सरडेगा रनिंग रूम में शराब पीने का वीडियो वायरल, लोको पायलट और शंटर को DRM ने किया सस्पेंड
चक्रधरपुर रेलमंडल के झारसुगुड़ा सरडेगा रनिंग रूम में शराबखोरी का मामला सामने आने के बाद मंडल रेल प्रशासन ने तत्काल कार्रवाई करते हुए लोको पायलट दिवाकर कुमार और शंटर लोरे सिंह मुंडा को निलंबित कर दिया है। सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो में दोनों रेलकर्मी रनिंग रूम में शराब पीते हुए पाए गए थे जिसके बाद डीआरएम ने मामले को गंभीरता से लेते हुए यह कदम उठाया।

जागरण संवाददाता, चक्रधरपुर। चक्रधरपुर रेलमंडल के झारसुगुड़ा सरडेगा रनिंग रूम शराबखोरी कांड में चक्रधरपुर मंडल रेल प्रशासन ने तत्काल प्रभाव से एक लोको पायलट दिवाकर कुमार और एक शंटर लोरे सिंह मुंडा को निलंबित कर दिया है।
इसमें शामिल अन्य लोगों की पहचान की जा रही है। निलंबित लोको पायलट दिवाकर कुमार दक्षिण पूर्व रेलवे में मान्यता प्राप्त रेलवे मेंस यूनियन से जुड़ा है। यह कार्रवाई ट्वीट के बाद की गई है। इस मामले की जांच आरपीएफ के अलावा डीआरएम के आदेश पर विभागीय टीम भी कर रही है।
मालूम रहे कि दो दिन पहले सोशल मीडिया पर सस्पेंड हुए दोनों रेल कर्मियों का रनिंग रूम के अन्दर शराब पीने का वीडियो वायरल हुआ था। वायरल वीडियो में दोनों रेलकर्मी कमरे में शराब पीते नजर आ रहे हैं।
सेफ्टी नियमों को दरकिनार कर बेखौफ रनिंग रूप में शराब पीने का वीडियो सामने आने के बाद चक्रधरपुर रेल डीआरएम तरुण हुरिया ने मामले को गंभीरता से लेते हुए सोमवार को दोनों दोषी रेलकर्मियों को सस्पेंड कर दिया है।
वायरल वीडियो चक्रधरपुर रेलमंडल के सरडेगा (एमसीएल ) रनिंग रूम का है। वायरल वीडियो में कुछ लोग कमरे में शराब पीते नजर आ रहे हैं। सेफ्टी नियमों को दरकिनार कर बेखौफ रनिंग रूप में शराब पीने का वीडियो सामने आने के बाद ट्वीट के जरिए रेल प्रशासन को जानकारी दी गई और मामले में तत्काल जांच व कार्रवाई की जरूरत बतायी थी।
मालूम हो कि दो दिन पहले ही चक्रधरपुर डीआरएम तरुण हुरिया ने झारसुगुड़ा लॉबी और रनिंग रूम का निरीक्षण किया था। डीआरएम यहां की व्यवस्था पर इतने नाराज थे कि उन्होंने सीनियर डीईई (ओपी) एसके मीना को भी निशाने पर लिया और स्पष्ट रूप से वर्तमान सीसीसी हरिहरा स्वायं को बदलने के आदेश तक दे डाला।
रेलकर्मियों का ही यह कहना है कि सरडेगा में आगजनी के बाद दिवाकर कुमार को केयरटेकर से हटा दिया गया था लेकिन उसे झारसुगुड़ा में बनाये रखा गया। यहां भी उसकी ड्यूटी अधिकांश नन-रन में बुक की गयी ।यही नहीं उसे दो रूट पर ही भेजा जाता है जबकि दूसरे पायलट चार रूट पर जाते है।
इस भेदभाव से दूसरे लोको पायलटों में गहरा आक्रोश है। लोको पायलट दिवाकर के ड्यूटी रोस्टर की जांच से बड़े गोलमाल का खुलासा होने की बात कहते हैं ।
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