Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Jharkhand News: चक्रधरपुर रेल मंडल में माओवादियों ने किया विस्फोट, एक रेलकर्मी की मौत और दूसरा घायल

    By Rupesh Kumar Edited By: Rajesh Kumar
    Updated: Sun, 03 Aug 2025 02:34 PM (IST)

    चक्रधरपुर रेल मंडल के बिमलगढ़ रेलखंड पर माओवादी विस्फोट में एक ट्रैकमैन की मौत हो गई और एक अन्य घायल हो गया। ओडिशा-झारखंड सीमा क्षेत्र में गश्त के दौरान माओवादियों द्वारा लगाया गया बम फटने से यह हादसा हुआ। घायल रेलकर्मी को राउरकेला रेफर किया गया है। नक्सलियों ने पहले ही लाल बैनर लगाकर उपस्थिति दर्ज कराई थी। रेल प्रशासन पर लापरवाही के आरोप लग रहे हैं।

    Hero Image
    चक्रधरपुर रेल मंडल के बिमलगढ़ रेलखंड पर माओवादी विस्फोट में एक ट्रैकमैन की मौत हो गई। जागरण

    जागरण संवाददाता, चक्रधरपुर। चक्रधरपुर रेल मंडल के बिमलगढ किरीबुरू रेल खंड के अंतर्गत आने वाले रांगरा-करमपदा स्टेशनों के बीच हुए माओवादी विस्फोट में एक कीमैन की मौत हो गई, जबकि दूसरा कीमैन गंभीर रूप से घायल हो गया। यह घटना रविवार की सुबह 09:55 बजे की बताई जा रही है। जानकारी के अनुसार मृतक कीमैन का नाम 58 वर्षीय एतवा उरांव है जबकि घायल कीमैन का नाम बुधराम मुंडा है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    जानकारी के अनुसार माओवादी बंदी के दौरान कीमैन एतवा उरांव और कीमैन बुधराम मुंडा रांगरा-करमपदा स्टेशनों के बीच रेल लाइन की पेट्रोलिंग ड्यूटी कर रहे थे। इसी दौरान किलोमीटर पोल नंबर 477 का 34 से 35 के बीच माओवादियों द्वारा बिछाया गया बम तेज धमाके के साथ फट गया।

    जिसके चपेट में आने से कीमैन एतवा उरांव की दोनों पैर उखड़ गए। घायल अवस्था में दोनों रेलकर्मियों को बंडामुंडा रेलवे अस्पताल लाया गया, जहां डॉक्टरों ने एतवा ओराम को मृत घोषित कर दिया। बुधराम को बेहतर इलाज के लिए राउरकेला रेफर किया गया है।

    शाम छह बजे एक और विस्फोट

    चक्रधरपुर रेल मंडल के करमपदा रेलवे स्टेशन यार्ड की लाइन नंबर 6 पर रविवार की शाम करीबन 5:50 बजे माओवादियों ने एक और विस्फोट को अंजाम दिया। माओवादी बंदी के 24 घंटे के भीतर माओवादियों ने रांगरा और करमपदा रेलवे स्टेशनों के बीच तीन धमाकों को अंजाम दिया है।

    सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि जिस स्थान पर विस्फोट हुआ, वह करमपदा सीआरपीएफ कैंप से महज 500 मीटर की दूरी पर है। बावजूद इसके माओवादी इतने पास आकर बार-बार हमले कर पा रहे हैं, जिससे सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे है।

    स्थानीय स्तर पर चर्चा है कि इतनी बड़ी घटना के बावजूद रेल मंडल का कोई वरिष्ठ अधिकारी अब तक घटनास्थल का दौरा नहीं कर पाया है। वहीं, निचले स्तर के कर्मचारियों में भय और आक्रोश का माहौल है।

    विस्फोट के बाद सीआरपीएफ जवानों ने करमपदा रनिंग रूम पहुंचकर चालकों, सहायक चालकों और ट्रेन मैनेजरों को बाहर न निकलने की सख्त हिदायत दी, जिस कारण वे सभी कर्मचारी रूम के अंदर ही कैद होकर रह गए है। 

    माओवादियों ने बैनर लगा कर दिया मौजूदगी का संदेश

    चक्रधरपुर रेलमंडल के अंतर्गत आने वाले रांगरा-करमपदा स्टेशनों के बीच किलोमीटर पोल नंबर 478 का 1 एक पास माओवादियों ने 2 अगस्त की रात 11:15 बजे रेल लाइन के बीचों-बीच लाल रंग का बैनर लगा कर अपनी मौजूदगी का संदेश दिया।

    करमपदा की ओर जा रही एक लाईट इंजन के लोको पायलट आरएन स्वाइ ने जब रेल लाइन पर लाल बैनर लगा हुआ देखा तो तत्काल ट्रेन को रोककर उसे वापस रांगरा स्टेशन ले आए और इसकी सूचना उन्होंने स्टेशन मास्टर को दी, जिसके बाद बीमलगढ आरपीएफ और स्थानीय पुलिस को सूचित किया गया।

