झारखंड में बच्चों को संक्रमित खून चढ़ाने से मचा हड़कंप, HIV पॉजिटिव 6 बच्चों की दोबारा होगी जांच
झारखंड में एक बड़ी लापरवाही सामने आई है, जहां बच्चों को संक्रमित खून चढ़ाने का मामला प्रकाश में आया है। इस घटना के बाद, HIV पॉजिटिव पाए गए 6 बच्चों की दोबारा जांच की जाएगी। स्वास्थ्य विभाग मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच कर रहा है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

जांच के लिए चाइबासा पहुंची टीम
जागरण संवाददाता, चाईबासा। सदर अस्पताल, चाईबासा में एचआईवी संक्रमित पाए गए छह थैलीसीमिया बच्चों के रक्त की दोबारा जांच कराई जाएगी। उपायुक्त चंदन कुमार ने इस संबंध में स्वास्थ्य विभाग को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
मामला तब प्रकाश में आया जब थैलीसीमिया से ग्रसित एक बच्चे को कथित रूप से एचआईवी पॉजिटिव रक्त चढ़ाए जाने की बात सामने आई। इस गंभीर आरोप के बाद स्वास्थ्य विभाग हरकत में आ गया और पूरे प्रकरण की जांच शुरू की गई।
शनिवार को झारखंड स्वास्थ्य सेवा के निदेशक डॉ. दिनेश कुमार के नेतृत्व में पांच सदस्यीय जांच समिति चाईबासा पहुंची। जांच टीम ने उपायुक्त से मुलाकात कर अब तक की जानकारी साझा की। बताया कि यहां 56 थैलीसीमिया बच्चे हैं, इनमें से 6 बच्चे एचआइवी पॉजिटिव हैं।
उपायुक्त ने निर्देश दिया कि संक्रमित बच्चों के रक्त की दोबारा जांच जमशेदपुर के एमजीएम अस्पताल या रांची में कराई जाए, ताकि रिपोर्ट की पुष्टि हो सके। साथ ही, सभी बच्चों के स्वास्थ्य की लगातार निगरानी करने और आवश्यक चिकित्सकीय देखभाल सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया गया है।
कोर्ट ने लिया संज्ञान
पश्चिमी सिंहभूम जिले के चाईबासा सदर अस्पताल में एक दिन पहले थैलीसीमिया पीड़ित बच्चे को संक्रमित ब्लड चढ़ाने का गंभीर मामला सामने आने के मामले पर झारखंड हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेते हुए जांच के आदेश दिए हैं। इसके बाद शनिवार को झारखंड सरकार की पांच सदस्यीय विशेष टीम मामले की जांच के लिए रांची से चाईबासा पहुंची।
टीम ने जांच के क्रम में ब्लड बैंक में कई गड़बड़ियां पाईं। चिंताजनक बात यह है कि चाईबासा सदर अस्पताल में भर्ती थैलीसीमिया प्रभावित छह बच्चों के एचआइवी संक्रमित होने की आशंका जताई गई है।
इनमें वह बच्चा भी शामिल है, जिसके अभिभावकों ने शुक्रवार को जिला परिषद सदस्य माधव चंद्र कुंकल के साथ सामने आकर आरोप लगाया था कि उनके बच्चे को एचआइवी संक्रमित खून चढ़ा दिया गया है। अब सभी बच्चों की जांच की जा रही है।
प्रारंभिक जांच में यह सामने आया कि चाईबासा सदर अस्पताल में कुल 56 थैलेसिमिया पीड़ित बच्चों को रक्त चढ़ाया गया है, जिनमें छह बच्चे एचआइवी संक्रमित पाए गए हैं। सभी प्रभावित बच्चों की उम्र छह से आठ वर्ष के बीच है।
जांच के लिए पहुंची स्वास्थ्य विभाग की टीम में झारखंड स्वास्थ्य सेवा के निदेशक डा. दिनेश कुमार, झारखंड स्टेट एड्स कंट्रोल सोसायटी के अपर परियोजना निदेशक डा. एसएस पासवान, ब्लड ट्रांसफ्यूजन सर्विस के प्रभारी उपनिदेशक डॉ. बादल चंद्र, डॉ. शिप्रा दास और डॉ. सुधीर कुमार शामिल हैं।
प्रभावित बच्चे को 32 लोगों ने दिया है रक्त
जांच के दौरान यह भी सामने आया कि थैलीसिमिया पीड़ित सात वर्षीय बच्चे को अब तक 32 लोगों का रक्त दिया गया है। अब सभी 32 व्यक्तियों की लाइन लिस्टिंग की जा रही है। अब उनके रक्त की भी जांच की जाएगी, ताकि यह स्पष्ट हो सके कि बच्चा अस्पताल में ही संक्रमित हुआ या कहीं और।
सिविल सर्जन डॉ. सुशांतो कुमार मांझी ने बताया कि उपाधीक्षक डा. शिवचरण हांसदा, डॉ. मीनू और डा. बारियार को इस जांच के लिए नियुक्त किया गया है। जांच दल ने प्रभावित बच्चों का उच्चस्तरीय इलाज कराने का निर्देश दिया और पूरे जिले में एचआइवी के संबंध में जागरूकता और प्रचार कार्यक्रम चलाने को कहा। वर्तमान में पश्चिमी सिंहभूम जिले में कुल 517 एचआइवी पाजिटिव मरीज पंजीकृत हैं।
बदले की भावना से संक्रमित खून चढ़ाने का लगाया था आरोप
बता दें कि एक दिन पहले मंझारी प्रखंड के जिला परिषद सदस्य माधव चंद्र कुंकल ने आरोप लगाया था कि जिस बच्चे को एचआइवी पाजिटिव रक्त चढ़ाया गया, उसकी बुआ के साथ एक साल पहले ब्लड बैंक के कर्मचारी मनोज कुमार द्वारा दुर्व्यवहार किया गया था।
उन्होंने दावा किया कि बदले की भावना से यह घटना हुई और उच्च स्तरीय जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए। सिविल सर्जन ने आश्वासन दिया है कि जांच पूरी पारदर्शिता के साथ होगी और सभी प्रभावित बच्चों को उचित इलाज उपलब्ध कराया जाएगा।

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