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    चाईबासा में उत्पाद विभाग की छापामारी, अवैध मिनी शराब फैक्ट्री का हुआ भंडाफोड़

    Updated: Thu, 13 Nov 2025 09:03 AM (IST)

    चाईबासा के झींकपानी में उत्पाद विभाग ने एक मिनी शराब फैक्ट्री का पर्दाफाश किया। छापेमारी में भारी मात्रा में अवैध शराब, स्प्रिट और अन्य सामग्री जब्त की गई, जिसकी अनुमानित कीमत 20-22 लाख रुपये है। उत्पाद आयुक्त अरविंद कुमार ने बताया कि फैक्ट्री मालिकों की तलाश जारी है और अवैध शराब के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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    चाईबासा में निनी शराब फैक्ट्री का भंडाफोड़। (जागरण)

    जागरण संवाददाता, चाईबासा। पश्चिम सिंहभूम जिला के झींकपानी थाना अंतर्गत चडाबासा गांव से उत्पाद विभाग ने भारी मात्रा में अवैध शराब जब्त कर मिनी फैक्ट्री को ध्वस्त किया। जिसमें सैकड़ो लीटर तैयार अवैध शराब, रैपर, ढक्कन, खाली बोतल, स्प्रीट समेत अन्य भारी मात्रा में सामग्री बरामद की गई है।

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    इस संबंध में जानकारी देते हुए चाईबासा उत्पादन आयुक्त अरविंद कुमार ने कहा कि गुप्त सूचना के आधार पर झींकपानी थाना अंतर्गत चाडाबासा गांव में गुरुवार सुबह 4 बजे उत्पाद विभाग की टीम छापामारी करने पहुंची।

    काफी खोजबीन के बाद एक पुराने घर में अवैध शराब बनाने की मिनी फैक्ट्री के रूप में बरामद किया गया। वहां से 101 पेटी तैयार अवैध शराब, 500 लीटर अवैध शराब बनाने के लिए रखा स्प्रिट, हजारों खाली बोतल, ढक्कन, रैपर आदि बरामद की गई।

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    अवैध शराब बरामद।

    सभी सामग्री को जब्त कर कार्यालय लाया गया। हालांकि, मिनी फैक्ट्री में कोई व्यक्ति नहीं मिला। लेकिन उनके मालिक का पता लगाया जा रहा है जल्द ही उन पर कार्रवाई की जाएगी।

    प्रथम दृष्टा मनोज साहनी और हरीश बेहरा नामक व्यक्ति की जानकारी मिली है। उनको गिरफ्तार करने के लिए छापामारी की जा रही है। उन्होंने कहा कि चाईबासा जिला में किसी भी हालत में अवैध शराब का संचालन नहीं करने दिया जाएगा। विभाग पूरी तरह मुस्तैद है, आज जो अवैध शराब बरामद किया गया है उन्हें बाजार में ही बेचा जाने वाले था और लोगों को पूरी तरह जहर पिलाया जाने वाला था।

    लोग थोड़े कम दाम के कारण गलत चीज का इस्तेमाल करने लगते हैं ,जबकि इससे जान को खतरा हो सकता है। जब्त अवैध शराब की बाजार कीमत लगभग 20 से 22 लाख रुपये हो सकती है।

    आम ग्रामीणों से अपील भी है कि किसी प्रकार अवैध शराब बनाने खरीदने बेचने की जानकारी मिलने पर तत्काल उत्पाद विभाग को इसकी जानकारी दें। जिस पर आवश्यक कार्रवाई की जा सके।