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    Majhgaon Vidhan Sabha Chunav Result: निरल ने लगाई जीत की हैट-ट्रिक, इन 5 कारणों से मझगांव में भाजपा को मिली शिकस्त

    झारखंड में सभी सीटों पर मतगणना हो चुकी है। मझगांव विधानसभा क्षेत्र से झामुमो प्रत्याशी निरल पुरती ने हैट ट्रिक जीत दर्ज की है। उन्हें 94 हजार 163 वोट मिले जबकि भाजपा के बड़कुंवर गागराई को 34 हजार 560 मत मिले। निरल पुरती ने 59 हजार 603 के भारी अंतर से जीत हासिल की। यह जीत झामुमो के मजबूत संगठन के कारण मिली है।

    By Md Taquiddian Edited By: Mukul Kumar Updated: Sun, 24 Nov 2024 12:55 AM (IST)
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    जीत के बाद पोस्ट आफिस चौक में समर्थकों के साथ जश्न मनाते मझगांव विधानसभा के झामुमो प्रत्याशी निरल पुरती।

    जागरण संवाददाता, चाईबासा। मझगांव विधानसभा क्षेत्र से झामुमो प्रत्याशी निरल पुरती ने हैट ट्रिक जीत दर्ज की है। यह जीत मझगांव विधानसभा क्षेत्र के चारों प्रखंड में झारखंड मुक्ति मोर्चा के मजबूत संगठन के कारण मिली है। निरल पुरती को 94 हजार 163 वोट मिला। जबकि भाजपा के निकटतम प्रतिद्वंद्वी बड़कुंवर गागराई को 34 हजार 560 मत प्राप्त हुआ।

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    इस प्रकार 59 हजार 603 के भारी अंतर से जीत मिली है। इतनी बड़ी जीत का अंतर लोकसभा चुनाव 2024 के परिणाम को दोहरा दिया है। लोकसभा चुनाव में मिली जीत ने भी मझगांव विधायक निरल पुरती के कद को बढ़ा दिया था।

    विधानसभा में अच्छी पकड़

    विधानसभा में अच्छी पकड़ के साथ लगातार दूसरे बार विधायक रहने वाले निरल पुरती के मुकाबले भारतीय जनता पार्टी ने पूराने बड़े नेता बड़कुंवर गागराई को मैदान में उतारा था।

    भाजपा के द्वारा प्रत्याशी घोषित करने में देरी ने भी उनकी विधानसभा में तैयारी को नुकसान पहुंचाया। क्योंकि बड़कुंवर गागराई 2024 के लोकसभा चुनाव में भी तैयारी कर रहे थे, लेकिन अंत समय में भाजपा में शामिल होने वाली गीता कोड़ा को प्रत्याशी बना दिया था।

    वहीं हाल विधानसभा चुनाव में भी प्रत्याशी घोषित करने के इंतजार में रहे। 10 साल बाद फिर से बड़कुंवर पर दांव खेला गया लेकिन वह समय कम होने के कारण जनता के बीच अपनी बात नहीं पहुंचा सके और उन्हें हार का दंश झेलना पड़ा।

    तालमेल बैठाने में काफी परेशानी हुई

    वहीं बड़कुंवर गागराई के पूराने कार्यकर्ता भी उनसे काफी दूर हो गये थे, जिससे तालमेल बैठाने में उन्हें काफी परेशानी हुई। भाजपा के नेता निर्दलीय प्रत्याशी माधव चंद्र कुंकल पर भी जरुरत से अधिक भरोसा कर बैठे थे।

    माधव को झामुमो का वोट मंझारी व तांतनगर में बड़े अंतर से काटने वाला माना जा रहा था लेकिन वह भी मात्र 16 हजार के करीब ही ला पाये, जिसके कारण पूरा गणित ही बिगड़ गया। निरल पुरती के पीए रहे सुनील सिरका के बागी तेवर का भी कोई असर नहीं दिखा।

    उनके द्वारा लगाये गये आरोपों को जवाब भी जनता ने वोट देकर निरल के प्रति सहानुभूति दिखाये। वहीं निरल पुरती के सुलभ जनता के बीच उपलब्धता और लगातार क्षेत्र का भ्रमण भी मजबूत आधार रहा है।

    मझगांव विधानसभा में सड़कों की स्थिति सुधारने में भी उनका बेहतर योगदान रहा है। झारखंड मुक्ति मोर्चा का जनाधार भी इस विधानसभा में लगातार बढ़ता ही जा रहा है।

    निरल पुरती के जीत के पांच कारण

    • जनता के बीच सुलभ उपलब्धता
    • हो जनजाती के बीच अच्छी पकड़
    • लगातार क्षेत्र भ्रमण कर जनता से मिलना
    • किसी भी क्षेत्र में किसी को हस्तक्षेप नहीं करना
    • झारखंड मुक्ति मोर्चा का मजबूत पार्टी संगठन

    बड़कुंवर गागराई के हार के पांच कारण

    • भाजपा के द्वारा लगातार भरोसा नहीं करना
    • पार्टी के द्वारा देरी से प्रत्याशी घोषित करना
    • पूराने भाजपा संगठन के कार्यकर्ताओं की दूरी
    • जनता के बीच लगातार संपर्क में नहीं करना
    • संगठन का बिखराव और आपसी खिंचतान

    मझगांव विधानसभा से चुनाव परिणाम

    • निरल पुरती (झामुमो) - 96163
    • बड़कुंवर गागराई (भाजपा) - 34560
    • माधव चंद्र कुंकल (निर्दलीय) - 16139
    • सरोती देवगम (निर्दलीय) - 1398
    • बहालेन चांपिया (भारत आदिवासी पार्टी) - 1133
    • बिरसा बोयपाई (निर्दलीय) - 644
    • सुखदेव बिरुली (आरटीआरपी) - 571
    • प्रेम प्रकाश बिरुवा (निर्दलीय) - 488
    • योगेश कालुंडिया (अंबेडकराइट पार्टी आफ इंडिया) - 463
    • प्रकाश चंद्र लागुरी (निर्दलीय) - 434
    • चरण चातर (निर्दलीय) - 422
    • डेविड सिंह कालुंडिया (निर्दलीय) - 279
    • नोटा - 3770