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    कमपदा आईईडी धमाका: रेलकर्मी की मौत की जांच अब एनआईए के हाथों में

    Updated: Fri, 31 Oct 2025 10:53 PM (IST)

    चक्रधरपुर रेल मंडल के कमपदा स्टेशन के पास हुए नक्सली आईईडी धमाके की जांच एनआईए को सौंपी गई है, जिसमें रेलकर्मी एतवा ओराम की मौत हो गई थी। एनआईए टीम ने घटनास्थल का दौरा किया और अधिकारियों से जानकारी ली। टीम ने सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की और संबंधित दस्तावेज जुटाए। रेलकर्मी संगठनों ने रेलवे प्रशासन की लापरवाही को जिम्मेदार ठहराया है।

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    शुक्रवार को कमपदा स्टेशन के पास जांच करती एनआईए की टीम।

    जागरण संवाददाता, चक्रधरपुर । चक्रधरपुर रेल मंडल के कमपदा स्टेशन के पास 3 अगस्त को हुए नक्सली आईईडी धमाके में रेलकर्मी एतवा ओराम की मौत के मामले की जांच अब नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) को सौंप दी गई है।

    इलाके में नक्सलियों के प्रभाव और सुरक्षा व्यवस्था को खंगाला :
    एनआईए की पांच सदस्यीय टीम, जिसमें एक एसपी रैंक के अधिकारी और इंस्पेक्टर बी. सुतार शामिल हैं, ने शुक्रवार को घटनास्थल करमपदा पहुंचकर जांच की। टीम ने डीआरएम तरुण हुरिया, सीनियर डीएससी पी. शंकर और बिमलगढ़ आरपीएफ पोस्ट अधिकारियों से विस्तृत जानकारी ली। साथ ही इलाके में नक्सलियों के प्रभाव और सुरक्षा व्यवस्थाओं की भी समीक्षा की गई।
     
    आरपीएफ पोस्ट से भी संबंधित दस्तावेज जुटाए :
    टीम ने राउरकेला आरपीएफ पोस्ट से भी संबंधित दस्तावेज और बयान जुटाए। इसके अलावा, घटना के तीन दिन बाद पहुंचे डॉग स्क्वाड से भी एनआईए ने पूछताछ की। घटना की गंभीरता को देखते हुए एनआईए द्वारा जांच शुरू किए जाने से रेल मंडल में चर्चा गरम है।
     
    बुधराम मुंडा को बिना सुरक्षा के पटरियों की पेट्रोलिंग पर भेजा गया था :
    गौरतलब है कि नक्सली बंद के दौरान ऑन-ड्यूटी ट्रैकमैन एतवा ओराम और बुधराम मुंडा को बिना सुरक्षा के पटरियों की पेट्रोलिंग पर भेजा गया था। इसी दौरान करमपदा स्टेशन के निकट बारूद से भरे आईईडी विस्फोट में एतवा की मौके पर मौत हो गई, जबकि बुधराम गंभीर रूप से घायल हुए थे। 
     
    पहले भी नक्सलियों ने उड़ा दी थी पटरियां :
    इससे पहले भी नक्सलियों ने क्षेत्र में तीन धमाके कर पटरियां उड़ा दी थीं और भाकपा (माओवादी) का झंडा गाड़ा था। रेलकर्मी संगठनों ने इस घटना के लिए रेलवे प्रशासन की घोर लापरवाही को जिम्मेदार ठहराया है। उनका कहना है कि नक्सली बंद की पूर्व सूचना के बावजूद बिना सुरक्षा पेट्रोलिंग पर कर्मियों को भेजना गंभीर चूक थी।
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