Chakradharpur Railway Quarter में दौड़ी बिजली, करंट से रेलकर्मी की मौत
चक्रधरपुर रेल मंडल के डांगुवापोसी में रेलवे क्वार्टर के अंदर एक रेलकर्मी पवन कुमार की बिजली करंट से दर्दनाक मौत हो गई। रेकलकर्मी डांगुवापोसी में इंजीनियरिंग विभाग में कार्यरत था । उसे रेलवे में नौकरी मिले अभी महज चार साल ही हुए थे। रेल क्वार्टर में वह अकेला रहता था।

जागरण संवाददाता, चक्रधरपुर । चक्रधरपुर रेल मंडल के डांगुवापोसी में रेलवे क्वार्टर के अंदर एक रेलकर्मी की बिजली की चपेट में आकर दर्दनाक मौत हो गई। मृतक रेलकर्मी का नाम पवन कुमार है।
वह डांगुवापोसी में इंजीनियरिंग विभाग में कार्यरत था । उसे रेलवे में नौकरी मिले अभी महज चार साल ही हुए थे। रेल क्वार्टर में वह अकेला रहता था।
सोमवार को जब वह ड्यूटी पर नहीं गया तो इंजीनियरिंग विभाग के इंचार्ज ने पवन को फोन किया ।लेकिन पवन का फोन नहीं उठा। इसके बाद कुछ रेलकर्मी उसके क्वार्टर उसे बुलाने के लिए गए ।
उन्होंने जैसे ही दरवाजा खोला, अंदर का नजारा देख सभी के होश उड़ गए। पवन बिजली के तारों से लिपटा था। और उसके शरीर पर कोई हलचल नहीं थी। वह फर्श पर गिरा पड़ा था ।
घटना की सूचना तुरंत रेलवे बिजली विभाग को दी गई। इसके बाद बिजली बंद की गई । बिजली बंद करने के बाद पवन की जांच की गई तो उसकी मौत हो चुकी थी।
इस घटना से पुरे डांगुवापोसी में शोक की कहर दौड़ गई है । मेंस कांग्रेस के डांगुवापोसी शाखा सचिव सुभाष मजुमदार ने घटना पर गहरा शोक व्यक्त किया है ।
स्थानीय रेल कर्मियों का कहना है कि डांगुवापोसी में रेलवे क्वार्टरों की हालत बेहद खराब है। ऊपर से क्वार्टरों में बिजली वायरिंग भी जर्जर हालत में है। इससे आये दिन अनहोनी की आशंका बनी रहती है।
रेल कर्मियों का आरोप है कि पहले से ही क्वार्टरों में करंट दौड़ रहा था। रेलकर्मी और उनके परिजन डरे सहमे हुए थे। शिकायत के बाद भी त्वरित कार्रवाई नहीं की गई ।
यही वजह है की पवन की बिजली करंट की चपेट में आकर मौत हो गई । डांगुवापोसी में लगातार हुई बारिश के कारण बिजली व्यवस्था चौपट हो गई थी।
लेकिन जब सुबह बिजली आई तो रेलकर्मी पवन की जान ले गई। यहां रेलवे बिजली विभाग की लापरवाही से पहले भी रेलकर्मियों की जानें जा चुकी हैं। इसके बावजूद इस पर विभाग की लापरवाही बनी हुई है और रेल कर्मियों की जान जा रही है।
सबसे दुःख की बात यह रही की कई घंटों तक रेल कर्मी पवन का शव क्वार्टर में पड़ा रहा लेकिन कोई भी अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा। इससे रेल कर्मियों में भारी आक्रोश और असंतोष व्याप्त है ।
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