पिता की डांट से नेपाल से भागकर छात्र पहुंचा चक्रधरपुर
नौवीं कक्षा में फेल होने के बाद पड़ोसी देश नेपाल से भागकर एक लड़का झारखंड के चक्रधरपुर पहुंच गया। नौवीं कक्षा में फेल हो जाने से उसके पिता ने उसे डांट लगाई थी।
जासं, चक्रधरपुर : नौवीं कक्षा में फेल होने के बाद पड़ोसी देश नेपाल से भागकर एक लड़का झारखंड के चक्रधरपुर पहुंच गया। नौवीं कक्षा में फेल हो जाने से उसके पिता ने उसे डांट लगाई थी। जिसके बाद छात्र नेपाल से हिमाचल प्रदेश, चंडीगढ़ समेत भारत के विभिन्न कोने में घूमते हुए चार दिन पहले चक्रधरपुर पहुंचा है। चक्रधरपुर में अब खानाबदोश की जिदगी जी रहा है। उनका नाम राजकुमार राजपूत है। वह नेपाल के छिनकेत का रहने वाला है। राजकुमार पिछले चार दिनों से चक्रधरपुर के एनएच 75 सड़क किनारे एक ठेले पर अपने दिन गुजार रहा है। कोई कुछ दे दे तो उसकी भूख मिट रही है, नहीं तो भूखे पेट सोना पड़ रहा है। आज वही राजकुमार घर वापस जाना चाहता है ।
घर से दस हजार रुपये चुरा कर भाग राजकुमार
कोरोना काल के छह महीने में राजकुमार ने जिदगी के उस स़फर को जिया है जिसने इसे जीवन का बड़ा सबक दे दिया है। पिता ने पढ़ाई नहीं करने पर डांटा तो घर से दस हजार रुपये चुराकर भागा था। चाईबासा चाइल्ड लाइन के कस्टडी में था चार महीने
देश के विभिन्न इलाकों से घूमता हुआ राजकुमार चाईबासा पहुंचा। राजकुमार के मुताबिक चाईबासा चाइल्ड लाइन ने अकेला पाकर अपनी सेफ कस्टडी में रख लिया। लेकिन चार महीने बाद जैसे ही राजकुमार 18 साल का हुआ उसे चाइल्ड लाइन ने बाहर का रास्ता दिखा दिया। आज नेपाल का नौवीं क्लास का छात्र राजकुमार चक्रधरपुर के एनएच 75 सड़क मार्ग के किनारे लोगों की रहमों करम पर जी रहा है। कुछ लोगों ने राजकुमार को नेपाल भेजने के लिए जिला प्रशासन को ट्वीट भी किया है। उस अपने किए बहुत पछतावा है। उसे अपने घर की बहुत याद आ रही है ।