कांग्रेसियों ने मदर टेरेसा को जयंती पर किया याद
पश्चिम सिंहभूम जिला कांग्रेस के तत्वावधान में बुधवार को कांग्रेस भवन में अंतरराष्ट्रीय शांति नोबेल पुरस्कार एवं भारत रत्न मदर टेरेसा की जयंती मनाई गई।
जागरण संवाददाता, चाईबासा : पश्चिम सिंहभूम जिला कांग्रेस के तत्वावधान में बुधवार को कांग्रेस भवन में अंतरराष्ट्रीय शांति नोबेल पुरस्कार एवं भारत रत्न मदर टेरेसा की जयंती मनाई गई। मौके पर मदर टेरेसा के चित्र पर माल्यार्पण व पुष्प अर्पित कर उन्हें नमन किया गया। इस दौरान वक्ताओं ने उनके जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि नोबेल शांति पुरस्कार एवं भारत रत्न मदर टेरेसा समाज को नई दिशा देने वाली और गरीबों, अनाथों, असहायों के दुख-दर्द के लिए जीने वाली प्रेम, दया, करुणा की प्रतिमूर्ति थीं। उन्होंने बचपन से ही गरीबी का दौर देखा। शिक्षा प्राप्त करते हुए 12 वर्ष की आयु में उन्होंने संकल्प लिया कि वह अपना जीवन दूसरों की सेवा में लगाएंगी और 18 वर्ष की आयु में सिस्ट ऑफ लोरेटो में शामिल हुईं। एक बार वह भारत घूमने आईं और उनके मन में भारत के गरीबों को देखकर सेवा का भाव उभरा। इसके बाद वह कोलकाता में आ गईं और दूसरों की सेवा करते हुए 1948 में भारत की नागरिकता ले ली। 1950 में उन्होंने कोलकाता में मिशनरीज ऑफ चैरिटी की स्थापना की। 1962 में भारत ने उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया और 1979 में मानव कल्याण कार्य हेतु उन्हें अंतरराष्ट्रीय नोबेल शांति पुरस्कार से नवाजा गया। जिसमें एक लाख 92 हजार डॉलर दिए गए। पांच सितंबर 1997 को उन्होंने अंतिम सांस ली। मौके पर कार्यकारी जिलाध्यक्ष रंजन बोयपाई, नगर अध्यक्ष मुकेश कुमार, सांसद प्रतिनिधि त्रिशानु राय, राकेश सिंह, जितेंद्र नाथ ओझा, चंद्रशेखर दास, जेनाराम सिकू, सुशील कुमार दास आदि उपस्थित थे।
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