Uranium Mining: झारखंड में मिला नया यूरेनियम भंडार, भारत की परमाणु ऊर्जा नीति को करेगा मजबूत
एएनआई के अनुसार झारखंड के जादूगोड़ा खनन क्षेत्र में यूरेनियम का एक नया और समृद्ध भंडार मिला है जिसकी पुष्टि परमाणु खनिज निदेशालय और यूरेनियम कॉर्पोरेशन ऑफ़ इंडिया लिमिटेड ने की है। यह भंडार बंगलासाई-मेचुआ क्षेत्र में स्थित है और लगभग 15598 टन का है। यह खोज देश की परमाणु ऊर्जा नीति को मजबूत करेगी।

जासं, जादूगोड़ा (पूर्वी सिंहभूम)। झारखंड के पूर्वी सिंहभूम जिले के जादूगोड़ा खनन क्षेत्र में यूरेनियम का एक नया और समृद्ध भंडार मिलने की पुष्टि हुई है। भारत सरकार के परमाणु खनिज निदेशालय (एएमडी) और यूरेनियम कॉर्पोरेशन ऑफ़ इंडिया लिमिटेड (यूसीआईएल) द्वारा साझा किए गए आंकड़ों और दस्तावेज़ों से यह बात स्पष्ट हुई है।
यह यूरेनियम भंडार जादूगोड़ा के उत्तर-पश्चिम में बंगलासाई-मेचुआ क्षेत्र में है। यूसीआईएल के सीएमडी डॉ. संतोष कुमार सतपति ने इस खोज की पुष्टि करते हुए कहा कि यह न केवल यूसीआईएल के लिए एक बड़ी उपलब्धि है, बल्कि यह क्षेत्र के लोगों के लिए रोज़गार और आर्थिक विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण अवसर भी साबित हो सकता है।
यूरेनियम का यह भंडार लगभग 15,598 टन है। यह भंडार पहले से चालू जादूगोड़ा माइंस के विस्तार क्षेत्र में स्थित है। इससे खदान का जीवनकाल लगभग 50 वर्ष बढ़ने की उम्मीद है। 2020 से 2024 के बीच देश के चार राज्यों आंध्र प्रदेश, झारखंड, राजस्थान और तेलंगाना में कुल 93,700 टन नए यूरेनियम ऑक्साइड संसाधनों की खोज की गई है।
इसमें अकेले झारखंड में इसकी उपलब्धता 27,156 टन और आंध्र प्रदेश में 60,659 टन है। वर्तमान में भारत में कुल यूरेनियम संसाधन 4.25 लाख टन से अधिक हैं। इसे देश की दीर्घकालिक परमाणु ऊर्जा नीति को मजबूत करने के साथ-साथ ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
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