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    नहीं थम रहा नक्‍सलियों का कहर- गोइलकेरा के ईचाहातु में IED ब्लास्ट, एक व्यक्ति की मौत, पत्नी बुरी तरह से घायल

    पश्चिमी सिंहभूम जिले में भाकपा माओवादियों की दहशतगर्दी लगातार बढ़ती ही जा रही है। अपना डर कायम रखने और सुरक्षा बलों पर निशाना साधने के मकसद से इन्‍होंने जगह-जगह आइइडी बिछा रखा है जिसकी चपेट में मासूम गांववाले आ रहे हैं।

    By Jagran NewsEdited By: Arijita SenUpdated: Wed, 01 Mar 2023 11:01 AM (IST)
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    52 वर्षीय मृत कृष्णा पूर्ति और उनकी घायल पत्‍नी नंदी पूर्ति

    संवाद सूत्र ,गोइलकेरा। झारखंड के पश्चिम सिंहभूम जिले के गोइलकेरा थाना क्षेत्र के ईचाहातु में बुधवार की सुबह एक आईईडी ब्लास्ट की चपेट में आने से 52 वर्षीय कृष्णा पूर्ति की मौत हो गई। जबकि उनकी पत्नी 45 वर्षीय नंदी पूर्ति ब्लास्ट की चपेट में आने के कारण घायल हो गई हैं। ईचाहातु गांव का यह दंपती सुबह खेत में लगी अरहर की फसल को देखने जा रहा था। मुख्य सड़क से कुछ दूर पगडंडियों से होते हुए खेतों की ओर जाने के दौरान जमीन के नीचे लगा आईईडी ब्लास्ट कर गया, जिससे पति-पत्नी गंभीर रूप से घायल हो गए। दोनों को ग्रामीणों के सहयोग से अस्पताल भेजने के लिए घटनास्थल से घर लाया गया था, जहां कृष्णा पूर्ति की मौत हो गई।

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    कुछ दिनों पहले एक और महिला हुई थी घायल

    इससे अभी कुछ दिन पहले टोन्टो थानान्तर्गत ग्राम पटातारोब और रेंगड़ाहातु के बीच स्थित संकुबुरू जंगल में आईआईडी ब्‍लास्‍ट होने से एक 55 साल की महिला बुरी रह से जख्‍मी हो गई थी। महिला लकड़ी चुनने के लिए जंगल में गई हुई थी और तभी उनके साथ यह हादसा हो गया। 

    जिले में नक्‍सलियों का बढ़ता दहशत

    मालूम हो कि बीते एक महीने में जिले में नक्‍सलियों के हमले में यह हुई चौथी मौत है। इसके अलावा, सुरक्षा बलों के दस जवान भी घायल हुए हैं और एक की मौत हुई है। गौरतलब है कि पुलिस एवं सुरक्षा बलों ने कोल्हान क्षेत्र में नक्‍सलियों के खिलाफ अभियान छेड़ रखा है और इससे बौखलाए नक्‍सली दहशत का माहौल कायम रखना चाहते हैं और इसलिए इस तरह की घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं। 

    कौन हैं भाकपा माओवादी

    बताते चलें कि भाकपा माओवादी एक प्रमुख नक्‍सली संगठन है। यह माओइस्ट कम्युनिस्ट सेंटर यानि कि एमसीसी और भाकपा माले पीपुल्‍सवार जैसे दो खूंखार नक्‍सली संगठनों के विलय से बना है। यह संगठन 21 सितंबर, 2004 में बनकर तैयार हुआ। इनका प्रमुख मकसद सामाजिक और राजनीतिक अस्थिरता पैदा करना है।

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