हवा में चाईबासा की टर्मिनल बस स्टैंड योजना
चाईबासा कोल्हान प्रमंडल का कमिश्नरी है लेकिन सुविधाएं जीरो हैं। यहां जिला प्रशासन व नगर परिषद की ओर से शहर के विकास के लिए जो योजनाएं बनाई जाती है उन् ...और पढ़ें

त्रिवेणी अवस्थी, चाईबासा : चाईबासा कोल्हान प्रमंडल का कमिश्नरी है, लेकिन सुविधाएं जीरो हैं। यहां जिला प्रशासन व नगर परिषद की ओर से शहर के विकास के लिए जो योजनाएं बनाई जाती है, उन्होंने धरातल पर उतरने से पहले ही ग्रहण लग जाता है। ऐसी ही एक योजना जिले के चाईबासा में टर्मिनल बस स्टैंड बनाने की थी, जो हवा में उड़ गई है।
वर्ष 2015 में प्राइवेट बस स्टैंड को बहुद्देश्यीय बनाने के लिए साढ़े तीन करोड़ 45 लाख रुपये का डीपीआर तैयार किया गया था। इसे नगर विकास विभाग रांची को भी भेजा गया। विभाग के टेक्नीशियन ने भी चाईबासा बस स्टैंड का निरीक्षण कर पूरी रिपोर्ट तैयार कर जमा की लेकिन हवा हो गई।। इसके बाद नगर विकास विभाग की ओर से कहा गया कि चाईबासा प्राइवेट व सरकारी बस स्टैंड को मिलाकर दोबारा डीपीआर तैयार कर भेजा जाए। वर्ष 2019 में प्राइवेट व सरकारी बस स्टैंड को टर्मिनल बस स्टैंड बनाने का छह करोड़ का डीपीआर चाईबासा नगर परिषद ने बनाकर नगर विकास विभाग रांची को भेजा गया था, जो ठंडे बस्ते में पड़ा हुआ है।
टर्मिनल बस स्टैंड योजना के तहत एसी हॉल, बैंकेट हॉल, होटल खाने-पीने, रहने के लिए लॉज, पार्क सहित सारी मूलभूत सुविधा से लैस होना था, लेकिन सब हवा हवाई है। जबकि बस स्टैंड से दूसरे राज्य तक बसों का आवागमन बराबर होता रहता है। यहां से बिहार के गया, पटना व औरंगाबाद, ओडिशा के जोड़ा, क्योंझर, बड़बिल, भुवनेश्वर व पुरी, पश्चिम बंगाल के खड़गपुर, पुरुलिया व कोलकाता के अलावा झारखंड में रांची, बोकारो, जमशेदपुर, घाटशिला के अलावा अन्य जगहों के लिए रोजाना लगभग 180 से 200 बसों का परिचालन होता है। इसके बावजूद अनदेखी की जा रही है। वर्ष 2020 में चाईबासा शहर से सटे टर्मिनल बस स्टैंड बनाने का प्रस्ताव भी है। इसके लिए जिला प्रशासन की ओर से सिकुरसाई में नगर परिषद की ओर से सरकारी जमीन देखी गई, लेकिन स्थानीय ग्रामीणों के विरोध के कारण योजना को धरातल पर नहीं उतारा जा सका।
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चाईबासा प्राइवेट व सरकारी बस स्टैंड को मिलाकर आधुनिक बस स्टैंड बनाने का प्रस्ताव आया था, जिसका नगर परिषद की ओर से डीपीआर तैयार कर नगर विकास विभाग कार्यालय रांची भेजा गया है, लेकिन आज तक वहां लंबित पड़ा हुआ है। अभी मेरा नव पदस्थापन हुआ है। जल्द ही नगर विकास विभाग से आधुनिक बस स्टैंड बनाने के लिए पत्राचार किया जाएगा।
-सुशील कुमार, कार्यपालक पदाधिकारी, नगर परिषद चाईबासा।

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