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    Jharkhand News: एक्शन में डीसी, मजदूर नेता रामा पांडेय 6 महीने के लिए जिला बदर; ये बड़ी वजह आई सामने

    Updated: Fri, 20 Jun 2025 07:39 AM (IST)

    चाईबासा में जिला दंडाधिकारी ने मजदूर नेता रामाशंकर पांडेय को झारखंड अपराध नियंत्रण अधिनियम के तहत जिला बदर करने का आदेश दिया है। उन पर नक्सली गतिविधिय ...और पढ़ें

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    डीसी ने मजदूर नेता रामा पांडेय को छह माह के लिए किया जिला बदर। (जागरण)

    संवाद सहयोगी, चाईबासा। झारखंड अपराध नियंत्रण अधिनियम 2022 के तहत राज्य की सुरक्षा, लोक व्यवस्था एवं आवश्यक सेवाओं को बनाए रखने के लिए अपराध नियंत्रण के मामलों पर सुनवाई करते हुए जिला दंडाधिकारी सह उपायुक्त चंदन कुमार के न्यायालय ने एक फैसला सुनाया है।

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    न्यायालय ने बिहार के बक्सर जिला के थाना राजपुर गांव संगरांव और वर्तमान पता पश्चिमी सिंहभूम जिला के गुवा थाना के निवासी मजदूर नेता रामाशंकर पांडेय उर्फ रामा पांडेय के विरुद्ध झारखंड अपराध नियंत्रण अधिनियम के तहत जिला क्षेत्राधिकार से निष्कासन (जिला बदर) का आदेश दिया गया है।

    अभियुक्त आदेश पारित करने के 24 घंटे के भीतर जिले की सीमा को छोड़ देंगे एवं 6 महीने की अवधि समाप्त होने तक, परंतु यदि न्यायालय वाद में पेशी की आवश्यकता हो तो सिर्फ उस उद्देश्य से सामान्य कार्यालय अवधि के दौरान स्थानीय थाना को जानकारी देते हुए निर्धारित तिथि को जिला में प्रवेश कर सकेंगे।

    यदि अभियुक्त के पास कोई अनुज्ञप्ति धारित शस्त्र है, तो अविलंब उसे स्थानीय थाने में जमा कराएंगे एवं इस अवधि में किसी भी स्थिति में शस्त्र धारित नहीं करेंगे।

    यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू समझा जाए। इस आदेश का उल्लंघन झारखंड अपराध नियंत्रण अधिनियम 2022 की धारा 25 तथा बीएनएस इत्यादि की सुसंगत धाराओं के अंतर्गत दंडनीय होगा।

    इस संबंध में जिला दंडाधिकारी के न्यायालय में सीसीए के संबंध में बताया गया कि पुलिस अधीक्षक चाईबासा के द्वारा अपराध कर्मी रामाशंकर पांडेय उर्फ रामा पांडेय के विरुद्ध झारखंड अपराध नियंत्रण अधिनियम 2002 की विभिन्न धारा के अंतर्गत जिला बदर कराने से संबंधित प्रस्ताव अनुशंसा के साथ प्राप्त हुआ है।

    प्राप्त प्रस्ताव का अवलोकन किया गया। साथ ही अभियुक्त को उनके पक्ष रखने के लिए नोटिस भी निर्गत किया गया। अभियुक्त इस जिले के अपराध जगत में विगत एक दशक से अधिक अवधि से सक्रिय अथवा मुख्य अपराध कर्मी के रूप में जाने जाते हैं।

    इनकी अपराध शैली एवं आतंक से सदर थाना, मुफस्सिल थाना, गुवा थाना, मनोहरपुर थाना एवं चक्रधरपुर थाना में आम जनता व्यावसायिक वर्ग अथवा सरकारी प्रतिष्ठानों के बीच दहशत व्याप्त है।

    इनका मुख्य पेशा वामपंथी से सांठगांठ कर नक्सली घटना को अंजाम देना, सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं, आधारभूत संरचना निर्माण कार्य में लगे वाहन मालिकों, कर्मचारी एवं अधिकारियों को डरा-धमकाकर रंगदारी मांगना तथा रंगदारी की रकम नहीं देने पर कार्य बंद कराने की धमकी देना, अवैध अग्नेशस्त्र रखने तथा मारपीट करना एवं हत्या करना है।

    अभियुक्त के विरुद्ध विभिन्न थानों में आपराधिक इतिहास में छह गंभीर कांडों में आरोपित रहा है। इसके अतिरिक्त अभियुक्त के विरुद्ध 10 मामलों में सनहा भी दर्ज है।

    जिसमें उनके ऊपर ठेकेदारों, व्यवसायिकों को धमकाने और रंगदारी मांगने की सूचना दर्ज है। चाईबासा जेल ब्रेक कांड में संलिप्तता के आरोप में छह साल पूर्व वह जेल भी जा चुका है।