    खबर मिलते ही 3 अगस्त की रात 1 बजकर 50 मिनट पर ओडिशा पुलिस के अधिकारी व जवान रांगरा स्टेशन पहुंचे और आरपीएफ तथा रेलवे इंजीनियरिंग टीम के साथ सुबह 4 बजकर 50 मिनट पर घटनास्थल की ओर रवाना हुए।

    रेल लाइन में हुआ विस्फोट

    रांगरा-करमपदा स्टेशनों के बीच सुबह करीब 6 बजकर 40 मिनट पर किलोमीटर पोल नंबर 477/34-35 पर रेल लाइन के नीचे एक जोरदार विस्फोट हुआ। विस्फोट के कारण रेल लाइन की नींव में लगे कंक्रीट स्लीपर पूरी तरह टूट गए और रेल लाइन नीचे की ओर झुक गई।

    वहीं घटनास्थल पर करीब 2 फीट फिट क्षेत्र में पत्थर उखड़ गए। गनीमत रही कि इस घटना में कोई हताहत नहीं हुआ। वहीं इंटेलिजेंस इनपुट के अनुसार सुबह होते-होते रेल लाइन पर लगाया गया लाल बैनर किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा हटा दिया गया था।

    रेल परिचालन प्रभावित

    फिलहाल इस रेलखंड पर परिचालन रोक दिया गया है और उच्च स्तर पर जांच चल रही है। आरपीएफ, ओडिशा पुलिस और रेलवे इंजीनियरिंग टीम संयुक्त रूप से स्थिति को सामान्य करने में जुटी हैं। रेल प्रशासन ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए एफआईआर दर्ज कराने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।

    माओवादियों की यह कार्रवाई रेल परिचालन को बाधित करने के साथ-साथ अपनी दहशत को कायम रखने की मंशा नजर आती है। घटना को लेकर रेल विभाग और सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हैं। मालूम रहे की इस रेल सेक्शन में बड़ी पैमाने में माल ढुलाई की जाती है। अब रेल पटरी उड़ाए जाने से परिचालन ठप है जिससे रेलवे को भारी आर्थिक नुकसान हो रहा है।

    विस्फोट में चली गयी जान 58 साल के रेलकर्मी की मौत

    माओवादी विस्फोट में रेलकर्मी एतवा उरांव की मौत के बाद उसके घर में मातम का माहौल है। चक्रधरपुर रेल मंडल के बिमलगढ़ में स्थित एतवा ओराम के रेलवे क्वार्टर के सामने एतवा ओराम की पत्नी का रो-रोकर बुरा हाल हो गया है।

    रेल प्रशासन माओवादी बंदी के बावजूद 58 साल के बुजुर्ग को माओवादियों का सामना करने के लिए निहत्थे बिना सुरक्षा के जंगल में छोड़ देते हैं और उसका नतीजा यह है कि एतवा उरांव का परिवार फूट-फूट कर रो रहा है। परिवार पर टूटे इस दुःख के पहाड़ की जिम्मेदारी कौन लेगा इसका जवाब किसी के पास नहीं है।

    माओवादी मौत का बारूद बिछाकर निर्दोष गरीब की जान को खतरे में डाल रहे है। मेंस कांग्रेस के मंडल संयोजक शशि मिश्रा ने इस घटना पर दुःख जताते हुए कहा कि माओवादी बंदी की सूचना के बावजूद माओवाद प्रभावित ऐसे इलाकों में रेल कर्मियों की सुरक्षा सुनिश्चित नहीं हो पा रही है, जो की काफी दुखद है।

    नक्सल प्रभावित इलाकों में कार्य के दौरान रेल कर्मियों की सुरक्षा बेहद जरूरी है। खासकर ऐसे रेलकर्मी जो रेल पटरियों की घने जंगलों के बीच कई किलोमीटर दूर तक बिना सुरक्षा के पेट्रोलिंग करते है।

    क्या कहते है रेल अधिकारी

    माओवादी विस्फोट के कारण एक रेलकर्मी की मौत हो गई है। जबकि दूसरा रेलकर्मी का इलाज बेहतर ढंग से कराया जा रहा है। घटना स्थल में लाल बैनर मिलने के बाद से ही मालगाड़ियों का परिचालन को पुरी तरह से बंद कर दिया गया था। घटना की जांच आरपीएफ, सीआरपीएफ, जिला पुलिस संयुक्त रूप से कर रही है। पुरी रेल लाइन की जांच करने के उपरांत ही मालगाड़ियों का परिचालन किया जाएगा। -आदित्य चौधरी, सीनियर डीसीएम, चक्रधरपुर रेल मंडल।