गरीबी ने छीन लिया बेटा, व्यवस्था ने छीन ली इंसानियत : थैले में मासूम का शव भरकर घर लौटा पिता, जानिए एक बेबस पिता की दुख भरी कहानी
पश्चिमी सिंहभूम जिले के एक गांव में, गरीबी से मजबूर एक पिता को अपने पांच महीने के मृत बेटे का शव प्लास्टिक थैले में भरकर घर लौटना पड़ा। बच्चे का इलाज ...और पढ़ें

प्लास्टिक बैग में मासूम बेटे का शव लेकर चाईबासा सदर अस्पताल से अपने घर पहुुंचा लाचार पिता।
चाईबासा सदर अस्पताल में मासूम था भर्ती
एम्बुलेंस से बच्चे को पहले जगन्नाथपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाया गया, जहां प्राथमिक इलाज के बाद चिकित्सकों ने उसकी गंभीर स्थिति को देखते हुए चाईबासा सदर अस्पताल रेफर कर दिया। लेकिन नियति को कुछ और ही मंजूर था। चाईबासा पहुंचते ही इलाज के दौरान बच्चे ने दम तोड़ दिया।
पिता के जेब में थे मात्र सौ रुपए, किराए में हो गए खर्च
परिजनों का रो रोकर बुरा हाल
घर पहुंचने से पहले ही इस हृदयविदारक घटना की जानकारी एक परिचित व्यक्ति के माध्यम से समाजसेवी गौतम मिंज और पूर्व विधायक सह झारखंड आंदोलनकारी संयुक्त मोर्चा के सलाहकार मंगल सिंह बाबोंगा तक पहुंची। दोनों ने बताया कि यह घटना पूरी तरह सत्य है और गांव में इसका गहरा असर पड़ा है।
इधर, गांव में बेटे की मौत की खबर सुनते ही पत्नी पेलोंग चातोंबा का रो-रोकर बुरा हाल है। शुक्रवार शाम तक गांव के लोग डिंबा चातोंबा के घर के पास एकत्र होकर शव के पहुंचने का इंतजार करते रहे। हर आंख नम थी और हर चेहरा सवाल कर रहा था, क्या यही हमारी व्यवस्था है?

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