Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    सारंडा सेंचुरी बनने से संस्कृति, परंपरा और जीविकोपार्जन पर गंभीर असर पड़ेगा, गुवा में जनप्रतिनिधियों ने रखी बात

    Updated: Thu, 02 Oct 2025 11:53 PM (IST)

    सारंडा के 576 वर्ग किमी क्षेत्र को वाइल्ड लाइफ सेंचुरी बनाए जाने के विरोध में रोवाम फुटबाल मैदान में विशाल आमसभा हुई। झारखंड सरकार की पहल पर आयोजित इस दूसरी सभा में करीब 2500 ग्रामीण जुटे और घंटों तक अपनी बातें रखते रहे। विभिन्न गांवों के प्रतिनिधियों ने मंच से साफ कहा कि सेंचुरी बनने से उनकी संस्कृति परंपरा और जीविकोपार्जन पर गंभीर असर पड़ेगा।

    Hero Image
    सारंडा सेंचुरी के विरोध में 2500 ग्रामीण जुटे, तीर-धनुष उठाकर जताया रोष।

    संवाद सूत्र, गुवा(चाइबासा)। सारंडा के 576 वर्ग किमी क्षेत्र को वाइल्ड लाइफ सेंचुरी बनाए जाने के प्रस्ताव को लेकर गुरुवार को रोवाम फुटबाल मैदान में विशाल आमसभा का आयोजन हुआ।

    झारखंड सरकार की पहल पर आयोजित इस दूसरी सभा में करीब 2500 ग्रामीण जुटे और घंटों तक अपनी बातें रखते रहे।

    सभा की शुरुआत सारंडा डीएफओ अभिरूप सिन्हा के संक्षिप्त संबोधन से हुई। इसके बाद विभिन्न गांवों के प्रतिनिधियों ने मंच से साफ कहा कि सेंचुरी बनने से उनकी संस्कृति, परंपरा और जीविकोपार्जन पर गंभीर असर पड़ेगा।

    मानकी सारंडा पीढ़ लगुड़ा देवगम ने कहा कि पहले ग्रामीणों का संरक्षण और विकास सुनिश्चित हो, तभी कोई कदम उठे।

    रोवाम के रामो सिद्धू ने खदानों को रोजगार न देने और पर्यावरण बर्बाद करने का मुद्दा उठाया। पंचायत समिति सदस्य रामेश्वर चांपिया ने ग्रामसभा की अनुमति के बिना सेंचुरी के औचित्य पर सवाल खड़े किए।

    वहीं अमर सिंह सिद्धू का कहना था कि सेंचुरी बनने से आदिवासी परंपराएं नष्ट हो जाएंगी। सभा के दौरान कई ग्रामीण तीर-धनुष लेकर पहुंचे और सेंचुरी के विरोध में नारे लगाए।

    मानकी घाटकुरी सुरेश चांपिया ने मंच से रोड जाम की चेतावनी भी दी। महिला पंचायत समिति सदस्य तारासोय ने सड़क, शिक्षा और स्वास्थ्य की समस्याएं गिनाते हुए कहा कि सरकार ने वादे पूरे नहीं किए।

    गांव-गांव से आए वक्ताओं ने खदानों, रोजगार, शिक्षा, विस्थापन और पर्यावरण को लेकर अपनी पीड़ा जाहिर की। पूर्व मुखिया कपिलेश्वर दोंगो ने साफ कहा कि सेंचुरी का मतलब है, आदिवासी संस्कृति को खत्म करने की साजिश। सभा की अध्यक्षता मंत्री दीपक बिरुवा ने की।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    उन्होंने भरोसा दिलाया कि ग्रामीणों की भावनाओं और आजीविका से जुड़े मुद्दों को सर्वोच्च न्यायालय तक पहुंचाया जाएगा। उन्होंने कहा कि झारखंड सरकार लोकतांत्रिक व्यवस्था का सम्मान करती है ।

    ग्रामीणों की राय को सर्वोपरि मानती है। कार्यक्रम में सांसद जोबा माझी, विधायक सोनाराम सिंकू, विधायक जगत माझी समेत कई जनप्रतिनिधि और अधिकारी मौजूद थे। हालांकि खराब मौसम के कारण समिति के अन्य मंत्री शामिल नहीं हो सके।