Jharkhand News: माओवादियों के IED ब्लास्ट में एक CRPF जवान शहीद, दो अस्पताल में भर्ती; एक विधायक के भाई
पश्चिमी सिंहभूमि में माओवादियों ने आईईडी ब्लास्ट किया, जिसमें सीआरपीएफ का एक जवान शहीद हो गया और दो अन्य घायल हो गए। घायल जवानों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। सुरक्षा बलों ने माओवादियों की तलाश में इलाके में तलाशी अभियान शुरू कर दिया है। यह घटना माओवादी खतरे की गंभीरता को दर्शाती है।

जागरण संवाददाता, चाईबासा। सारंडा के घने जंगल में शुक्रवार को हुए आईईडी विस्फोट में सीआरपीएफ 60वीं बटालियन के जवान गंभीर रूप से घायल हो गए थे। इलाज के दौरान हेड कांस्टेबल (जीडी) महेंद्र लश्कर ने बीती रात वीरगति प्राप्त की। शहीद जवान असम के रहने वाले थे।
वहीं, इंस्पेक्टर (जीडी) के. के. मिश्रा और एएसआई (जीडी) रामकृष्ण गगराई घायल अवस्था में अपोलो अस्पताल, राउरकेला में भर्ती हैं, जहां उनका इलाज चल रहा है। दोनों की स्थिति अब खतरे से बाहर बताई जा रही है। घायल जवान रामकृष्ण गागराई खरसावां के विधायक दशरथ गागराई के भाई हैं।
सीआरपीएफ अधिकारियों ने बताया कि घायलों को बेहतर इलाज उपलब्ध कराया जा रहा है। वहीं, शहीद जवान महेंद्र लश्कर के निधन पर पूरे बल में शोक की लहर है। वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि जवान का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। घटना की जांच जारी है, और सुरक्षा बलों ने इलाके में सर्च अभियान तेज कर दिया है।
बता दें कि पश्चिमी सिंहभूम जिले के सारंडा जंगल में माओवादी और सुरक्षाबलों के बीच शुक्रवार की देर शाम मुठभेड़ हुई, जहां सुरक्षाबल माओवादी गतिविधियों पर नज़र रखने और सक्रिय अभियानों के लिए मौजूद थे। इस दौरान कई राउंड फायरिंग हुई और कुछ जवान घायल हो गए।
इससे पहले शुक्रवार की शाम लगभग 4 बजे नक्सल विरोधी अभियान के दौरान एक आइईडी विस्फोट हुआ। विस्फोट में सीआरपीएफ 60 बटालियन के इंस्पेक्टर कौशल कुमार मिश्रा गंभीर रूप से घायल हो गए।
सर्च आपरेशन के दौरान माओवादी द्वारा पहले से छिपाकर रखे गए आइईडी में धमाका हुआ। घायल इंस्पेक्टर को तुरंत प्राथमिक उपचार के लिए ओडिशा के राउरकेला स्थित अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया।
पिछले महीनों में बढ़ी आइईडी घटनाएं
सुरक्षा बलों और आम जनता को पिछले महीनों में सारंडा क्षेत्र में आइईडी विस्फोटों से भारी नुकसान हुआ है। 8 अगस्त 2025 को सीआरपीएफ की 209वीं कोबरा बटालियन के दो जवान, राम प्रवेश सिंह और छोटू कश्यप, आईईडी विस्फोट में घायल हुए थे।
22 मार्च 2025 को सीआरपीएफ के सब-इंस्पेक्टर सुनील कुमार मंडल और हेड कांस्टेबल पार्थ प्रतिम डेका आईईडी विस्फोट में घायल हुए, जिसमें बाद में मंडल की अस्पताल में मौत हो गई। 12 अप्रैल 2025 को झारखंड जगुआर के एक कांस्टेबल की भी आइईडी विस्फोट में मृत्यु हुई, जबकि एक अन्य जवान घायल हुआ।
जानवरों की सुरक्षा भी खतरे में
सुरक्षा और मानव जीवन के अलावा पर्यावरण और वन्यजीवों पर भी गंभीर प्रभाव पड़ा है। हाल ही में सारंडा क्षेत्र में तीन हाथी आइईडी विस्फोट की चपेट में आए। इनमें से दो की मौत हो गई, जबकि एक की स्थिति गंभीर बनी हुई है।
यह घटनाएं इस क्षेत्र की कठिन भौगोलिक और नक्सल प्रभावित परिस्थितियों को उजागर करती हैं। वरिष्ठ अधिकारी घटनास्थल पर पहुंचे हैं और मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच शुरू कर दी गई है।
सारंडा वन क्षेत्र में माओवादी गतिविधियों पर नियंत्रण के लिए सुरक्षा बल लगातार अभियान चला रहे हैं, ताकि ग्रामीणों और वन्यजीवों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
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