रामकृष्णा गागराई के चेहरे पर JMM विधायक दशरथ गागराई का नाकाब लगाने का आरोप, पूर्व सैनिक ने की शिकायत
खरसावां विधायक दशरथ गागराई पर चुनाव आयोग को गलत जानकारी देने के आरोप लगे हैं जिसके चलते जांच शुरू हो गई है। उन पर अपना नाम बदलकर भाई को नौकरी दिलाने और झूठा शपथ पत्र दाखिल करने के आरोप हैं। पूर्व सैनिक की शिकायत पर चुनाव आयोग ने जांच के आदेश दिए हैं। विधायक ने आरोपों को निराधार बताया है और जांच के लिए तैयार हैं।

जागरण संवाददाता, सरायकेला। विधायक बनने की चाह में अपनी छवि को साफ करने के उद्दे्श्य के तहत चुनाव आयोग को गलत जानकारी उपलब्ध कराने के बाद विधायक बनने वाले खरसावां विधायक दशरथ गागराई पर चुनाव आयोग के निर्देश पर जांच शुरू हो गई है।
इस बीच सीआरपीएफ सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, विधायक दशरथ गागराई का भाई रामकृष्ण गागराई वर्तमान में चक्रधरपुर में सीआरपीएफ की 60 बटालियन में पदस्थापित है। इसके पहले सीआरपीएफ डीआईजी मुख्यालय में अटैच था।
डीआईजी मुख्यालय के पास इस मामले में अभी किसी तरह की जांच का आदेश नहीं आया है। मालूम हो कि झामुमो के खरसावां विधायक दशरथ गागराई पर आरोप लगाया गया है कि वे अपने छोटे भाई दशरथ गागराई का नाम खुद लेकर और अपना नाम रामकृष्णा गागराई उसे देकर चुनाव आयोग के साथ धोखाध़ड़ी कर विधायक बन बैठे हैं।
इस मामले में पूर्व सैनिक लालजीराम तियू ने चुनाव आयोग को 28 जुलाई 2025 को जांच करने के लिए शिकायत की थी।
चुनाव आयोग के निर्देश पर राज्य के मुख्य निर्वाचन आयुक्त के रवि कुमार ने सरायकेला-खरसावां जिले के जिला निर्वाचन पदाधिकारी को जांच करने का निर्देश दिया है। इतना ही नहीं 20 सितंबर को गृह मंत्री भारत सरकार को भी पत्र लिखकर मामले से लालजी राम तियू ने अवगत कराते हुए कार्रवाई की मांग की है।
यह है आरोप
विधायक दशरथ गागराई ने अपने वास्तविक नाम रामकृष्णा गागराई को छिपाकर दशरथ गागराई नाम से लगातार 2014, 2019 व 2024 तक तीन बार झारखंड मुक्ति मोर्चा पार्टी से विधानसभा चुनाव में भाग और निर्वाचित हुए। नामांकन के समय उन्होंने झूठा शपथ पत्र दाखिल किया, जबकि उनके शैक्षणिक एवं जन्म प्रमाणपत्र में स्पष्ट रुप से रामकृष्णा गागराई नाम अंकित है।
शिकायत में आरोप है कि विधायक ने एक संगठित षडंयत्र के तहत स्वयं के असली नाम रामकृष्णा गागराई का उपयोग कर अपने भाई दशरथ गागगराई को सीआरपीएफ में रामकृष्णा गागराई को सहायक सब इंस्पेक्टर के पद पर चक्रधरपुर सीआरपीएफ सात बाटलिया में में पदस्थापित है।
इस नियुक्ति में न ही पात्रता की पुष्टि सही तरीके से हुई, न ही दस्तावेजों की वैधता की जांच। शिकायत में आरोप है कि रामकृष्णा गागराई पर पूर्व में चोरी, डकैती, हत्या जैसे गंभीर आपराधिक प्रकरण दर्ज है।
'मेरे ऊपर लगाए आरोप निराधार'
विधायक दशरथ गागराई ने कहा कि जिस व्यक्ति ने मुझ पर आरोप लगाया है वह बिल्कुल निराधार है। मुझ पर आरोप लगाने वाला व्यक्ति खुद आरोपित व्यक्ति है। चाईबासा मुफस्सिल थाना में 2019 में उक्त व्यक्ति पर पोक्सो एक्ट के तहत केस हुआ है जिसमें उसे 12 वर्ष की सजा हुई थी। वर्तमान में वह बेल पर है। मुझ पर जो आरोप लगे हैं उनकी जांच होनी चाहिए। मैंने चुनाव के दौरान सारे नियमों का पालन किया है। अगर मैंने शपथ पत्र गलत दिया है तो जांच होनी चाहिए।
मैं तीन-तीन बार यहां से विधायक रह चुका हूं। वर्ष 2014 और 20ॅ19 के चुनाव में भी मुझ पर आरोप लगाए गए थे, जांच भी हुई। जांच में मेरी छवि स्वच्छ पाई गई। मुझ पर आरोप लगाने वाले व्यक्ति द्वारा सूचना के अधिकार के तहत सूचना मांगी जाती है फिर उस सूचना के आधार पर सरकारी हो या आम आदमी उसे ब्लैक मेल करने का काम करते हैं।
रामकृष्णा गागराई झूठा शपथ पत्र दाखिल कर दशरथ गागराई के नाम पर विधायक बने हैं। अपनी सीआरपीएफ की नौकरी अपने छोटे भाई दशरथ गागराई को रामकृष्णा गागराई ने नाम बदल कर दे दी और अपने छोटे भाई दशरथ गागराई का नाम खुद ले लिया और विधायक बने गए। - लालजी राम तियू, पूर्व सैनिक सह शिकायतकर्ता
विधायक दशरथ गागराई के शपथ पथ को लेकर चुनाव आयोग से जांच के लिए एक पत्र मिला है। जिसकी जांच की जा रही है। जांच के बाद ही सारी स्थिति स्पष्ट हो पायेगी। - नितिश कुमार सिंह, उपायुक्त, सरायकेला-खरसावां
विधायक दशरथ गागराई पर लगे आरोप गंभीर हैं। कोई व्यक्ति बिना साक्ष्य इतना बड़ा आरोप नहीं लगा सकता है। जिला प्रशासन निष्पक्ष जांच कराएं। दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा। - उदय सिंहदेव, भाजपा जिलाध्यक्ष, सरायकेला खरसावां
पूर्व सैनिक की ओर से खरसावां के विधायक दशरथ गागराई पर लगाया गया आरोप बहुत गंभीर है। इसकी गहराई से जांच होगी तो विवादास्पद व्यक्ति के कई और कांड भी सामने आ सकते हैं। - राकेश मिश्रा, भाजपा जिला उपाध्यक्ष, सरायकेला खरसावां
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