पीएमश्री विद्यालयों में दो करोड़ की गड़बड़ी उजागर, डीईओ सहित कई अधिकारी जांच के घेरे में
बिहार के पीएमश्री विद्यालयों में दो करोड़ रुपये की वित्तीय अनियमितता का मामला सामने आया है। जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) समेत कई अधिकारियों के जांच के घ ...और पढ़ें

फाइल फोटो।
जागरण संवाददाता, चाईबासा। पश्चिमी सिंहभूम जिले के पीएमश्री विद्यालयों में करीब 2 करोड़ रुपये की सामग्री खरीद और भुगतान में गड़बड़ी का बड़ा मामला सामने आया है। उपायुक्त चंदन कुमार द्वारा गठित तीन सदस्यीय जांच दल ने अपनी विस्तृत रिपोर्ट में जिला शिक्षा पदाधिकारी (डीईओ) टोनी प्रेमराज टोपनो सहित कई अधिकारियों की गंभीर लापरवाही, प्रक्रियागत चूक और सरकारी धन के दुरुपयोग के संकेत पाए हैं।
मामले को अत्यंत गंभीर मानते हुए उपायुक्त ने राज्य परियोजना निदेशक, झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद को पूरा प्रतिवेदन भेजकर विभागीय कार्रवाई और आरोप-पत्र गठन की अनुमति मांगी है।
जांच रिपोर्ट में क्या निकला?
9 अप्रैल 2025 को प्रारंभ जांच में निम्न बातें सामने आईं। इसमें विद्यालयों में सामग्री खरीद, आपूर्ति और भुगतान प्रक्रिया में नियमों का पालन नहीं हुआ।
कई जगहों पर सामग्री की वास्तविक आपूर्ति सत्यापित नहीं मिली। विद्यालयों की प्रबंधन समितियों और प्रधानाध्यापकों ने अपनी जिम्मेदारी ठीक से नहीं निभाई।
जिम्मेदारों पर चलेगा प्रशासन का डंडा
पीएमश्री जिला समन्वयक, लेखापाल, जिला कार्यक्रम पदाधिकारी और जिला शिक्षा पदाधिकारी जिला स्तर पर निगरानी और भुगतान के लिए जिम्मेदार हैं। जांच में इन सभी की भूमिका संदिग्ध मिली।
जांच टीम का स्पष्ट मत है कि लापरवाही और वित्तीय अनियमितता के पर्याप्त प्रमाण मिलने के बाद सभी संबंधित अधिकारियों पर कार्रवाई की जा सकती है।
अस्पष्ट जवाब, प्रशासन ने माना असंतोषजनक
19 जुलाई को जिला प्रशासन ने सभी संबंधित अधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगा था। 27 अगस्त को डीईओ सहित कई कर्मियों ने अपना पक्ष रखा, लेकिन जवाब संतोषजनक नहीं पाए गए।
प्रशासन ने माना कि गड़बड़ी गंभीर प्रकृति की है और इसे नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता। इसके बाद 18 नवंबर 2025 को जिला प्रशासन ने राज्य मुख्यालय को आरोप-पत्र गठन की अनुमति के लिए पूरा प्रतिवेदन भेज दिया।
किन अधिकारियों पर कार्रवाई की तलवार?
संबंधित विद्यालयों के प्रधानाध्यापक, विद्यालय प्रबंधन समिति के पदाधिकारी, पीएमश्री जिला समन्वयक, लेखापाल एवं लेखा पदाधिकारी,
जिला शिक्षा पदाधिकारी (डीईओ) सह जिला कार्यक्रम पदाधिकारी के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की सिफारिश की गई है। राज्य मुख्यालय से मंजूरी मिलते ही औपचारिक विभागीय कार्रवाई शुरू हो जाएगी।

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