नुआगांव-बिशपुर सेक्शन पर हाथियों का आतंक, Trackman रात में जान जोखिम में डाल कर रहे पेट्रोलिंग
चक्रधरपुर रेल मंडल के नुआगांव-बिशपुर सेक्शन में जंगली हाथियों के आतंक से रेलकर्मी और ग्रामीण दहशत में हैं। सूर्यास्त के बाद हाथियों का झुंड रेल पटरियों के पास पहुंच जाता है, जिससे नाइट पेट्रोलिंग करने वाले ट्रैकमैनों को जान जोखिम में डालकर काम करना पड़ रहा है। ग्रामीणों ने रेल प्रशासन और वन विभाग से तत्काल समाधान की मांग की है।

राउरकेला-रांची मुख्य रेल मार्ग के नुआगांव रेलखंड पर विचरण करता हाथियों का झुंड।
रात होते ही रेल पटरियों के पास पहुंच जाता है झुंड
रेलवे कर्मियों के अनुसार, जंगली हाथियों का झुंड अक्सर सूर्यास्त के बाद पटरियों के नजदीक पहुंच जाता है। कई बार हाथियों की संख्या इतनी अधिक होती है कि रेल पटरी के आसपास के क्षेत्र में आवाजाही करना जोखिम भरा हो जाता है।
ट्रैकमैन ड्यूटी पर भारी खतरा, फिर भी जारी है पेट्रोलिंग
सबसे अधिक खतरा उन ट्रैकमैन को है जो रात के समय रेल लाइन की निगरानी (Night Petroling) करते हैं। हाथियों के आगे आने का खतरा और विजिबिलिटी कम होने के कारण वे अत्यधिक जोखिम के बीच ड्यूटी करने को विवश हैं।
ग्रामीणों में भी दहशत, शाम के बाद बाहर निकलना मुश्किल
ग्रामीणों ने बताया कि हाथियों के तांडव का सिलसिला लगातार बढ़ रहा है। वे चाहते हैं कि वन विभाग और रेल प्रशासन मिलकर किसी स्थायी समाधान की व्यवस्था करें।
रेल प्रशासन और वन विभाग से तत्काल पहल की मांग
स्थानीय लोगों ने रेल प्रशासन और वन विभाग से अनुरोध किया है कि नुआगांव-बिशपुर सेक्शन में हाथियों की आवाजाही रोकने या उन्हें सुरक्षित दिशा में पहुंचाने के लिए तम्त्काल कदम उठाए जाएं।

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