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    दुरंतो एक्सप्रेस हादसे से बाल-बाल बची, रेल लाइन के टुकड़े से टकराई; टूट गया इंजन का कैटल गार्ड

    Updated: Thu, 07 Aug 2025 08:43 PM (IST)

    चक्रधरपुर रेल मंडल के महादेवशाल स्टेशन के पास दुरंतो एक्सप्रेस एक रेल के टुकड़े से टकरा गई जिससे इंजन का कैटल गार्ड क्षतिग्रस्त हो गया। रेलकर्मियों की लापरवाही के कारण यह हादसा हुआ जिसमें एक बड़ा खतरा टल गया। राउरकेला में कैटल गार्ड बदलने के बाद ट्रेन को रवाना किया गया। कैटल गार्ड ट्रेन को पटरी से उतरने से बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

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    महादेवशाल में दुरंतो एक्सप्रेस रेल लाइन के टुकड़े से टकराई, इंजन का कैटल गार्ड टूटा, राउरकेला में हुई मरम्मत।

    जागरण संवाददाता, चक्रधरपुर। चक्रधरपुर रेल मंडल के अंतर्गत आने वाले महादेवशाल रेलवे स्टेशन के समीप दुरंतो एक्सप्रेस छह मीटर लंबे एक रेल के टुकड़े से टकरा गई। इस वजह से दुरंतो एक्सप्रेस में लगे इंजन का कैटल गार्ड क्षतिग्रस्त हो गया।

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    राउरकेला स्टेशन में दुरंतो एक्सप्रेस के इंजन का कैटल गार्ड बदला गया। इसके बाद ही दुरंतो एक्सप्रेस को पुणे के लिए रवाना किया गया। जानकारी के अनुसार, महादेवशाल मंदिर के पास गुरुवार की सुबह करीब 11.15 बजे दुरंतो एक्सप्रेस छह मीटर लंबे एक रेल के टुकड़े से टकरा गई।

    रेल के टुकड़े को रेलकर्मियों द्वारा अप से डाउन लाइन में शिफ्ट किया जा रहा था। इसी दौरान अचानक ट्रेन के आ जाने पर रेलकर्मियों को अपनी जान बचाने के लिए रेल को ट्रैक पर ही छोड़ देना पड़ा। दुरंतो एक्सप्रेस की इंजन से ट्रैक पर गिरे रेल की टक्कर हो गई।

    यात्रियों की बेंच पर जा गिरा टुकड़ा

    टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि रेल का छह मीटर लंबा वजनी टुकड़ा हवा में उछलकर अप प्लेटफार्म में यात्रियों के बैठने के लिए बनी बेंच पर जा गिरा। गनीमत रही कि वहां कोई मौजूद नहीं था। वरना रेल टुकड़े की चपेट में आने पर किसी की जान भी जा सकती थी।

    इधर, घटना के बाद दुरंतो एक्सप्रेस के चालक दल ने ट्रेन रोक दी। टक्कर से इंजन के आगे का हिस्सा भी क्षतिग्रस्त हुआ है। करीब आधे घंटे ट्रेन रुकी रही। पीछे चल रही वंदे भारत एक्सप्रेस को गोइलकेरा में रोकना पड़ा।

    हो सकता था बड़ा हादसा

    बताया जा रहा है कि रेलकर्मियों द्वारा महादेवशाल मंदिर के पास मेंटेनेंस का कार्य किया जा रहा था। लेकिन ट्रेन के अचानक आ जाने की स्थिति में सुरक्षा के लिए प्रतिनियुक्त प्रोटेक्शन टीम निर्धारित दूरी पर नहीं थी। जिससे वहां रेल टुकड़े को शिफ्ट कर रहे रेलकर्मियों को ट्रेन के आने का आभास नहीं हुआ और न ही ट्रेन को कार्यस्थल से पहले रोका जा सका।

    इस लापरवाही के कारण बड़ा हादसा हो सकता था। श्रावण मास में महादेवशाल मंदिर में होने वाली भीड़ के कारण अभी सभी ट्रेनों को मंदिर के पास नियंत्रित गति से पार कराया जा रहा है। जिसके चलते ट्रेन अपनी पूरी गति पर नहीं थी। जिससे अप्रिय घटना नहीं हुई।

    लेकिन रेल लाइन के टुकड़े से टकराने के कारण दुरंतो एक्सप्रेस में लगे इंजन का कैटल गार्ड लगभग टूट चुका था। इसके बाद दोपहर 12.50 बजे दुरंतो एक्सप्रेस के राउरकेला रेलवे स्टेशन पहुंचने पर ट्रेन को चार नंबर लाइन पर रोककर इंजन में नया कैटल गार्ड लगाया गया।

    क्या होता है कैटल गार्ड?

    इंजन के सामने निचले के भाग में लगी लोहे की जाली को कैटल गार्ड कहा जाता है। असल में इसे मवेशियों की सुरक्षा के लिए नहीं, बल्कि ट्रेन की सुरक्षा के लिए लगाया जाता है। इसे ट्रेन को पटरी से उतरने से बचाने के लिए लगाया जाता है।

    ट्रेन की पटरियां खुले में रहती हैं। ऐसे में इन पर मवेशियों या जानवरों का आ जाना लाजिमी है। ऐसे में अगर जानवर ट्रेन से टकरा भी जाए तो वह ट्रेन के ​नीचे न आ पाए, इसके लिए रेलवे इंजन के अगले हिस्से पर इस लोहे की जाली को लगाया जाता है।

    अगर ट्रेन से टकराने के बाद कोई जानवर ट्रेन के नीचे आ जाता है तो ट्रेन का बैलेंस बिगड़ सकता है और ट्रेन के पटरी से उतरने का भी खतरा रहता है। ऐसे में बहुत बड़ी दुर्घटना हो सकती है।

    इसके अलावा अगर ट्रैक पर कोई बड़ा पत्थर आ गिरे तो यह उससे भी ट्रेन को बचाने का काम करती है। कुल मिलाकर यह लोहे की जाली हर उस चीज को ट्रेन के नीचे आने से रोकती है जिसके कारण ट्रेन के पटरी से उतरने का खतरा रहता है।

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