Mediclaim दावा खारिज करना कंपनी को पड़ा भारी, उपभोक्ता आयोग ने बीमा कंपनी को 2.75 लाख भुगतान का दिया आदेश
पश्चिमी सिंहभूम में मेडिक्लेम दावा खारिज करने पर उपभोक्ता आयोग ने बीमा कंपनी को 2.75 लाख रुपये का भुगतान करने का आदेश दिया। यह मामला बीमा कंपनी द्वारा ...और पढ़ें

जिला उपभोक्ता न्यायालय चाईबासा की तस्वीर।
जागरण संवाददाता, चाईबासा। मेडिक्लेम दावा अस्वीकृत करने के मामले में उपभोक्ता आयोग ने नेशनल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड और उसकी टीपीए एजेंसी सेफवे इंश्योरेंस टीपीए प्राइवेट लिमिटेड को दोषी ठहराया है। आयोग ने उपभोक्ता को 2 लाख 75 हजार रुपये का भुगतान करने का आदेश दिया है।
यह राशि मेडिक्लेम, मानसिक पीड़ा और वाद व्यय के मद में दी जाएगी। आयोग ने स्पष्ट किया है कि यदि आदेश की प्रति प्राप्त होने के 45 दिनों के भीतर भुगतान नहीं किया गया, तो देय राशि पर 9 प्रतिशत वार्षिक ब्याज भी देना होगा।
मामले में शिकायतकर्ता चाईबासा के छोटा नीमडीह निवासी राजेश प्रसाद साव हैं, जिन्होंने न्यू नेशनल फैमिली मेडिक्लेम बीमा पॉलिसी ली थी। यह पॉलिसी 27 अप्रैल 2022 से 26 अप्रैल 2023 तक वैध थी।
बीमा अवधि के दौरान गर्दन और कमर की गंभीर बीमारी के कारण उन्हें 25 से 29 अक्टूबर 2022 तक नई दिल्ली स्थित सर गंगाराम अस्पताल में भर्ती रहना पड़ा। इस दौरान उनके इलाज पर कुल 2 लाख 45 हजार 965 रुपये खर्च हुए।
शिकायतकर्ता ने नियमानुसार मेडिक्लेम का दावा प्रस्तुत किया, लेकिन बीमा कंपनी ने यह कहते हुए दावा खारिज कर दिया कि बीमारी पॉलिसी की वेटिंग पीरियड के अंतर्गत आती है।
मामले की सुनवाई के दौरान उपभोक्ता आयोग ने पाया कि बीमा कंपनी यह साबित करने में असफल रही कि पॉलिसी की शर्तें शिकायतकर्ता को विधिवत रूप से उपलब्ध कराई गई थीं।
आयोग ने यह भी माना कि इलाज बीमा अवधि के भीतर हुआ और पॉलिसी निरंतर प्रभावी थी। बिना पॉलिसी शर्तों का समुचित संप्रेषण किए केवल नियमों का हवाला देकर दावा अस्वीकृत करना सेवा में गंभीर कमी है।
इस आधार पर आयोग ने बीमा कंपनी को 2,45,965 रुपये की मेडिक्लेम राशि, मानसिक पीड़ा के लिए 20 हजार रुपये तथा वाद व्यय के रूप में 10 हजार रुपये का भुगतान करने का आदेश दिया।

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