कोई बड़ा मंत्रालय नहीं दिया गया है। अगर केंद्र सरकार 100 रुपये का फैसला लेती है तो आदिवासी नेता 10 पैसे का फैसला लेता है। 10 साल में मोदी ने केवल 22 लोगों को लाभ पहुंचाया है।
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