Move to Jagran APP

केयू ने 2 घंटे की परीक्षा में पूछे 4 दीर्घ उत्तरीय प्रश्न, 1 घंटे बाद तीन का जवाब देने को कहा

कोरोना काल में कोल्हान विश्वविद्यालय चाईबासा ने परीक्षाएं लेने क

By JagranEdited By: Published: Wed, 30 Sep 2020 09:28 PM (IST)Updated: Thu, 01 Oct 2020 05:07 AM (IST)
केयू ने 2 घंटे की परीक्षा में पूछे 4 दीर्घ उत्तरीय प्रश्न, 1 घंटे बाद तीन का जवाब देने को कहा

जागरण संवाददाता, चक्रधरपुर : कोरोना काल में कोल्हान विश्वविद्यालय चाईबासा ने परीक्षाएं लेने का जोखिम तो उठा लिया है। लेकिन परीक्षाएं प्रारंभ होने के साथ ही विवादों के साये में घिर गया है। परीक्षा लेने में विश्वविद्यालय की लापरवाही साफ तौर पर दिखी। अमूमन 3 घंटे की परीक्षा में ही चार दीर्घ उत्तरीय प्रश्न पूछे जाते हैं। लेकिन विश्वविद्यालय ने तो 2 घंटे की परीक्षा में ही चार दीर्घ उत्तरीय प्रश्न पूछ डाले। इतना ही नहीं बहुविकल्पी सवाल भी आउट ऑफ सिलेबस आने से परीक्षार्थियों के साथ शिक्षकों के भी सिर चकरा गए। कोल्हान विश्वविद्यालय के इस लापरवाही को परीक्षार्थियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करना कहा रहा है।

loksabha election banner

-क्या है पूरा मामला

मंगलवार से कोल्हान विश्वविद्यालय में पीजी फोर्थ सेमेस्टर की परीक्षाएं प्रारंभ हुई। परीक्षा कार्यक्रम के मुताबिक पीजी भूगोल फोर्थ सेमेस्टर की परीक्षा भी थी। परीक्षा आधारित सूचना के अनुसार प्रश्न पत्र (कुल अंक 70 ), समय 2 घंटे की परीक्षा में ऑब्जेक्टिव टाइप 10 प्रश्न (10 अंक) तथा लांग आंसर 4 प्रश्न (15म4=60 अंक) पूछे गए। 2 घंटे की परीक्षा में चार्ज दीर्घ उत्तरीय प्रश्न पर सवाल खड़े करने पर परीक्षार्थियों से परीक्षा केंद्र के शिक्षकों ने कहा कि प्रश्न आधारित उत्तर दें। तत्पश्चात पुन: निर्देश 1 घंटे समय समाप्त होने के पश्चात आता है कि अब 4 के स्थान पर 3 प्रश्नों के उत्तर देने हैं।वहीं जमशेदपुर के छात्रों को यह सूचना काफी पहले दे दी गई। जिससे परीक्षा नीतिगत नहीं होना समझा जाएगा ।

-सिलेबस में अस्पष्टता बनी जी का जंजाल

कोल्हान विश्वविद्यालय का सिलेबस टॉपिक पूरी तरह स्पष्ट भी नहीं करता है कि किस किस क्षेत्र को पढ़ना है और कितना पढ़ना है। कुछ प्रश्न ऑब्जेक्टिव टाइप के ऐसे थे जो संभवत: किसी तरह से पाठ्यक्रम के अनुरूप नहीं थे। पीजी भूगोल फोर्थ सेमेस्टर पाठ्यक्रम- प्रादेशिक नियोजन और विकास (भारत) में इन सवालों पर परीक्षार्थियों ने आक्षेप किया।

-इन प्रश्नों को परीक्षार्थियों ने बताया बेतुका और आउट आफ सिलेबस

प्रश्न -1.1944 में इनमें से किसने इस शब्द का प्रयोग किया 'सादा जीवन उच्च विचार''

2. मनुष्य के लिए मनुष्य से अधिक महत्वपूर्ण कोई नहीं है ।

3. पाठ्यक्रम में- ए केस स्टडी ऑफ झारखंड, रीजनल डेवलपमेंट इन इंडिया-प्रॉब्लम्स एंड प्रोस्पेक्ट्स है। परंतु प्रश्न है- नीदरलैंड में पोल्डर भूमि के प्रकार को क्या कहा जाता है।

4. पाठ्यक्रम - फिजिकल रिजन, रिसोर्स रीजंस, स्पेशल परपज रीजंस- रिवर वैली रीजंस, मेट्रोपॉलिटन रीजन है। लेकिन पूछा गया प्रश्न. भारत के जनजातीय प्रदेश की पहचान करें तथा उनका वर्णन समस्या ग्रस्त प्रदेशों के रूप में करें।

5. पाठ्यक्रम - ए केस स्टडी ऑफ झारखंड में प्रश्न - झारखंड को विभिन्न नियोजन प्रदेशों में विभक्त कर किसी एक की विशिष्टताओं का उल्लेख करें।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.