Jharkhand News: थैलेसीमिया पीड़ित 5 बच्चों के लिए किया रक्तदान, 44 डोनर में से 3 HIV पॉजिटिव मिले
झारखंड में स्वास्थ्य विभाग की जांच में थैलेसीमिया से पीड़ित बच्चों को रक्त दान करने वाले 44 लोगों में से तीन एचआईवी पॉजिटिव पाए गए। यह चौंकाने वाली घटना रक्त सुरक्षा और जांच प्रक्रियाओं पर सवाल उठाती है। स्वास्थ्य विभाग ने तत्काल जांच शुरू कर दी है और एचआईवी पॉजिटिव पाए गए रक्तदाताओं को उपचार के लिए रेफर किया जा रहा है। यह थैलेसीमिया रोगियों के लिए एक गंभीर खतरा है।

झारखंड सरकार के स्वास्थ्य मंत्री डॉ इरफान अंसारी ने चाईबासा सदर अस्पताल ब्लड बैंक का निरीक्षण किया।
जागरण संवाददाता, चाईबासा। 2023–24 से अब तक 253 ब्लड डोनरों की पहचान की गई है। इनमें से अभी 44 लोगों की सैंपल जांच की गई है। इनमें तीन एचआइवी पॉजिटिव पाए गए हैं।
यह बातें चाईबासा सदर अस्पताल में थैलेसीमिया रोग से ग्रसित बच्चों में एचआइवी पाए जाने के मामले की जांच करने पहुंचे झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने कहीं।
उन्होंने कहा कि चाईबासा ब्लड बैंक से ही थैलीसीमिया बीमारी से ग्रसित पांच बच्चों की पहचान एचआइवी पॉजिटिव के रूप में हुई है।
इसे लेकर हमने पूरे राज्य के अस्पतालों में जांच के आदेश दिए हैं। इसमें किसी प्रकार के भी कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। 253 ब्लड डोनरों को फोन कर उनका ब्लड लेकर जांच की जा रही है।
कुछ लोग राज्य से बाहर के भी हैं। 44 लोगों के जांच में तीन लोगों के ब्लड एचआइवी पॉजिटिव पाए गए हैं। उनमें से कुछ के तो पूरे पांच लोगों का परिवार एचआइवी पॉजिटिव हैं।
इनकी जांच की जा रही है। एचआइवी पॉजीटिव पाए गए पांच बच्चों के परिवार को सरकार द्वारा दो-दो लाख रुपये सहायता राशि प्रदान की जा रही है।
पीड़ित बच्चों को दो-दो लाख रुपये आर्थिक सहायता देने की घोषणा
फिर एक बार सभी बच्चों की जांच की जाएगी। बेहतर जांच के बाद भी अगर पॉजिटिव पाए जाते हैं तो इन बच्चों को मैं अपने तरफ से दो-दो लाख रुपये आर्थिक सहायता दूंगा। साथ ही सरकार की ओर से बच्चों का इलाज पूरी तरह मुफ्त किया जाएगा।

यह एक अच्छी बात है कि चाईबासा से मरीजों की पहचान हुई, जिसके कारण पूरे राज्य में जांच के आदेश दिए गए हैं। सरकार ने तत्काल ही कार्रवाई करते हुए चाईबासा के सिविल सर्जन और संबंधित पदाधिकारी को निलंबित कर दिया है। जबकि ब्लड बैंक में अनुबंध में काम करने वाले गर्मी को भी सेवा से हटा दिया गया है।
अभी फर्स्ट फेज की जांच चल रही है, एक माह के बाद सारी रिपोर्ट आएगी। उसके बाद जो भी दोषी पाए जाएंगे, उनके खिलाफ सरकार सख्त एक्शन लेगी।
सरकार स्वस्थ्य के क्षेत्र में बेहतर सेवा देने के लिए हमेशा तत्पर है। स्वास्थ्य सेवा की जिम्मेदारी पूरे राज्य के डॉक्टर इरफान अंसारी के ऊपर है।
सभी अस्पतालों में चिकित्सक, उपकरण, दवा सभी सुविधा देने का हर संभव प्रयास किया जा रहा है। ब्लड बैंक में एलीजा जांच मशीन नहीं होने की जानकारी मिली है, इसको भी तत्काल दूर करने का प्रयास किया जाएगा।
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने कहा कि चाईबासा सदर अस्पताल में औचक निरीक्षण करते हुए ग्रामीण क्षेत्र से आए मरीज से स्वास्थ्य के बारे जानकारी ली तो संतोषजनक जवाब मिला है।
ओपीडी में मिलने वाली दवा की भी जांच की गई। वह भी काफी संतोषजनक है। एक प्रकार से कहा जाए तो सदर अस्पताल में स्वस्थ को लेकर बेहतर सुविधा दी जा रही है।
एंबुलेंस की समस्या के बारे जानकारी मिली है। पूरे राज्य में एंबुलेंस की समस्या है। इसके समाधान को लेकर नई एंबुलेंस खरीदी जा रही है।
इससे राज्य के प्रत्येक व्यक्ति को स्वस्थ की बेहतर सुविधा मिल सकेगी। वही मैं चाईबासा से घोषणा करता हूं कि पूरे राज्य के सभी सदर अस्पतालों में अच्छी अल्ट्रासाउंड मशीन, सीटी स्कैन मशीन, एक्स-रे मशीन समेत अन्य जितने भी जांच के लिए आधुनिक मशीनों की जरूरत होगी, सभी उपलब्ध करवाई जाएगी।
स्वास्थ्य मंत्री ने इलाज कराने आए दो छोटे बच्चों को गोद में लिया
झारखंड सरकार के स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर स्वस्थ्य इरफान अंसारी चाईबासा सदर अस्पताल ब्लड बैंक में जांच को पहुंचे थे। इस क्रम में उन्होंने ओपीडी में मौजूद दो छोटे बच्चों को गोद में लिया और उनके बारे पूरी जानकारी लेते हुए बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने के निर्देश चिकित्सकों को दिए।
साथ ही उन्होंने बच्चों से नाम -पता पूछते हुए अपनी ओर से 5–5 हजार रुपये नगद राशि के रूप में बच्चों को दिए। इसके बाद सिविल सर्जन कार्यालय में स्वास्थ्य मंत्री ने थैलेसीमिया रोग से ग्रसित बच्चे और उनके परिजनों से मुलाकात कर आर्थिक सहायता प्रदान की।
साथ ही उन्हें बेहतर स्वास्थ सुविधा प्रदान करने के निर्देश दिए। इस दौरान डीसी चंदन कुमार, एसपी अमित रेनू, प्रभारी सिविल सर्जन डॉ. भारती मिंज, अस्पताल उपाधीक्षक डाक्टर शिवचरण हासदा समेत अन्य चिकित्सक मौजूद।

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