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    Rain In Jharkhand: नोवामुंडी में कुदरत का कहर, 200 से अधिक परिवार हुए बेघर; स्कूलों में ली शरण

    नोवामुंडी किरीबुरू और गुवा समेत लौहांचल में आंधी बारिश और ओलावृष्टि से भारी तबाही हुई। 200 से अधिक कच्चे मकान क्षतिग्रस्त हो गए जिससे लगभग 225 परिवार बेघर हो गए। इन परिवारों ने स्कूलों में शरण ली है। सबसे ज्यादा नुकसान हुटूबसुड रुतागुटु और पदापहाड़ गांवों में हुआ है। बेघर हुए परिवारों को शुकवार देर रात तक भोजन तक नसीब नहीं हुआ।

    By Parmanand Gope Edited By: Piyush Pandey Updated: Fri, 18 Apr 2025 10:38 PM (IST)
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    नोवामुंडी में कुदरत का कहर, 200 से अधिक परिवार हुए बेघर। (जागरण)

    संवाद सूत्र, नोवामुंडी। नोवामुंडी, किरीबुरू, गुवा समेत पूरे लौहांचल के इलाकों में शुक्रवार शाम को हुई आंधी, तेज वर्षा और ओलावृष्टि ने जमकर तबाही मचाई।

    आंधी, वर्षा और ओले गिरने से 200 से अधिक कच्चे मकान क्षतिग्रस्त हो गए। मकान क्षतिग्रस्त हो जाने के कारण लगभग 225 परिवार बेघर हो गये। बेघर परिवारों ने देर रात स्कूलों को अपना बसेरा बनाया है।

    बताया जा रहा है कि हुटूबसुड गांव के करीब 40 परिवार, रुतागुटु गांव के 25 परिवार और पदापहाड़ गांव के करीब 150 लोगों के मकान की छत क्षतिग्रस्त होने से पीड़ित परिवारों ने रात को स्कूल में शरण ली है।

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    तेज आंधी में घर पर गिरा पेड़।

    दो दर्जन से अधिक परिवारों ने पदापहाड़ मुंडासाई के उत्क्रमित मिडिल स्कूल में ठिकाना बनाया है। नुकसान की सूचना मिलने पर कादाजामदा पंचायत के मुखिया हीरामन पुरती ने राहत और बचाव कार्य क्षेत्र में शुरू किया है।

    मुखिया ने दी जानकारी

    मुखिया ने बताया कि शुक्रवार शाम करीब पांच बजे आई तेज वर्षा के साथ ओलावृष्टि से जन जीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है। एक घंटे तक हुई वर्षा और ओले से मकानों की छत, एजबेस्टस, खपड़ा और टाइल्स टूटकर बिखर गई है। कई घरों की दीवारें ध्वस्त हो गयी हैं।

    आंधी ने मचाई तबाही।

    इनके कितने मवेशी मरे या बचे हैं, अभी तक पता नहीं चल सका है। बेघर हुए परिवारों को शुकवार देर रात तक भोजन तक नसीब नहीं हुआ। मुखिया हिरामन पुरती टाटा स्टील के अधिकारियों से बातचीत कर इन्हें रात की भोजन के रूप में चूड़ा और गुड़ की व्यवस्था करने में लगे हैं।

    खटिया बिछाकर गुजारी रात

    मुंडासाई के राजेन्द्र बालमुचु ने बताया कि उनका घर आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुआ है। जगह-जगह एजबेस्टस टूटने के बाद भी कहीं-कहीं सुरक्षित है। कमरे के भीतर जमा पानी को हटाकर किसी तरह से खटिया बिछाकर रात गुजारनी पड़ेगी।

    घर में चूल्हा नहीं जलने के कारण परिवार के सभी सदस्यों को रात का भोजन नसीब नहीं होगा। राजेन्द्र बालमुचु ने बताया कि तेज वर्षा और ओले से पदापहाड़ मुंडासाई के जेमा बालमुचु, प्रधान बालमुचु, भीम बालमुचु, मनसा बालमुचु, जितेंद्र बालमुचु, सुखराम बालमुचु, गंगाराम बालमुचु, गोनो बालमुचु, शंभु बालमुचु, सनातन बालमुचु, जोगना तिरिया, डुका पुरती, सुखराम बालमुचु, रोशन बालमुचु, दिरजो बालमुचु ने घरों के क्षतिग्रस्त होने की सूचना दी है।

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