Jharkhand News: सारंडा में फिर बढ़ा माओवादियों का आतंक, एयरटेल टावर पर बोला हमला; IED ब्लास्ट से हाथी की मौत
पश्चिमी सिंहभूम के सारंडा जंगल में माओवादियों ने एयरटेल के मोबाइल टावर पर हमला किया। प्रतिशोध सप्ताह के दौरान जराईकेला थाना क्षेत्र के कोलभोंगा गांव में 20 नक्सलियों ने टावर को घेरकर जेनसेट में आग लगा दी। ग्रामीणों के अनुसार, नक्सलियों ने नारेबाजी कर अपना प्रभाव दिखाया। माना जा रहा है कि नक्सलियों का उद्देश्य सुरक्षा बलों के संचार को बाधित करना था। पुलिस और सीआरपीएफ की टीम ने तलाशी अभियान शुरू कर दिया है।

जागरण संवाददाता, मनोहरपुर। झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम जिले के घने सारंडा जंगल में माओवादियों का आतंक एक बार फिर सिर उठाने लगा है। बताया जा रहा है कि 8 से 14 अक्टूबर तक चल रहे प्रतिशोध सप्ताह के दौरान माओवादियों ने शनिवार की रात जराईकेला थाना क्षेत्र के कोलभोंगा गांव में स्थित एयरटेल कंपनी के मोबाइल टावर पर हमला कर दिया।
सूत्रों के अनुसार, करीब 20 की संख्या में हथियारबंद माओवादी देर रात गांव पहुंचे। उन्होंने टावर परिसर की घेराबंदी तोड़कर नीचे लगे जेनसेट व कंट्रोल यूनिट में पेट्रोल डालकर आग लगा दी। कुछ ही देर में पूरा उपकरण जलकर राख हो गया।
ग्रामीणों के मुताबिक, टावर को आग के हवाले करने के बाद माओवादियों ने मौके पर नारेबाजी की और यह संदेश देने की कोशिश की कि सारंडा क्षेत्र पर उनका प्रभाव अब भी बरकरार है।
माना जा रहा है कि इस हमले का उद्देश्य सुरक्षा बलों के संचार तंत्र को बाधित करना था, ताकि उनकी गतिविधियों की जानकारी बाहर न जा सके।
घटना की सूचना मिलते ही पुलिस और सीआरपीएफ की संयुक्त टीम मौके के लिए रवाना हो गई है। फिलहाल पूरे क्षेत्र में तलाशी अभियान तेज कर दिया गया है।
सारंडा में आईईडी ब्लास्ट की चपेट में आए तीसरे हाथी की भी मौत
श्चिमी सिंहभूम जिले के घने सारंडा जंगल में माओवादियों द्वारा बिछाए गए आईईडी विस्फोटक न केवल सुरक्षा बलों के लिए, बल्कि वन्यजीवों के लिए भी घातक साबित हो रहे हैं। कोलभोंगा क्षेत्र में आईईडी ब्लास्ट में घायल मिली मादा हाथी ने शनिवार की रात दम तोड़ दिया। इस वर्ष यह पिछले ब्लास्ट में ये तीसरे हाथी की मौत है, जिससे वन विभाग में हड़कंप मच गया है।
जानकारी के अनुसार, एक सप्ताह पूर्व सारंडा के कोलभोंगा इलाके में हुए आईईडी विस्फोट में यह मादा हाथी गंभीर रूप से घायल हो गई थी। विस्फोट में उसके पिछले पैर में गहरा जख्म हो गया था, जिसके बाद वह चलने-फिरने में असमर्थ हो गई थी। वन विभाग की टीम ने मौके पर पशु चिकित्सकों के सहयोग से उसका उपचार शुरू किया था। कई दिनों तक लगातार देखभाल के बावजूद शनिवार देर रात उसकी मौत हो गई।
इससे पहले भी सारंडा क्षेत्र में दो और हाथियों की मौत आईईडी विस्फोट के कारण हो चुकी है। वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि जंगल में माओवादियों द्वारा लगाए गए विस्फोटक इन निर्दोष वन्यजीवों के लिए गंभीर खतरा बन गए हैं। लगातार हो रही इन घटनाओं से वन विभाग चिंतित है।
वन प्रभाग ने मामले की जानकारी उच्चाधिकारियों को भेज दी है। मृत हाथी का पोस्टमॉर्टम कराकर दफन की प्रक्रिया पूरी कर दी गई है। विभाग अब उस इलाके में विशेष निगरानी और तलाशी अभियान चलाने की योजना बना रहा है, ताकि अन्य जानवर ऐसे हादसों का शिकार न हों।
स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि माओवादियों की गतिविधियों के कारण अब न सिर्फ लोगों की जान जोखिम में है, बल्कि जंगल के वन्यजीव भी असुरक्षित हो गए हैं। ग्रामीणों ने सरकार से क्षेत्र में सुरक्षाबलों की गश्ती बढ़ाने की मांग की है।
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