Road Accident: हाटगम्हरिया–जैंतगढ़ मार्ग पर भीषण सड़क हादसा, मेला देखने आए युवक को भारी वाहन ने रौंदा
हाटगम्हरिया-जैंतगढ़ मार्ग पर एक दुखद सड़क हादसे में, मेला देखने आए एक युवक को एक तेज़ रफ़्तार भारी वाहन ने रौंद दिया, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। दुर्घटना के बाद स्थानीय लोगों में आक्रोश है और उन्होंने चालक के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। पुलिस ने घटनास्थल पर पहुंचकर जांच शुरू कर दी है।
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हाटगम्हरिया–जैंतगढ़ मार्ग पर भीषण सड़क हादसा
संवाद सूत्र, जगन्नाथपुर। पश्चिमी सिंहभूम जिले में सड़क हादसे थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। हाटगम्हरिया–जैंतगढ़ एनएच-75 पर मंगलवार देर रात एक बार फिर तेज रफ्तार ने एक युवक की जान ले ली।
जलडीहा गांव के पास एक अज्ञात भारी वाहन ने मोटरसाइकिल सवार को रौंद दिया, जिससे उसकी मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई। मृतक की पहचान नोवामुंडी थाना क्षेत्र के सरबिल गांव अंतर्गत हुटुबसुड निवासी आशीष लागुरी (30 वर्ष) के रूप में की गई है।
जानकारी के अनुसार, आशीष लागुरी सोमवार की रात जलडीहा में आयोजित तीन दिवसीय फुटबॉल महाकुंभ सह मेला का आनंद लेने अपने दोस्तों के साथ पहुंचे थे। देर रात लगभग दो बजे वे अपनी मोटरसाइकिल से घर लौट रहे थे। इसी दौरान जलडीहा गांव स्थित एक होटल के समीप उनकी बाइक अज्ञात भारी वाहन की चपेट में आ गई।
दुर्घटना इतनी भयावह थी कि युवक का सिर वाहन के चक्के के नीचे बुरी तरह से कुचल गया और उसने मौके पर ही दम तोड़ दिया। घटना की सूचना मिलते ही जगन्नाथपुर थाना प्रभारी अविनाश हेम्बरम पुलिस बल के साथ घटनास्थल पहुंचे।
पुलिस ने शव को अपने कब्जे में लेकर पंचनामा तैयार किया और पोस्टमार्टम के लिए चाईबासा सदर अस्पताल भेज दिया। इधर, पुलिस ने मृतक के परिजनों को घटना की जानकारी दे दी है।
घटना की सूचना पर आसपास के ग्रामीण और राहगीर बड़ी संख्या में मौके पर जुट गए। लोगों ने बताया कि एनएच-75 सड़क पर आये दिन दुर्घटनाएं हो रही हैं, लेकिन तेज रफ्तार वाहनों और लापरवाह ड्राइवरों पर रोक लगाने की कोई ठोस व्यवस्था अब तक नहीं की गई है।
ग्रामीणों का कहना है कि सड़क पर स्पीड ब्रेकर और चेतावनी संकेतक नहीं होने से हादसों की संख्या बढ़ रही है। स्थानीय लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि इस मार्ग पर यातायात नियंत्रण और सुरक्षा उपायों को लेकर शीघ्र ठोस कदम उठाए जाएं।
लगातार हो रहे हादसों से ग्रामीणों में गहरा रोष व्याप्त है। लोगों का कहना है कि जब तक प्रशासन सक्रिय होकर कार्रवाई नहीं करेगा, तब तक एनएच-75 “मौत का हाईवे” बना रहेगा।
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