चाईबासा में NH और बाईपास पर नो एंट्री की मांग, ग्रामीणों ने तंबो चौक पर किया उग्र प्रदर्शन
पश्चिमी सिंहभूम के चाईबासा में ग्रामीणों ने एनएच-220, एनएच-75ई और बाईपास सड़कों पर भारी वाहनों के प्रवेश पर रोक लगाने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया। उन्होंने सरकार पर लापरवाही का आरोप लगाया और मंत्री के आवास का घेराव करने की चेतावनी दी।
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प्रदर्शन में बड़ों के साथ शामिल बच्चे। (जागरण)
जागरण संवाददाता, चाईबासा। पश्चिमी सिंहभूम में सड़क दुर्घटनाओं को रोकने और भारी वाहनों की आवाजाही पर रोक लगाने की मांग को लेकर ग्रामीणों का आक्रोश सोमवार को खुलकर सामने आया।
एनएच-220, एनएच-75ई और बाईपास सड़कों पर नो एंट्री लागू करने की मांग को लेकर ग्रामीणों ने चाईबासा के तांबो चौक में प्रदर्शन किया।
प्रदर्शनकारियों ने सरकार और प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि जब तक दिन के समय भारी वाहनों पर रोक नहीं लगाई जाएगी, तब तक दुर्घटनाएं नहीं रुकेंगी।
ग्रामीणों ने चेतावनी दी कि जल्द ही उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो कैबिनेट मंत्री दीपक बिरूवा के आवास का घेराव किया जाएगा। स्थिति को देखते हुए प्रशासन ने चौक-चौराहों और मंत्री आवास के आसपास भारी पुलिस बल की तैनाती कर दी है। बीडीओ अमिताभ भगत, सीओ उपेंद्र कुमार और एसडीपीओ बहामन टूटी स्वयं सुरक्षा व्यवस्था की निगरानी कर रहे हैं।
हिरासत में लिए गए जनप्रतिनिधि रिहा करो
ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि आंदोलन को कमजोर करने के उद्देश्य से जिला परिषद सदस्य माधव चंद्र कुंकल, सोना सवैया, रेयांश सामाड और रमेश बालमुचू को पुलिस ने हिरासत में लिया है। उन्होंने मांग की कि सभी जनप्रतिनिधियों को तुरंत रिहा किया जाए, नहीं तो आंदोलन और तेज किया जाएगा।
हर दो दिन में एक मौत का दर्द
ग्रामीणों ने बताया कि पिछले एक वर्ष में 155 लोगों की मौत सड़क हादसों में हो चुकी है। उनका कहना है कि भारी वाहनों की आवाजाही के कारण आए दिन दुर्घटनाएं हो रही हैं। इस पर कई बार प्रशासन और मंत्री को शिकायत दी गई, लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। लोगों का कहना है कि “हर दो दिन में एक जान जा रही है, फिर भी सरकार चुप है।
ग्रामीणों ने कहा कि यदि जल्द ही बाईपास और एनएच सड़कों पर दिन के समय नो एंट्री लागू नहीं की गई, तो वे व्यापक जनआंदोलन करने को मजबूर होंगे।

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