Jharkhand News: किसान होंगे खुशहाल, प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना से जुड़ा पश्चिमी सिंहभूम जिला
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना का शुभारंभ किया, जिसमें पश्चिम सिंहभूम जिला भी शामिल है। इस योजना का उद्देश्य जिले को कृषि के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाना और किसानों की आय को दोगुना करना है। किसानों को बहु-फसली खेती और अन्य कृषि गतिविधियों से जोड़ा जाएगा। महिला स्वयं सहायता समूहों को भी इस योजना में शामिल किया जाएगा।

प्रधानमंत्री ने की ‘प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना’ की शुरुआत।
जागरण संवाददाता, चाईबासा । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को दिल्ली से आनलाइन प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना का शुभारंभ किया। इस अवसर पर पश्चिम सिंहभूम जिला के आत्मा सभागार में कार्यक्रम आयोजित किया गया, जहां जिले भर से आए किसानों ने प्रधानमंत्री का लाइव संबोधन सुना।
प्रधानमंत्री ने अपने संदेश में कहा कि देश के किसानों की समृद्धि और आत्मनिर्भर कृषि व्यवस्था के लिए अगले पांच वर्षों की व्यापक योजना तैयार की जा रही है। इस महत्वाकांक्षी योजना में झारखंड के सिमडेगा और पश्चिम सिंहभूम (चाईबासा) जिलों को शामिल किया गया है।
जिले को कृषि के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने का लक्ष्य
यहां के उपविकास आयुक्त संदीप कुमार मीणा ने बताया कि योजना के तहत जिले को कृषि के क्षेत्र में आत्मनिर्भर और बहु-फसली उत्पादन की दिशा में आगे बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया है। अब तक जहां जिले के अधिकांश किसान एक ही फसल पर निर्भर हैं, वहीं आने वाले वर्षों में उन्हें बहु-फसली खेती, दुग्ध उत्पादन, मत्स्य पालन, लाह उत्पादन और मधुमक्खी पालन जैसी गतिविधियों से जोड़ा जाएगा।
डीडीसी मीणा ने कहा कि पांच साल की कृषि योजना तैयार की जाएगी, जिसके तहत प्रत्येक प्रखंड और पंचायत में किसानों की क्षमता और भौगोलिक स्थिति के अनुसार फसल योजना बनाई जाएगी।
उदाहरणस्वरूप, जहां धान की खेती उपयुक्त है वहां धान की फसल को बढ़ावा दिया जाएगा, जबकि जलस्रोत वाले क्षेत्रों में मत्स्य पालन और पहाड़ी इलाकों में लाह तथा मधुमक्खी पालन को प्रोत्साहित किया जाएगा।
किसान साल में दो से तीन बार उत्पादन कर सकेंगे
उन्होंने बताया कि सरकार का लक्ष्य है कि प्रत्येक किसान साल में दो से तीन बार उत्पादन कर अपनी आय को दोगुना कर सके। इसके साथ ही महिला स्वयं सहायता समूहों को योजना से जोड़कर उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की भी योजना है।
डीडीसी ने कहा कि यह योजना चाईबासा के किसानों के लिए एक सुनहरा अवसर है। झारखंड के केवल दो जिलों का चयन इस पायलट प्रोजेक्ट के लिए किया गया है, जिसमें चाईबासा शामिल है।
यह प्रधानमंत्री की विशेष निगरानी में रहने वाली योजना होगी, इसलिए जिले के सभी किसानों को इसमें सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करनी चाहिए ताकि वे अपनी पहचान देश के प्रमुख अन्न उत्पादक जिलों में दर्ज करा सकें।
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